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डॉलर की चाहः अमेरिकी जेलों में दम तोड़तीं रहीं ख्वाहिशें, करनाल में सबसे ज्यादा 'कबूतरबाजी'
प्रवीण पाण्डेय, चंडीगढ़
Published by: खुशबू गोयल
Updated Fri, 05 Jun 2020 01:13 PM IST
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सांकेतिक तस्वीर
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डॉलर कमाने की चाह में अमेरिका गए हरियाणा के 75 और लोग डिपोर्ट कर वापस भेजे गए हैं। एसआईटी ने वीरवार को 75 लोगों के बयान लेने के बाद 75 एफआईआर और दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जबकि 76 लोग जो पहले लौटे थे, उस मामले में भी एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनका रिकार्ड क्राइम ब्रांच से एसआईटी के पास पहुंच गया है।
एसआईटी ने जब सभी 75 लोगों के बयान लिए तो उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से वे अमेरिका की जेलों में यातना झेल रहे थे। कबूतरबाजों के चंगुल में फंस कर उन्होंने रकम भी गंवाई और इज्जत भी। कबूतरबाजों ने उन्हें अवैध ढंग से बार्डर पार करवाया। जिसके चलते वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब जब वे लोग यहां पर आए हैं तो उनके आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि वे दोबारा से जीवन के लिए संघर्ष करें।
सभी पीड़ितों ने एसआईटी के सामने उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलवाने की मांग की है। सभी के बयान होने के बाद एसआईटी प्रमुख करनाल रेंज की आईजी भारती अरोड़ा ने अपनी टीम के साथ बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिए हैं। जिन छह जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एसआईटी में शामिल किया गया है। उनके काम का वितरण भी कर दिया गया है। यही नहीं पुलिस ने करनाल से ही एक कबूतरबाज को उठाया भी है। जिससे पूछताछ चल रही है।
मालूम हो कि इससे पूर्व 76 लोग और डिपोर्ट किए जा चुके हैं। जिनके बयान पहले हो चुके हैं। आज जिन 75 लोगों के बयान हुए हैं वे बाद में आए हैं। जिनके बयान आज एसआईटी ने लिए हैं।
सबसे ज्यादा मामले करनाल के निकले
एसआईटी की पूछताछ में सबसे ज्यादा मामले करनाल के निकले हैं। करनाल के पीड़ित 23 लोगों ने एसआईटी के सामने अपना दर्द बयां किया है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा और यमुनानगर के भी कई मामले हैं। जीटी रोड बेल्ट का यह हिस्सा वह हिस्सा है। जहां पर धान की खेती अधिक होती है। यही कारण है कि यहां के लोग विदेश जाने के अधिक इच्छुक रहते हैं।

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एसआईटी ने जब सभी 75 लोगों के बयान लिए तो उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से वे अमेरिका की जेलों में यातना झेल रहे थे। कबूतरबाजों के चंगुल में फंस कर उन्होंने रकम भी गंवाई और इज्जत भी। कबूतरबाजों ने उन्हें अवैध ढंग से बार्डर पार करवाया। जिसके चलते वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब जब वे लोग यहां पर आए हैं तो उनके आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि वे दोबारा से जीवन के लिए संघर्ष करें।
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सभी पीड़ितों ने एसआईटी के सामने उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलवाने की मांग की है। सभी के बयान होने के बाद एसआईटी प्रमुख करनाल रेंज की आईजी भारती अरोड़ा ने अपनी टीम के साथ बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिए हैं। जिन छह जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एसआईटी में शामिल किया गया है। उनके काम का वितरण भी कर दिया गया है। यही नहीं पुलिस ने करनाल से ही एक कबूतरबाज को उठाया भी है। जिससे पूछताछ चल रही है।
मालूम हो कि इससे पूर्व 76 लोग और डिपोर्ट किए जा चुके हैं। जिनके बयान पहले हो चुके हैं। आज जिन 75 लोगों के बयान हुए हैं वे बाद में आए हैं। जिनके बयान आज एसआईटी ने लिए हैं।
सबसे ज्यादा मामले करनाल के निकले
एसआईटी की पूछताछ में सबसे ज्यादा मामले करनाल के निकले हैं। करनाल के पीड़ित 23 लोगों ने एसआईटी के सामने अपना दर्द बयां किया है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा और यमुनानगर के भी कई मामले हैं। जीटी रोड बेल्ट का यह हिस्सा वह हिस्सा है। जहां पर धान की खेती अधिक होती है। यही कारण है कि यहां के लोग विदेश जाने के अधिक इच्छुक रहते हैं।