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दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे पर काम शुरू: संगरूर में किसानों और प्रशासन के बीच गतिरोध टूटा, 10 दिन में होगा भुगतान
सुशील कुमार, संवाद, सुनाम ऊधम सिंह वाला (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 21 Nov 2025 01:36 PM IST
सार
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे पर किसानों द्वारा उठाए गए ब्याज भुगतान के मुद्दे को प्रशासन और एनएचएआई ने गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिया कि 2020 से 2023 तक के ब्याज भुगतान की फाइल आगे बढ़ा दी गई है।
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दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे
- फोटो : संवाद
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विस्तार
दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे को लेकर संगरूर में किसानों और प्रशासन के बीच चले लंबे गतिरोध के बाद अब सकारात्मक पहलू सामने आया है। घराचों के पास एक्सप्रेसवे के रुके हिस्से पर काम दोबारा शुरू हो गया है, जिससे परियोजना के सुचारु रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद मजबूत हुई है।
लंबे समय से गांव संतोखपुरा में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां का आंदोलन चल रहा था। प्रशासन से बातचीत के बाद यूनियन ने अपने आंदोलन को सड़क के किनारे पर शिफ्ट कर निर्माण को जारी रखने पर सहमति दे दी है। प्रशासन ने दस दिन के भीतर सभी मांगें पूरी करने का भरोसा दिया है। भरोसे के चलते किसानों ने सहयोग की भावना दिखाते हुए आधा किलोमीटर क्षेत्र में काम फिर से शुरू करने पर सहमति दी है। इससे एक्सप्रेस वे के उस हिस्से में गतिविधियां फिर से तेज हो गई हैं। यह कदम परियोजना के लिए अहम माना जा रहा है। दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान की ओर बढ़े हैं।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि प्रशासन की ओर से स्पष्ट और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिससे बातचीत का रास्ता खुला है। उगराहां ने कहा कि गांव घराचों के अलावा मालेरकोटला के गांव सरौद में मामूली विवाद बरकरार है। प्रशासन की तत्परता से इसके हल होने की संभावना है।
अहम पहलू यह रहा कि प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने किसानों से लगातार संवाद जारी रखा। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि किसानों की किसी भी वैध मांग की अनदेखी नहीं की जाएगी। इस ताजा प्रयास से जम्मू कटरा दिल्ली एक्सप्रेस वे के जल्द पूरा होने की उम्मीद बंध गई है।
एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण ग्रीनफील्ड (नए सिरे से निर्मित) गलियारा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली, अमृतसर और कटरा के बीच यात्रा के समय को काफी कम करना है। इसकी
कुल लंबाई लगभग 670 किमी है और 4-लेन (8 लेन तक विस्तार योग्य) होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 35 हजार करोड़ रुपये है।
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लंबे समय से गांव संतोखपुरा में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां का आंदोलन चल रहा था। प्रशासन से बातचीत के बाद यूनियन ने अपने आंदोलन को सड़क के किनारे पर शिफ्ट कर निर्माण को जारी रखने पर सहमति दे दी है। प्रशासन ने दस दिन के भीतर सभी मांगें पूरी करने का भरोसा दिया है। भरोसे के चलते किसानों ने सहयोग की भावना दिखाते हुए आधा किलोमीटर क्षेत्र में काम फिर से शुरू करने पर सहमति दी है। इससे एक्सप्रेस वे के उस हिस्से में गतिविधियां फिर से तेज हो गई हैं। यह कदम परियोजना के लिए अहम माना जा रहा है। दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान की ओर बढ़े हैं।
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किसानों की मांगों पर प्रशासन ने दिखाई तत्परता
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे पर किसानों द्वारा उठाए गए ब्याज भुगतान के मुद्दे को प्रशासन और एनएचएआई ने गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिया कि 2020 से 2023 तक के ब्याज भुगतान की फाइल आगे बढ़ा दी गई है और इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए लगातार समीक्षा की जा रही है। दस दिन के भीतर भुगतान करने का भरोसा दिलाया गया है।यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि प्रशासन की ओर से स्पष्ट और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिससे बातचीत का रास्ता खुला है। उगराहां ने कहा कि गांव घराचों के अलावा मालेरकोटला के गांव सरौद में मामूली विवाद बरकरार है। प्रशासन की तत्परता से इसके हल होने की संभावना है।
अहम पहलू यह रहा कि प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने किसानों से लगातार संवाद जारी रखा। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि किसानों की किसी भी वैध मांग की अनदेखी नहीं की जाएगी। इस ताजा प्रयास से जम्मू कटरा दिल्ली एक्सप्रेस वे के जल्द पूरा होने की उम्मीद बंध गई है।
एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण ग्रीनफील्ड (नए सिरे से निर्मित) गलियारा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली, अमृतसर और कटरा के बीच यात्रा के समय को काफी कम करना है। इसकी
कुल लंबाई लगभग 670 किमी है और 4-लेन (8 लेन तक विस्तार योग्य) होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 35 हजार करोड़ रुपये है।