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Punjab News: पटियाला जेल में राजोआना से मिले SGPC अध्यक्ष, दो घंटे चली मुलाकात, दोहराई भूख हड़ताल की बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब) Published by: ajay kumar Updated Tue, 28 Nov 2023 11:48 PM IST
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सार

धामी ने कहा कि राजोआना ने अपील वापस न लेने पर भूख हड़ताल करने की बात कही है, जिस पर उसके साथ लंबी चर्चा हुई है। जल्द ही एसजीपीसी कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाएगा। शिअद की कोर कमेटी में भी इस मसले पर चर्चा की जाएगी।

SGPC President meets Balwant Singh Rajoana in Patiala Jail
एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी। - फोटो : फाइल
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विस्तार
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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात की। राजोआना पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या केस में सजा काट रहा है। धामी ने राजोआना के साथ करीब दो घंटे मुलाकात की। इस दौरान राजोआना ने एसजीपीसी प्रधान को एक चिट्ठी सौंपी। इसमें करीब 12 साल बीतने के बावजूद उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने संबंधी एसजीपीसी की ओर से राष्ट्रपति के पास भेजी गई याचिका पर फैसला न होने पर नाराजगी जताई है। 

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राजोआना ने कहा कि एसजीपीसी व शिअद के ओहदेदार इस मसले में अपने बनते कर्तव्य नहीं निभा सके हैं। इसलिए इन्हें श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष समूचे खालसा पंथ से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही राजोआना ने अपनी मांग फिर दोहराई कि अब इस याचिका को जल्द वापस लिया जाए। ऐसा न होने पर पांच दिसंबर से जेल में भूख हड़ताल पर बैठने का एलान किया। राजोआना ने कहा कि इसके परिणामों की जिम्मेदारी एसजीपीसी की होगी।
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धामी ने कहा कि राजोआना ने अपील वापस न लेने पर भूख हड़ताल करने की बात कही है, जिस पर उसके साथ लंबी चर्चा हुई है। जल्द ही एसजीपीसी कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाएगा। शिअद की कोर कमेटी में भी इस मसले पर चर्चा की जाएगी। एडवोकेट धामी ने माना कि करीब 12 साल बाद भी राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की याचिका पर केंद्र की ओर से कोई फैसला न लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

राजोआना ने मुलाकात में एडवोकेट धामी से कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उसकी फांसी की सजा संबंधी केस में बनते फर्ज अदा करने की जिम्मेदारी एसजीपीसी व शिअद को सौंपी गई थी लेकिन आज 11 साल आठ महीने बीतने पर भी यह पूरे नहीं हो सके हैं। जबकि शिअद कई सालों तक केंद्र के साथ गठबंधन में रही है। इसलिए अब और वह इस याचिका पर फैसला आने का इंतजार नहीं कर सकते हैं। इस याचिका को तुरंत वापस लिया जाए।

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