{"_id":"6659c4635c65f55fb102dbb3","slug":"voting-in-punjab-for-loksabha-election-today-all-update-2024-05-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"पंजाब का महासंग्राम: 13 सीटों पर 328 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में होगी कैद, दो करोड़ मतदाता होंगे निर्णायक","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
पंजाब का महासंग्राम: 13 सीटों पर 328 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में होगी कैद, दो करोड़ मतदाता होंगे निर्णायक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 01 Jun 2024 12:07 AM IST
सार
कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की अपने गारंटियों के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। आम आदमी पार्टी अपने दो साल के कार्यों को लोगों के बीच ले जाकर ये चुनाव लड़ रही है। पंजाब भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के सहारे हैं। इसी तरह शिरोमणि अकाली दल का क्षेत्रीय पार्टी होने के नाम पर लोगों का समर्थन मांग रही है।
विज्ञापन
पंजाब में मतदान आज
- फोटो : istock
विज्ञापन
विस्तार
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर सांतवे चरण के तहत आज सुबह सात बजे से मतदान होगा और अलग-अलग राजनीतिक दलों व आजाद 328 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी।
Trending Videos
पिछले 83 दिनों से सभी राजनीतिक दल इसी दिन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे। उनकी मेहनत कितनी रंग लाएगी, ये तो 4 जून को मतगणना के दिन साफ हो पाएगा। प्रमुख रूप से चार दलों के 52 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है, लेकिन कई सीटों पर बहुकोणीय होने के चलते मुकाबला रोचक बना हुआ है।
विज्ञापन
विज्ञापन
कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की अपने गारंटियों के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। आम आदमी पार्टी अपने दो साल के कार्यों को लोगों के बीच ले जाकर ये चुनाव लड़ रही है। पंजाब भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के सहारे हैं। इसी तरह शिरोमणि अकाली दल का क्षेत्रीय पार्टी होने के नाम पर लोगों का समर्थन मांग रही है। इस बार चुनाव में सभी दलों की अपने कद्दावर नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है, जिसमें पूर्व सीएम, पूर्व डिप्टी सीएम, मंत्री, सांसद, विधायक व कलाकार तक शामिल है।
कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, मौजूदा सांसद गुरजीत औजला, विधायक सुखपाल खैरा, सांसद अमर सिंह, पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह आप से कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर, बलवीर सिंह, लालजीत भुल्लर, गुरमीत सिंह खुडियां, कुलदीप सिंह धालीवाल व कॉमेडियन व फिल्म अभिनेता कर्मजीत अनमोल चुनाव मैदान में उतर रखे हैं। भाजपा ने सांसद व गायक हंस राज हंस, सांसद सुशील रिंकू, परनीत कौर, अनिता सोमप्रकाश, तरणजीत संधू व सांसद रवनीत बिट्टू पर दांव खेला हुआ है। शिअद ने भी वरिष्ठ नेताओं को ही इस बार तरजीह दी। शिअद से हरसिमरत कौर बादल, अनिल जोशी, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और दलजीत चीमा को चुनावी अखाड़े में उतारा हुआ है।
प्रदेश की 13 सीटों का समीकरण
पटियाला
