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'लाल आतंक' ने फिर डाले हथियार: 34 नक्सलियों का सरेंडर...26 पर कुल 84 लाख का इनाम; 2 साल में 824 ने हिंसा छोड़ी

अमर उजाला नेटवर्क, बीजापुर Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 16 Dec 2025 05:51 PM IST
सार

CG Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ आखिरकार नक्सल मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है। पुलिस और सुरक्षाबलों की मदद से बीजापुर में एक बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में मंगलवार को 34 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। 

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34 Naxalites surrender in bijapur and 26 had combined bounty of Rs 84 lakh
बीजापुर में नक्सलियों का सरेंडर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को 34 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया ।इनमें सात महिला और 27 पुरुष कैडर हैं। ये कैडर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर डिवीजन में सक्रिय थे। 

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34 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति, शांति संवाद विकास पर आधारित सतत प्रयासों तथा पूना मारगेम पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान के चलते 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

सरेंडर करने वालों में दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (DKSZC) के कैडर के साथ-साथ तेलंगाना स्टेट कमेटी तथा एओबी डिवीजन से जुड़े माओवादी भी शामिल हैं। इनमें सात महिला और 27 पुरुष कैडर हैं। जिन्होंने माओवादी विचारधारा से स्वयं को अलग कर भारतीय संविधान में आस्था व्यक्त की है।

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बीजापुर में अब तक 824 माओवादी मुख्यधारा में लौटे
पुलिस के अनुसार, एक जनवरी 2024 से अब तक बीजापुर जिले में 824 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 1079 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 220 माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं। 

विभिन्न स्तरों के कैडर शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, पार्टी सदस्य, पीएलजीए सदस्य, मिलिशिया प्लाटून कमांडर एवं सदस्य, आरपीसी के सीएनएम, जनताना सरकार अध्यक्ष उपाध्यक्ष, डीएकेएमएस व केएएमएस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष जैसे विभिन्न स्तरों के कुल 34 माओवादी शामिल हैं।

सुरक्षा बलों की संयुक्त भूमिका
यह आत्मसमर्पण पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, केरिपु छत्तीसगढ़ सेक्टर रायपुर, दंतेवाड़ा रेंज एवं बीजापुर सेक्टर के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक बीजापुर के निर्देशन में संचालित माओवादी उन्मूलन अभियान का परिणाम है। डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा बटालियन तथा केरिपु बलों के संयुक्त प्रयासों से विश्वास निर्माण का वातावरण तैयार हुआ, जिससे माओवादी मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित हुए।

50 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता
पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक कैडर को प्रोत्साहन स्वरूप 50,000 रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 

एसपी की अपील
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है। उनके परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जियें और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। उन्होंने माओवादियों से अपील करते हुए कहा कि भ्रामक और हिंसक विचारधाराओं को त्यागकर निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें। शासन की पूना मारगेम नीति उनके भविष्य को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान कर रही है।

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