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CG: उपभोक्ता आयोग ने मोबाइल विक्रेता को ठहराया दोषी, उपभोक्ता को 20,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश
अमर उजाला नेटवर्क, बलौदाबाजार
Published by: श्याम जी.
Updated Fri, 04 Jul 2025 07:17 PM IST
सार
बलौदाबाजार जिला उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी और अनुचित व्यापारिक आचरण के लिए मोबाइल विक्रेता को दोषी ठहराया। साथ ही उपभोक्ता को नया मोबाइल या 15,000 रुपये की क्षतिपूर्ति सहित 20,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
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जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शिवरीनारायण के हाईटेक मोबाइल शॉप को सेवा में कमी और अनुचित व्यापारिक आचरण का दोषी पाया। आयोग ने विक्रेता को उपभोक्ता कृष्णाचरण पटेल को नया मोबाइल या 15,000 रुपये की क्षतिपूर्ति, 3,000 रुपये मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए, और 2,000 रुपये वाद व्यय के रूप में कुल 20,000 रुपये का भुगतान 45 दिनों के भीतर करने का आदेश दिया।
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कृष्णाचरण पटेल ने 31 अगस्त 2019 को हाईटेक मोबाइल शॉप, शिवरीनारायण से 15,000 रुपये में वीवो कंपनी का मोबाइल खरीदा था, जो एक वर्ष की वारंटी के अंतर्गत था। कुछ समय बाद मोबाइल का डिस्प्ले खराब हो गया। दुकानदार ने मोबाइल को वीवो सर्विस सेंटर भेजा, जहां पता चला कि मोबाइल पहले से खुला हुआ था और वारंटी शर्तों का उल्लंघन हुआ था। सर्विस सेंटर ने सुधार के लिए 3,500 रुपये की अतिरिक्त राशि मांगी।
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आहत होकर पटेल ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की। आयोग के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल, सदस्य हरजीत चावला और शारदा सोनी ने सुनवाई के दौरान पाया कि वीवो कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार मोबाइल 28 अगस्त 2019 को पहले ही बिक चुका था, जबकि पटेल को यह 31 अगस्त 2019 को बेचा गया। आयोग ने माना कि विक्रेता ने पहले बिक चुके मोबाइल को दोबारा बेचकर अनुचित व्यापारिक आचरण किया। इस आधार पर, विक्रेता को नया मोबाइल प्रदान करने या 15,000 रुपये की लागत, 3,000 रुपये मानसिक व आर्थिक क्षति, और 2,000 रुपये वाद व्यय के रूप में कुल 20,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। यह फैसला उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।