प्रदेश की बहुचर्चित सीट पटियाला की सियासत हमेशा मोती महल के इर्द गिर्द ही रही। मोती महल से ही कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाली पटियाला सीट की हमेशा किलेबंदी होती रही। लेकिन पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के पाला बदलते ही सियासी समीकरण भी बदल गये हैं। कैप्टन के भाजपा का दामन थामते भी मोती महल भी भगवा के रंग में रंग गया है। इस सीट पर सियासी वर्चस्व दांव पर लगा है। एक तरफ पूर्व सीएम कैप्टन की पत्नी परनीत कौर कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा से चुनाव लड़ रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने गढ़ से इस बार डॉ. धर्मवीर गांधी को उतारा है। पटियाला में 1952 से अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए 11 बार कांग्रेस ने अपना परचम फहराया, लेकिन मोती महल की सियासत बदलते ही अब समीकरण भी बदल गए हैं। कांग्रेस का वोट बैंक बंटता नजर आ रहा है। यह एक हिंदू बाहुल्य क्षेत्र है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब लोकसभा चुनाव की शुरुआत इसी सीट से अपने संबोधन से की। आप ने इस सीट से डॉ. बलबीर सिंह को और शिअद ने एनके शर्मा को उतारा है। डॉ. बलबीर सिंह और एनके शर्मा का वोट बैंक परनीत कौर और डा. गांधी की मुश्किलें खड़ी करेगा।
बठिंडा
बादल के सियासी रसूख से जुड़ी बठिंडा सीट पर इस बार मुकाबल कड़ा है। शिअद प्रमुख ने अपनी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को चौथी बार मैदान में उतारा है। शिअद के गढ़ में इस बार कांटे की टक्कर बनी हुई है। सभी दलों ने कद्दावर नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। शिअद से हरसिमरत कौर बादल चौथी बार अपनी जीत दर्ज करने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है। आप से मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां चुनाव मैदान में हैं, जिन्होंने वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में लंबी सीट पर बड़ा उलटफेर करते हुए पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश बादल को हरा दिया था। भाजपा से पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर और कांग्रेस से पुराने कांग्रेसी और तीन बार के विधायक रहे जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू अकाली दल से घर वापसी करके चुनावी अखाड़े में कूदे हुए हैं।
लुधियाना
लुधियाना सीट पर दो दिग्गज कांग्रेसियों के बीच ही है। कांग्रेस अपने बलिदान और त्याग को बचाने में जुटी है। पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की शहादत को संजोय रखने के लिए कांग्नेस ने अपने प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को मैदान में उतारा है,यह इसलिए हुआ क्योंकि शहीद बेअंत सिंह के पोते और पूर्व कांग्रेसी नेता रवनीत बिट्टू ने भाजपा का दामन थाम लिया। अब यहां दो कांग्रेसियों के बीच सियासी जंग है। यही कारण है कि लुधियाना सबसे हॉट सीट बनी हुई है। आप ने अपने विधायक अशोक पप्पी पराशर और शिअद ने पूर्व विधायक रणजीत सिंह पर दांव खेला है। लुधियाना सीट पर वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने 76,372 मतों के अंतर जीत दर्ज की थी।
फिरोजपुर
27 सालों से शिअद का फिरोजपुर सीट पर दबदबा रहा है। शिअद प्रमुख सुखबीर बादल खुद यहां से सांसद हैं, इस बार उन्होंने पार्टी के सीनियर लीडर रहे सांसद जोरा सिंह मान के बेटे नरदेव सिंह बॉबी मान को मैदान में उतारा है। नरदेव सिंह के सामने कांग्रेस से पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया हैं, जोकि कभी शिअद में होते थे, 2019 में टिकट कटने की वजह से वह शिअद में शामिल हो गए थे और सुखबीर बादल से हार गए थे। इस बार घुबाया हार का बदला लेने फिर मैदान में उतरे हैं। आम आदमी पार्टी से विधायक जगदीप सिंह और भाजपा से गुरमीत सोढी चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। इस सीट पर राय सिख बिरादरी का वर्चस्व है, केवल कांग्रेस ने राय सिख बिरादरी से तालुक रखने वाले घुबाया को मैदान में उतारा है।
खडूर साहिब
