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Punjab Assembly Session: विश्वास प्रस्ताव 93 मतों से पारित, बसपा-अकाली दल ने नहीं किया विरोध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 03 Oct 2022 05:17 PM IST
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सार
पराली, बिजली और जीएसटी के मुद्दे पर बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हंगामे के बीच विश्वास प्रस्ताव पेश किया था।

विधानसभा में बोलते मुख्यमंत्री भगवंत मान।
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ऑपरेशन लोटस को लेकर पंजाब में भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए आम आदमी पार्टी ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव पास कर दिया है। सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में चल रही सरकार में आस्था जताई और हाथ उठाकर प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान एक अकाली और एक बसपा विधायक भी सदन में मौजूद रहे। इन विधायकों ने न तो प्रस्ताव का विरोध किया और न ही समर्थन, लिहाजा इनका वोट भी विश्वास प्रस्ताव में शामिल किया गया।
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आप सरकार की ओर से लाए गए इस विश्वास प्रस्ताव पर 93 विधायकों ने समर्थन किया। इस दौरान कांग्रेस विधायक सदन से नदारद रहे। सदन में चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में लोगों के विश्वास की जीत हुई है और खरीद-फरोख्त करने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिला है।
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ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के बाद स्पीकर ने संसदीय मामलों के मंत्री को जब नियम 16 के तहत सदन को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित किए जाने का प्रस्ताव पेश करने को कहा तो नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने एतराज जताते हुए शून्यकाल बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह जनता से जुड़े मुद्दे उठाना चाहते हैं, इसलिए शून्यकाल जरूरी है।
स्पीकर द्वारा उनकी मांग को अनदेखा किए जाने पर बाजवा ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि हम उसी जगह (वेल में) आ जाएं। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस के सदस्य वेल में पहुंच गए और शून्यकाल की मांग करने लगे। इस दौरान बाजवा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सदस्य विश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेना चाहते हैं लेकिन शून्यकाल जरूरी है। स्पीकर द्वारा उनकी मांग नहीं माने जाने पर प्रताप बाजवा के साथ सभी कांग्रेस सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।
अंगुराल ने सदन में दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम लिए
आप विधायक शीतल अंगुराल ने बहस में हिस्सा लेते हुए खुलासा किया कि जिन लोगों ने पंजाब के आप विधायकों को खरीदने की कोशिश की, उनके नाम और मोबाइल नंबर वह विजिलेंस को दे आए हैं। अंगुराल ने दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी सदन में बताए, जिनके बारे में 7 सितंबर को अंगुराल को फोन करने वाले ने मिलाने और 25 करोड़ दिलाने की बात कही थी। अंगुराल का यह भी कहना था कि उन्हें कॉल करने वाले ने खुद को हाईकोर्ट का वकील बताया था। स्पीकर ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों के नाम सदन की कार्यवाही से हटवा दिए।