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UP: कैसे जुर्म की दुनिया में फंसा आर्मी मैन का बेटा...भाई को भी ले डूबा, 28 माह की तलाश के बाद ढेर हुआ सिराज

राकेश तिवारी, संवाद न्यूज एजेंसी, सुल्तानपुर Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 22 Dec 2025 11:06 AM IST
सार

यूपी के सहारनपुर में मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर सिराज अहमद की सात थानों की पुलिस को 28 महीने से तलाश थी। आइए जानते हैं कैसे जुर्म की दुनिया में फंसता गया आर्मी मैन का बेटा और भाई को भी ले डूबा। इसकी शुरुआती साल 2006 में मारपीट और लूट की घटना में नाम आने के बाद हुई।

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Siraj Ahmad encounter Police searching for Siraj for 28 month army man son got entangled in world of crime
siraj ahmed encounter - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
सुल्तानपुर में छह अगस्त 2023 को भुलकी चौराहे के पास गैंगस्टर सिराज अहमद ने साथियों के साथ मिलकर अधिवक्ता आजाद अहमद को ताबड़तोड़ गोलियों से हत्याकर दी थी। इस हत्याकांड में नाम आने के बाद क्राइम ब्रांच समेत तीन टीमें बनाई गईं। उसे खोजने के लिए पुलिस खाक छान रही थी। सिराज चोरी-छिपे घर आता और चला जाता। पुलिस की किरकिरी हुई तो 50 हजार और फिर एक लाख तक का इनाम रखा गया, लेकिन फिर भी पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाए।


लखनऊ की हसनगंज, गोसाईंगंज और जिले की पांच थानों की पुलिस फेल साबित हुई तो आखिरकार एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई। 28 महीने बाद सहारनपुर में सिराज को ढेर करने में सफलता मिली।
 
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Siraj Ahmad encounter Police searching for Siraj for 28 month army man son got entangled in world of crime
सिराज अहमद - फोटो : सोशल मीडिया
लोलेपुर निवासी मंसूर अहमद रिटायर्ड आर्मी मैन हैं। अनुशासन, देशभक्ति की सीख देने वाले मंसूर अहमद ने बड़े बेटे मेराज को एनसीसी कराया। सिराज को भी मेहनत से पढ़ाई-लिखाई करने की सीख देते रहे। वर्ष 2006 में दोस्तों के दो गुटों में हुई एक छोटी सी मारपीट के बाद साधारण सा दिखने वाला सिराज जरायम की दुनिया में बढ़ता चला गया।
 
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सिराज अहमद (फाइल फोटो) - फोटो : पुलिस
अपराध से अकूत संपत्ति बनाई, जिससे भाई मेराज भी जेल पहुंच गया, वह अमहट जेल में बंद है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, गांव में एक बड़ा पक्का मकान, सुल्तानपुर व लखनऊ में कीमती प्लॉट, मुल्की क्षेत्र में सीमेंटेड पाइप बनाने की फैक्टरी और करीब आठ बीघा जमीन थी। पुलिस का कहना है कि यह संपत्ति हत्या, लूट और रंगदारी जैसे अपराधों से अर्जित धन से बनाई गई थी।
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अधिवक्ता आजाद अहमद (फाइल फोटो) - फोटो : परिजन
छह अगस्त की शाम भुलकी चौराहे पर की थी हत्या
भुलकी चौराहे पर छह अगस्त 2023 की शाम भुलकी गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग कर अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या व उसके भाई को घायल कर दिया गया था। इस मामले में सलीम अहमद ने बेटे की हत्या के लिए नामजद एफआईआर लिखाई थी। विवेचना में आठ से अधिक लोग हत्या व साजिश में शामिल मिले, अधिकांश आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा था।
 
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अलहदादपुर स्थित आवास में मौजूद अधिवक्ता स्व. आजाद अहमद के परिजन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दो साल चार महीने से दहशत में था अधिवक्ता का परिवार
अधिवक्ता आजाद अहमद की छह अगस्त 2023 की शाम हत्या की गई। तब से लगातार उनका परिवार दहशत में रह रहा था। सिराज फरार चल रहा था, लेकिन उसके करीबी लगातार अधिवक्ता के पिता को धमकी दे रहे थे। पिता मो. सलीम पर पिछली पांच जुलाई को लोहरामऊ ओवरब्रिज के पास हमला किया गया था। किसी तरह से उनकी जान बची थी।
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