असम की डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत बंद अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से ही चुनाव लड़ रहा है। यही कारण है कि पंथक सीट होने के कारण यहां सबकी नजर टीकी हुई है। खडूर साहिब पंजाब की ऐसी सीट है जो माझा, मालवा और दोआबा का प्रतिनिधित्व करती है। यह सीट हमेशा ही अकाली दल के पास रही है। कांग्रेस भी यहां से जीत चुकी है। एक बार अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान भी जीत चुके हैं। खडूर साहिब में पंथक सियासत के चलते मुकाबला और भी कड़ा हो गया है। भाजपा ने भी पंथक छवि होने के चलते यहां से मनजीत मन्ना मियाविंड पर दांव खेला है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलबीर जीरा को टिकट दी है। इसी तरह आप ने मंत्री लालजीत भुल्लर व शिअद ने टकसाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा को चुनावी अखाड़े में उतारा है। यहां वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूद गए हैं। बताया जा रहा है कि पंथक मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरी पार्टी भी निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह को अपना समर्थन देर रहे हैं।
होशियारपुर
होशियारपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की साख दांव पर लगी है। भाजपा ने इस सीट पर सोमप्रकाश की पत्नी अनिता सोमप्रकाश को मैदान में उतारा है। 2019 में सोमप्रकाश ने डॉ. राजकुमार चब्बेवाल को हराया था। इस आर चब्बेवाल कांग्रेस का दामन छोड़कर आप से चुनावी मैदान में हैं। सीट पर किसानों का विरोध भी भाजपा के लिए चुनौती बना हुआ है। शिअद ने चार बार के विधायक व पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल और कांग्रेस ने यामिनी गोमर पर दांव खेला है। यामिनी गोमर पहले भी यहां से चुनाव लड़ चकी हैं। होशियारपुर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां 17 बार हुए लोकसभा चुनाव में 10 बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा ने जीत हासिल की। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस के समर्थन से बसपा के कांशीराम भी एक बार जीत चुके हैं।
गुरदासपुर
सियासी धुरंधरों की सीट गुरदासपुर पर मुकाबला रोचक है।भाजपा, कांग्रेस और शिअद ने जहां अपने धुरंधर और तजुर्बेकार नेताओं को मैदान में उतारा है, वहीं आप ने अपने विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी को मैदान में उतारकर युवा कार्ड खेला है। फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना यहां से सांसद रहे और पिछली बार सन्नी दियोल ने यहां चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। लेकिन इस बार गुरदासपुर में लाइट, कैमरा, एक्शन गायब है, क्योंकि सभी दलों ने स्थानीय प्रत्याशियों पर ही अपना भरोसा जताया है। भाजपा ने दिनेश बब्बू को टिकट दी है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और शिअद ने पूर्व कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा को चुनाव मैदान में उतारा है।
फतेहगढ़ साहिब
वाल्मीकि बाहुल्य क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में सियासी दांव पेंच से ही जीत हासिल होती नजर आ रही है। यहां भाजपा ने कैप्टन के करीबी गेजा राम वाल्मीकि को मैदान में उतारकर बाकी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का गुणा गणित बिगाड़ दिया है। कांग्रेस के मौजूदा सांसद अमर सिंह के लिए कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी खन्ना में रैली कर चुकी हैं। इसी तरह सीएम मान अलावा अन्य राजनतिक दलों के राष्ट्रीय नेता भी यहां जीत पक्की करने के लिए चुनाव में कूदे। आप ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को चुनाव मैदान में उतारा है। शिअद से बिक्रमजीत खालसा चुनाव में उतरे हैं। वह वर्ष 2007 में शिअद की टिकट पर खन्ना से चुनाव जीते थे।
जालंधर
