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महिला शक्ति की मिसाल: चंडीगढ़ की पार्किंग में 50% से ज्यादा महिलाएं तैनात

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 13 Nov 2025 02:10 AM IST
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Women power epitomizes: Chandigarh's parking lot is staffed by over 50% women
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चंडीगढ़। अब घर से लेकर पार्किंग तक महिलाएं चला रही हैं। चंडीगढ़ में 50 फीसदी से ज्यादा पार्किंग अटेंडेंट महिलाएं ही हैं। घर का खर्च उठाने में परिवार का साथ दे रही हैं। चाहे बारिश हो या फिर कोहरा पड़े ये महिलाएं सुबह 8 बजे घर का काम पूरा कर साढ़े आठ बजे ड्यूटी पर तैनात होती हैं। महिलाओं के लिए पार्किंग अटेंडेंट का चैलेंज आसान नहीं है। दिन में कई बार वीआईपी कल्चर वाले इस सिटी में कई लोग इनसे उलझ भी जाते हैं पर अपने शांत स्वभाव से उनको शांत करवा देती हैं। सेक्टर-7 की मार्केट हो या फिर सेक्टर-17 और सेक्टर-35 और सेक्टर-8, 9 ज्यादा महिलाओं ने पार्किंग की इंट्री संभाली है। इन महिलाओं की किसी भी परेशानी से बचाने के लिए ठेकेदार भी अलर्ट रहते हैं और अपने स्टाफ को भी अलर्ट पर रखते हैं।
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अच्छे लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है
मैं रामदरबार में रहती हूं। पहले मैं कोई और काम करती थी। जब पार्किंग के बारे में पता चला तो यहां आ गईं। मुझको यह काम ज्यादा अच्छा लगा। अच्छे लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है और सीखने का मौका भी। -मुत्तू लक्ष्मी, पार्किंग अटेंडेंट, चंडीगढ़
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अब तो लड़कियां प्लेन तक उड़ा रही हैं, चांद तक जा रही हैं तो फिर पार्किंग संभालना क्या मुश्किल है। मैं खुड्डा अलीशेर में रहती हूं। मुझे यहां सुबह साढ़े आठ बजे पहुंचना पड़ता है। घर में खाना बनाकर आती हूं और लौटकर जाती हूं तो भी खाना मैं ही बनाती हूं। -माया, पार्किंग अटेंडेंट
पहले से अब तनख्वाह बेहतर
मैं धनास में रहती हूं। पहले मैं सड़क पर काम करती थी। कस्सी लेकर इधर-उधर दौड़ा करती थी। अब अपने घर से सुबह आठ बजे निकलती हूं और साढ़े आठ बजे ड्यूटी पर आ जाती हूं। हमको डीसी रेट मिलता है। तनख्वाह भी पहले से बेहतर है। -रामबली, पार्किंग अटेंडेंट
पैसों के लिए करते हैं बहस
मैंने 12वीं पास की है। मुझे इस जॉब के बारे में मालूम पड़ा तो अपना बायोडाटा दिया था। मेरा चयन हो गया। यह जॉब महिलाओं के लिए बेहतर है। हमको यहां कई परेशानी होती हैं। कई लोग अपनी गाड़ियों को रोकते ही नहीं या पैसों के लिए बहस करने लगते हैं।
-राजकुमारी, पार्किंग अटेंडेंट
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