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भाटापारा: बल्दाकछार के आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन का अभिनव प्रयास

अमर उजाला नेटवर्क, भाटापारा Published by: Digvijay Singh Updated Sat, 07 Jun 2025 08:28 PM IST
सार

भाटापारा के कसडोल विकासखंड के ग्राम बल्दाकछार में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक सराहनीय पहल की है।

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Innovative effort of the district administration to make the tribals of Baldakchar in Bhatapara self-reliant
जिला प्रशासन का अभिनव प्रयास - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भाटापारा के कसडोल विकासखंड के ग्राम बल्दाकछार में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक सराहनीय पहल की है। कलेक्टर  दीपक सोनी के निर्देश पर चल रही इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को पोषण सुरक्षा के साथ-साथ आजीविका के साधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।



उद्यानिकी विभाग द्वारा इन महिलाओं को मौसमी फल और सब्ज़ी उत्पादन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल से न केवल महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार होगा, बल्कि वे अतिरिक्त उत्पादन को बाजार में विक्रय कर आर्थिक रूप से भी सशक्त बनेंगी। कलेक्टर श्री सोनी ने कहा कि यह प्रयास आदिवासी अंचलों में महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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सहायक संचालक उद्यानिकी श्रीमती आभा पाठक ने जानकारी दी कि हंस वाहिनी स्व सहायता समूह की फूलबाई, फुलेश्वरी, देशियाबाई, पुन्नी बाई, सहोदरा बाई, केरो बाई, सुखवंतीन, सुधारबाई और दिल कुमारी जैसी महिलाओं ने सब्ज़ी उत्पादन में विशेष रुचि दिखाई। इन महिलाओं को शासकीय भूमि पर प्रशिक्षण हेतु भिंडी, बरबट्टी, करेला, लौकी, लाल भाजी, करमता भाजी, पालक जैसी पौष्टिक सब्ज़ियों की खेती करवाई जा रही है। पहले चरण में लगभग 6 किलोग्राम भाजी की तुड़ाई की गई, जिसे महिलाओं ने घरेलू उपयोग में लाकर पोषण लाभ प्राप्त किया। 

इसके अतिरिक्त महिलाओं को नार वाली फसलों में स्टेकिंग और ट्रेलिंग तकनीकों का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, मनरेगा के तहत एक एकड़ क्षेत्र में मिश्रित फल वृक्षों का रोपण किया गया है जिसमें आम, अमरूद, कटहल, सीताफल, आँवला और जामुन के करीब 100 पौधे लगाए गए हैं। विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में इन महिलाओं को 10,000 फलदार पौधों की नर्सरी उत्पादन का भी कार्य कराया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग का उद्देश्य है कि इस योजना से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाए। आने वाले समय में बल्दाकछार की यह पहल अन्य ग्रामों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी।

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