उद्योग और कारोबारी नगरी जालंधर में सियासी उठा-पटक के कारण वोटर शांत है, यहां आखिरी समय में वोटरों का झुकाव जिस तरफ होगा, उससे ही सीट तय होगी। कांग्रेस से आप और फिर भाजपा का दामन थामकर मैदान में उतरे सुशील रिंकू का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, आप के पवन कुमार टीनू और शिअद के मोहिंदर सिंह केपी के साथ है। रिंकू मोदी लहर और 400 पार के सहारे हैं, तो पूर्व सीएम चन्नी ने अपना सियासी जमीन बदलकर ताल ठोकी है। नाराज मोहिंदर सिंह केपी कांग्रेस छोड़कर अकाली दल से चुनाव मैदान में उतरे हैं। आप के टीनू सत्तारुढ़ पार्टी आप के दो साल के कामकाज को भरोसे जनता का विश्वास जुटाने में जुटे हैं।
अमृतसर
पंथक गतिविधियों का केंद्र होने के बावजूद भी इस संसदीय क्षेत्र में हमेशा ही कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार सियासी बिसात बदली हुई है। प्रदेश की सत्ता में आम आदमी पार्टी काबिज है। पहली बार सूबे में अकाली दल और भाजपा आमने-सामने है। कांग्रेस ने इस बार भी गुरजीत औजला पर दांव खेला है। भाजपा से पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू व आप से मंत्री कुलदीप धालीवाल चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी तरह शिअद से पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के उतरने से चौकोना मुकाबला हो गया है।
संगरूर
मुख्यमंत्री भगवंत मान का गढ़ कहे जाने वाली संगरूर सीट पर सियासी वर्चस्व की लड़ाई है। 2022 के उप चुनाव में आप को यहां हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव आप के लिए बेहद अहम है। संगरूर का सियासी इतिहास देखें तो यहां की जनता जीत की हैट्रिक दोहराने नहीं देती। प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर आप को मुकाबला देने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायक सुखपाल सिंह खैरा को मैदान में उतारा है। जिनका कहना है कि इस बार उनकी ये लड़ाई सीधे सीएम मान से है। आप ने मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके लिए सीएम मान की पत्नी और बहन ने मोर्चा संभाला हुआ है। भाजपा ने हिंदू चेहरे अरविंद खन्ना और शिअद से पूर्व विधायक इकबाल सिंह झूंदा चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। शिअद अमृतसर से मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान भी चुनाव लड़ रहे हैं। सीएम मान का गढ़ मानी जाने वाली संगरूर सीट को उप चुनाव में आप ने गंवा दिया था।
आनंदपुर साहिब
इस सीट पर नये बनाम पुराने चेहरों के बीच लड़ाई है। कांग्रेस से पूर्व सांसद विजय इंदर सिंगला और शिरोमणि अकाली दल से पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा चुनाव मैदान में है। इसी तरह भाजपा से पंजाब पार्टी उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा और आप ने प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग टक्कर दे रहे हैं। सिंगला एमएसपी की गारंटी, चंदूमाजरा क्षेत्रीय पार्टी होने के नाम पर, सुभाष मोदी के सहारे व कंग विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
फरीदकोट
फरीदकोट लोकसभा सीट पर दो कलाकार चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। भाजपा ने दिल्ली से लाकर सांसद हंस राज हंस को तो आप ने सीएम मान के करीबी कर्मजीत अनमोल के मैदान में उतारा है। दो कलाकारों के बीच प्रतिद्वंद में किसान आंदोलन की आंच भी झेलनी पड़ रही है। हंस राज हंस को यहां सबसे अधिक किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। यहां कांग्रेस पार्टी अमरजीत कौर और शिअद राजविंदर सिंह धर्मकोट को मैदान में है। दोनों प्रत्याशियों को पार्टी के वोट बैंक से ही उम्मीद है। सीट पर कांटे की टक्कर है और यहां पंथक व किसानी मुद्दे हावी हैं।
2019 में 13 सीटों पर मतदान प्रतिशत
लोकसभा सीट कुल वोटिंग प्रतिशत
गुरदासपुर 69.52
अमृतसर 57.07
खडूर साहिब 64.03
जालंधर 63.04
होशियारपुर 62.16
आनंदपुर साहिब 63.76
लुधियाना 62.16
फतेहगढ़ साहिब 65.68
फरीदकोट 63.23
फिरोजपुर 72.29
बठिंडा 74.11
संगरूर 72.44
पटियाला 67.78
(सीईओ की साइट से लिए वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े)