PU में धरना खत्म: यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मानी ये छह मांगें, प्वाइंट्स में जानिए पिछले 27 दिन में क्या-क्या हुआ
पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र संगठनों ने छह मुख्य मांगें मान ली हैं। इसके बाद पीयू बचाओ मोर्चे ने अपने धरना खत्म कर दिया है। बीते 27 दिन से ये धरना चल रहा था।
विस्तार
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में बीते कई दिनों से चल रहा पीयू बचाओ मोर्चा का धरना आखिरकार आज खत्म हो गया है। पीयू प्रशासन ने मोर्चा की सभी छह मांगें मान ली हैं। इसके बात मोर्चे ने पीयू से अपने सामान हटाना शुरू कर दिया है।
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने छह अहम मांगें रखी थी। छात्रों का कहना है कि ये मांगें विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक माहौल बहाल करने और पिछले साल के घटनाक्रम से जुड़े विवादों को खत्म करने के लिए जरूरी हैं।
छात्र संगठनों की प्रमुख मांगें
- गैर-लोकतांत्रिक वेटिंग कमेटी को खत्म किया जाए। छात्रों का आरोप है कि यह कमेटी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करती है।
- हरियाणा कॉलेजों की संबद्धता पर विचार करने के लिए बनी समिति को भी रद्द किया जाए। छात्र संगठनों का कहना है कि यह समिति बिना स्पष्ट अधिकारों के बनाई गई है।
- पीयूसीएससी का संविधान और मौजूदा एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तुरंत रोके जाएं और इन्हें छात्र संगठनों से राय लेकर बदला जाए।
- छात्र संगठनों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दायर किया गया सिविल सूट वापस लिया जाए।
- पिछले साल सीनेट चुनावों के दौरान हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों में दर्ज की गई एफआईआर को खत्म करने की पूरी प्रक्रिया प्रशासन जल्द से जल्द पूरी करे।
- पिछले साल के सीनेट विरोध में भाग लेने के कारण प्रो. कुलविंदर सिंह और प्रो. सुधीर मेहरा के खिलाफ बनी जांच को वापस लिया जाए, और इस तरह की किसी भी कार्रवाई से बचा जाए जिसे विरोध में भाग लेने के लिए दंडात्मक कदम माना जाए।
छात्रों का कहना है कि जब तक इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से संवाद और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील भी की है। इससे पहले वीरवार शाम के समय पीयू बचाओ मोर्चा की ओर से हर हॉस्टल में जाकर पूरे कैंपस में मार्च निकाला। पूरे कैंपस में मिट्ठी धुन रबाब दी, पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब दी के नारे लगाए। इसके साथ ही गांव के इलाकों से आए विद्यार्थियों और समर्थकों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर जश्न मनाया। लोग ट्रालियों में चढ़कर पूरे कैंपस में नाचते हुए चले।
धरने के वो 27 दिन
- 2 नवंबर- सीनेट सदस्य 90 से 31 सदस्यीय करने का नोटिफिकेशन हुआ जारी
- 3 नवंबर- विद्यार्थियों और सिक्योरिटी के बीच गेट नंबर 2 बंद करने के दौरान हाथापाई
- 5 नवंबर- केंद्र सरकार की ओर से नोटिफिकेशन स्थगित करने नोटिस जारी
- 6 नवंबर- आप सांसद मीत सिंह हेयर-मालविंदर कंग का विरोध
- 7 नवंबर- सीनेट में कोई बदलाव न होने का नोटिफिकेशन जारी
- 8 नवंबर- पीयू में दो दिन की छुट्टी घोषित
- 9 नवंबर- देर रात तक लोगों को प्रवेश न देने पर गेट नंबर 2 पर हंगामा
- 10 नवंबर- महाप्रदर्शन में पहुंचे हजारों लोग, गेट नंबर 1 को तोड़कर प्रवेश हुए थे किसान
- 11 नवंबर- मोर्चा ने परीक्षाएं न होने देने का किया था एलान
- 12 नवंबर- पीयू प्रशासन ने मोर्चा की 4 मांगे मानीं, लिखित कोई लेटर जारी नहीं किया
- 14 नवंबर- हाईकोर्ट ने कहा सियासी अखाड़ा बन रहा पीयू
- 15 नवंबर- पीयू ने परीक्षाएं की थी स्थगित
- 16 नवंबर- 10 को गेट नंबर 1 पर ताला तोड़ने वाले अज्ञात लोगों पर केस दर्ज
- 20 नवंबर- 50 से ज्यादा संगठनों की बैठक के बाद 26 को बंद का एलान
- 22 नवंबर- दुकानदारों को बंद में समर्थन करने के लिए मार्केट में मार्च
- 23 नवंबर- स्टूडेंट सेंटर पर 26 के बंद के लिए निकाला मार्च
- 24 नवंबर- वीसी ने विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग कर 26 को कार्यदिवस करने की घोषणा
- 25 नवंबर- पीयू ने पहले परीक्षाएं डीएवी में की शिफ्ट, रात में हंगामे के बाद की स्थगित
- 26 नवंबर- सभी गेटों पर सुरक्षा एजेंसियों समेत पुलिस रही तैनात, शाम में पहुंचे किसान, बीजेपी दफ्तर घेरने का एलान
- 27 नवंबर- शाम को केंद्र सरकार ने सीनेट चुनावों का शेड्यूल किया जारी, हॉस्टल टू हॉस्टल निकाला मार्च, ट्रैक्चर मार्च कर किया डांस
- 28 नवंबर- पीयू बचाओ मोर्चे की सभी मांगें मानी और धरना खत्म