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चंडीगढ़ में राजस्व घाटे व खर्चों में कटौती के आदेश का नहीं दिख रहा असर, अब ऐसे चमकेगी कोठी
अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Tue, 11 Aug 2020 01:37 PM IST
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सांकेतिक तस्वीर
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कोरोना के चलते राजस्व में आई भारी कमी के बावजूद यूटी प्रशासन खर्चे में कटौती की बात तो कर रहा है लेकिन अमल नहीं कर रहा। इसका ताजा मामला एक आईएएस अधिकारी के घर के रेनोवेशन पर 26.44 लाख रुपये खर्च करने का है। इस काम के लिए प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने सभी विभागों से मंजूरी लेकर टेंडर भी जारी कर दिया है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन का टेंडर अब सवालों में आ गया है।
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते यूटी प्रशासन के वित्त विभाग ने सभी अन्य विभागों को अपने खर्चे कम करने के आदेश जारी किए थे। इसमें इंजीनियरिंग विभाग भी शामिल था। वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि सिर्फ आवश्यक कामों को ही इस समय पूरा किया जाए। इसके अलावा प्रत्येक विभाग के बजट में भी कटौती की थी। बावजूद इसके इंजीनियरिंग विभाग सेक्टर-16 के एक घर पर 26.44 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है।
प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है, जिसमें सेक्टर-16 के मकान नंबर-514 के इस घर की रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम शामिल है। जानकारी के अनुसार, यह घर पंजाब कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का है। विभाग ने 8 अगस्त को इस संबंध में टेंडर जारी किया था और 14 अगस्त को इसकी बिड ओपन होनी है।
कर्मचारियों के मकानों की हालत खराब, अधिकारियों पर हो रहे लाखों खर्च
टेंडर के तहत आईएएस अधिकारी के इस घर में ग्राउंड फ्लोर पर मल्टीपर्पज रूम और शौचालय का काम शामिल है। वहीं, पहले फ्लोर पर मकान की रेनोवेशन का काम किया जाना है। इस संबंध में इंजीनियरिंग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस घर में रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम करवाना है, जो लंबे समय से नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अर्बन प्लानिंग विभाग की मंजूरी के बाद ही टेंडर जारी किया गया है।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता हितेश पुरी ने कहा कि अधिकारियों को अलॉट किए जाने वाले इन घरों पर इतने पैसे खर्च करने का कोई तुक नहीं बनता है, वह भी कोरोना काल में। इस समय प्रशासन पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अन्य कर्मचारियों के मकानों की हालत खराब है, उन्हें कोई नहीं देखता। उनके मकानों की हालत बेहद खराब है। कहा कि, प्रशासन को ऐसे फिजूलखर्ची बंद करनी चाहिए।
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बता दें कि कोरोना वायरस के चलते यूटी प्रशासन के वित्त विभाग ने सभी अन्य विभागों को अपने खर्चे कम करने के आदेश जारी किए थे। इसमें इंजीनियरिंग विभाग भी शामिल था। वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि सिर्फ आवश्यक कामों को ही इस समय पूरा किया जाए। इसके अलावा प्रत्येक विभाग के बजट में भी कटौती की थी। बावजूद इसके इंजीनियरिंग विभाग सेक्टर-16 के एक घर पर 26.44 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है।
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प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है, जिसमें सेक्टर-16 के मकान नंबर-514 के इस घर की रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम शामिल है। जानकारी के अनुसार, यह घर पंजाब कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का है। विभाग ने 8 अगस्त को इस संबंध में टेंडर जारी किया था और 14 अगस्त को इसकी बिड ओपन होनी है।
कर्मचारियों के मकानों की हालत खराब, अधिकारियों पर हो रहे लाखों खर्च
टेंडर के तहत आईएएस अधिकारी के इस घर में ग्राउंड फ्लोर पर मल्टीपर्पज रूम और शौचालय का काम शामिल है। वहीं, पहले फ्लोर पर मकान की रेनोवेशन का काम किया जाना है। इस संबंध में इंजीनियरिंग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस घर में रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम करवाना है, जो लंबे समय से नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अर्बन प्लानिंग विभाग की मंजूरी के बाद ही टेंडर जारी किया गया है।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता हितेश पुरी ने कहा कि अधिकारियों को अलॉट किए जाने वाले इन घरों पर इतने पैसे खर्च करने का कोई तुक नहीं बनता है, वह भी कोरोना काल में। इस समय प्रशासन पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अन्य कर्मचारियों के मकानों की हालत खराब है, उन्हें कोई नहीं देखता। उनके मकानों की हालत बेहद खराब है। कहा कि, प्रशासन को ऐसे फिजूलखर्ची बंद करनी चाहिए।