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PGI के इतिहास में पहली बार: 7 फीट 7 इंच के व्यक्ति की सर्जरी, जेएंडके पुलिस के कांस्टेबल को थी खतरनाक बीमारी
संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Mon, 26 May 2025 10:46 PM IST
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सार
पीजीआई चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार सबसे लंबे इंसान का इलाज किया गया है। 7 फीट 7 इंच के व्यक्ति की पीजीआई में सफल सर्जरी की गई है। मरीज जेएंडके पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात है।

मरीज के साथ पीजीआई के डॉक्टर्स की टीम।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पीजीआई चंडीगढ़ ने संस्थान के इतिहास में पहली बार 7 फीट 7 इंच व्यक्ति का इलाज किया है। न्यूरो सर्जरी विभाग ने न्यूरोएनेस्थीसिया टीम के सहयोग से जम्मू-कश्मीर पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात सुनील कुमार (35) का पिट्यूटरी ट्यूमर का ऑपरेशन किया है। इस मरीज की लंबाई हार्मोनल संतुलन बिगड़ने से 7 फीट 7 इंच हो गई थी। डॉ. राजेश छाबड़ा, डॉ. अपिंदरप्रीत सिंह और डॉ. शिल्पी बोस के नेतृत्व में टीम ने ऑपरेशन किया।

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न्यूरो सर्जरी टीम ने डॉ. राजीव चौहान की अगुवाई में न्यूरोएनेस्थीसिया टीम के सहयोग से इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया, जिसमें डॉ. इकजोत और डॉ. दृष्टि पारेख ने भी सहायता की। ओटी टेक्नीशियन गुरप्रीत सिंह सहित ऑपरेशन थियेटर टीम ने इन सुचारू और सुरक्षित सर्जरी को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल कहा कि यह सफलता अटूट प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है। यह मरीज जोड़ों के दर्द, दृष्टि संबंधी समस्याओं और दैनिक गतिविधियों में कठिनाई का सामना कर रहा था। बिना निशान ट्रांसनासल मार्ग के माध्यम से सफल ट्यूमर को हटाया गया। एनेस्थीसिया और गहन चिकित्सा विभाग ने कहा कि सुनील कुमार की असामान्य ऊंचाई और वजन ने एनेस्थीसिया से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना किया। सर्जरी से एक दिन पहले ओटी सेटअप के साथ रिहर्सल की गई।
अतिरिक्त हार्मोन स्रावित होने से बिगड़ता है शरीर का हार्मोनल संतुलन
पीजीआई के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश छाबड़ा ने बताया कि कार्यात्मक पिट्यूटरी एडेनोमा पिट्यूटरी ग्रंथि के गैर कैंसरयुक्त ट्यूमर हैं जो अतिरिक्त हार्मोन स्रावित करते हैं। इससे शरीर का हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है। इसमें शामिल हार्मोन के आधार पर कई तरह के लक्षण पैदा हो सकते हैं। जैसे हाथों और पैरों की असामान्य वृद्धि (एक्रोमेगाली) से लेकर वजन बढ़ना, चेहरे पर सूजन और गर्भवती न होने वाली महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म के साथ स्तन स्राव आदि। अक्सर शुरुआती चरणों में न दिखने वाले यह ट्यूमर गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। इनका तुरंत निदान और उपचार जरूरी है। डॉ. छाबड़ा ने सलाह दी कि असामान्य विकास पैटर्न, मासिक धर्म में परिवर्तन या अस्पष्टीकृत वजन बढ़ने का अनुभव करने वाले मरीजो को हार्मोनल असंतुलन और पिट्यूटरी विकारों को दूर करने के लिए चिकित्सा मूल्यांकन की सलाह दी जाती है।