{"_id":"5f2527ce8ebc3e63b37678c1","slug":"travel-agent-and-immigration-fraud-with-students-for-foreign-study","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"विदेशी शिक्षाः जालंधर के चंद एजेंटों के कारण कई विद्यार्थियों की फीसें लटकी, भविष्य लगा दांव पर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
विदेशी शिक्षाः जालंधर के चंद एजेंटों के कारण कई विद्यार्थियों की फीसें लटकी, भविष्य लगा दांव पर
सुरिंदर पाल, जालंधर
Published by: खुशबू गोयल
Updated Sat, 01 Aug 2020 01:59 PM IST
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सांकेतिक तस्वीर
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जालंधर के पैकेज सिस्टम के धंधे वाले कई ट्रेवल एजेंटों की करतूतों के कारण पंजाब से यूके जाने की चाह में बैठे कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक सकता है। यूके में पिछले साल भेजी गई कई बच्चों की फीस को वहां की कुछ यूनिवर्सिटी ने रोक लिया। न तो उनका पैसा लौटाया जा रहा है और न ही उनको ऑफर लैटर भेजा जा रहा है। पुराने विद्यार्थियों की तरफ ध्यान न देकर एजेंटों ने नई मछलियों को फांसना शुरू कर दिया है।
जालंधर के छह एजेंट चर्चा में
जालंधर के छह ट्रेवल एजेंट इस समय पंजाब से लेकर यूके तक में अपना जाल बिछा चुका है। जालंधर के इन छह ट्रेवल एजेंटों में कई तो ऐसे हैं, जिन पर पहले भी यूके दूतावास मामला दर्ज करवा चुका है। इन एजेंटों में कई ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आयकर विभाग व ईडी उच्चस्तरीय जांच कर रही है। एक एजेंट का कार्यालय शहर के नामी पैट्रोल पंप के निकट है। जबकि एक इंडो कैनेडियन कार्यालय के पास।
वहीं बाकी बस स्टैंड के आसपास गढ़ा रोड पर हैं। बताते हैं कि इन एजेंटों ने पूल कर अपना गेम प्लान तैयार किया है। इन एजेंटों के कारण ही पिछले साल बच्चों द्वारा यूके भेजी गई फीस फंस गई है। इसमें कवैंटरी, संडरलैंड, अलस्टर, ग्लासगो कैलेडिन यूनिवर्सिटी की तरफ से बच्चों द्वारा भेजी गई फीस को रोक लिया है। न तो उनको दाखिला दिया गया और न ही उनको फीस वापस की जा रही है।

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जालंधर के छह एजेंट चर्चा में
जालंधर के छह ट्रेवल एजेंट इस समय पंजाब से लेकर यूके तक में अपना जाल बिछा चुका है। जालंधर के इन छह ट्रेवल एजेंटों में कई तो ऐसे हैं, जिन पर पहले भी यूके दूतावास मामला दर्ज करवा चुका है। इन एजेंटों में कई ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आयकर विभाग व ईडी उच्चस्तरीय जांच कर रही है। एक एजेंट का कार्यालय शहर के नामी पैट्रोल पंप के निकट है। जबकि एक इंडो कैनेडियन कार्यालय के पास।
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वहीं बाकी बस स्टैंड के आसपास गढ़ा रोड पर हैं। बताते हैं कि इन एजेंटों ने पूल कर अपना गेम प्लान तैयार किया है। इन एजेंटों के कारण ही पिछले साल बच्चों द्वारा यूके भेजी गई फीस फंस गई है। इसमें कवैंटरी, संडरलैंड, अलस्टर, ग्लासगो कैलेडिन यूनिवर्सिटी की तरफ से बच्चों द्वारा भेजी गई फीस को रोक लिया है। न तो उनको दाखिला दिया गया और न ही उनको फीस वापस की जा रही है।
पिछले साल तीन हजार बच्चे स्टडी छोड़कर हो गए थे फरार...
पंजाब के युवा यूके जाने के क्रेजी हैं। एजेंटो ने यहीं पर अपना खेल दिखाया। 2019 में जब यूके सरकार ने वीजा खोेला तो जालंधर के आधा दर्जन एजेंटों ने ऐसे युवाओं को खोज निकाला, जिनका मकसद स्टडी न होकर सिर्फ यूके पहुंचना था। यूके ने भी दिल खोलकर वीजा दिया और विद्यार्थियों का वेलकम किया। वहां के शिक्षा संस्थानों को भी यह भनक तक नहीं लगी कि वह जिनको दाखिला दे रहे हैं, उनका मकसद स्टडी नहीं है और उनमें तो भारी संख्या में ऐसे भी हैं, जिनके सर्टिफिकेट फर्जी है।
एजेंटों ने विद्यार्थियों से 20-20 लाख रुपये वसूलकर यूनिवर्सिटी में उनका फर्जी दस्तावेजों से एडमिशन करवा दिया। पिछले साल पहले सेशन में पंजाब से स्टडी वीजा पर करीब 5 हजार युवक यूके पहुंच गए। लेकिन इससे पहले की विद्यार्थी दूसरे सेमेस्टर की फीस भरते, करीब 3 हजार स्टूडेंट भाग निकले। वोल्वर हैंपटन यूनिवर्सिटी का तो हाल बेहाल हो गया, वहां पर नाम मात्र बच्चे ही रह गए।
बच्चे अपने खातों से फीस अदा करें: जसपाल सिंह
एसोसिएशन ऑफ ओवरसीज कंसल्टेंट एजुकेशन के प्रधान जसपाल सिंह का कहना है कि स्टडी के लिए विदेश जा रहे विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपने ऑफर लैटर देखकर फीस सीधे यूके के कॉलेज में जमा करवाएं। एजेंटों के हत्थे चढ़ने के स्थान पर हर काम सतर्कता से खुद करें। हमारी इंडस्ट्री में कुछ नए लोग ऐसे आ गए हैं, जिनका मकसद पैसा ही है।
एजेंटों ने विद्यार्थियों से 20-20 लाख रुपये वसूलकर यूनिवर्सिटी में उनका फर्जी दस्तावेजों से एडमिशन करवा दिया। पिछले साल पहले सेशन में पंजाब से स्टडी वीजा पर करीब 5 हजार युवक यूके पहुंच गए। लेकिन इससे पहले की विद्यार्थी दूसरे सेमेस्टर की फीस भरते, करीब 3 हजार स्टूडेंट भाग निकले। वोल्वर हैंपटन यूनिवर्सिटी का तो हाल बेहाल हो गया, वहां पर नाम मात्र बच्चे ही रह गए।
बच्चे अपने खातों से फीस अदा करें: जसपाल सिंह
एसोसिएशन ऑफ ओवरसीज कंसल्टेंट एजुकेशन के प्रधान जसपाल सिंह का कहना है कि स्टडी के लिए विदेश जा रहे विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपने ऑफर लैटर देखकर फीस सीधे यूके के कॉलेज में जमा करवाएं। एजेंटों के हत्थे चढ़ने के स्थान पर हर काम सतर्कता से खुद करें। हमारी इंडस्ट्री में कुछ नए लोग ऐसे आ गए हैं, जिनका मकसद पैसा ही है।