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Punjab: टूरिस्ट वीजा पर गए थे रूस घूमने, जबरन यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतार दिए गए पंजाबी युवक

संवाद न्यूज एजेंसी, गुरदासपुर (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Wed, 06 Mar 2024 03:01 PM IST
सार

दीनानगर और होशियापुर के कुछ युवक लाखों रुपये खर्च कर रूस गए थे। वहां से एजेंट उन्हें बिना वीजा बेलारूस ले गया। बेलारूस पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और रूसी सेना के हवाले कर दिया। इस मामले में पीड़ितों ने एक वीडियो भी जारी किया है।

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Punjabi men arrived in Russia on tourist visa forcibly recruited in Russian army forced to fight Ukraine war
जानकारी देती पीड़ित युवक की मां और बहन - फोटो : संवाद
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विस्तार
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लाखों रुपये लगाकर टूरिस्ट वीजा पर रूस पहुंचे युवक धोखे से बेलारूस भेज दिए गए, जहां से उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने को मजबूर किया जा रहा है। इन युवकों के परिजनों ने केंद्र और पंजाब सरकार से उन्हें बचाने की गुहार लगाई है।

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गुरदासपुर के सीमावर्ती कस्बा दीनानगर के गांव अवांखा निवासी रवनीत सिंह और गांव जंडे निवासी विक्रम सिंह कुछ महीने पहले करीब 11 लाख रुपये खर्च कर रूस गए थे। वहां से एजेंट उन्हें धोखे से बेलारूस ले गया। रूस के टूरिस्ट वीजा होने के कारण उन्हें बेलारूस पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी सेना के हवाले कर दिया। परिवार का कहना है कि इसके बाद उन्हें जबरन रूसी सेना में शामिल कर लिया गया और अब यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने का दबाव डाला जा रहा है।
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रवनीत सिंह की बहन नवदीप कौर और मां कुलवंत कौर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके बेटे का फोन आया था कि वे बेलारूस में पकड़े गए हैं और उन्हें जबरन रूस की सेना में शामिल कर लिया गया है। अब उन्हें जंग में यूक्रेन भेजने की तैयारी की जा रही है। ट्विटर पर इसे लेकर पीड़ितों ने वीडियो भी डाला है।

सेना की भर्ती में दिख रहे हैं युवक
इस वीडियो में बताया जा रहा है कि होशियारपुर के कुछ युवक भी वहां पर फंसे हुए हैं। इन युवकों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वीडियो में ये सभी लोग सेना की वर्दी पहने दिखाई दे रहे हैं। इनमें से गगनदीप सिंह नामक युवक पूरी व्यथा बयान कर रहा है। उसके अनुसार वह साथियों के साथ 27 दिसंबर को नया साल मनाने के लिए रूस के लिए रवाना हुआ था। उन्होंने रूस का 90 दिनों का वीजा लिया था। वहां एक एजेंट ने उन्हें बेलारूस ले जाने की पेशकश की। वे सभी बिना वीजा के बेलारूस चले गए क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वहां का वीजा लेना पड़ता है। वहां उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया गया। रूसी अधिकारियों ने उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिए और अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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