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CG News: अपने बेटे चैतन्य बघेल को ईडी का समन मिलने पर सुनिये पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने क्या दिया जवाब
अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर
Published by: ललित कुमार सिंह
Updated Sat, 15 Mar 2025 01:28 PM IST
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सार
CG News: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की ओर से उनके बेटे चैतन्य बघेल को कथित तौर पर तलब किए जाने पर बड़ा बयान दिया है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
CG News: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की ओर से उनके बेटे चैतन्य बघेल को कथित तौर पर तलब किए जाने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "कोई नोटिस नहीं मिला है, इसलिए कहीं भी पेश होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। नोटिस मिलने पर हम निश्चिततौर पर ईडी के सामने पेश होंगे।
Read More: भूपेश बघेल और उनके बेटे के घर ईडी का छापा: भारी मात्रा में रु मिलने की खबर!,नोट गिनने की मशीन लेकर पहुंची टीम
उन्होंने कहा कि फिलहाल, अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी का काम जानबूझकर मीडिया हाइप बनाना है। एजेंसियों का इस्तेमाल दूसरे व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए किया जाता है। यही उन्होंने अब तक किया है। यह नेताओं को बदनाम करने की भाजपा की साजिश है।"
आज ईडी कार्यालय में पेश होंगे चैतन्य बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल आज शनिवार को ईडी कार्यालय में पेश होंगे। बताया जाता है कि वे ईडी की छापे में मिले डॉक्यूमेंट्स की जानकारी दे सकते हैं। ईडी ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास सहित 14 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 33 लाख रुपये और कुछ जरूरी दस्तावेज मिले थे। इसके बाद ईडी ने चैतन्य बघेल को समन भेजा था।
Read More: CG Liquor Scam: ईडी ने लखमा के खिलाफ पेश की 3841 पन्नों की चार्जशीट, ढेबर, टूटेजा समेत 21 आरोपियों के नाम
जानें क्या हैं दो हजार करोड़ का शराब घोटाला
ईडी की जांच के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस सरकार में उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था। छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। साल 2019-22 में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। ईडी के मुताबिक, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी।
एफआईआर के मुताबिक अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से मिले रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया और त्रिपाठी ने अपनी पत्नी अपनी पत्नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म पर पैसे निवेश किया।

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#WATCH | Durg: On ED reportedly summoning his son Chaitanya Baghel, former Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel says, "No notice has been received, so there is no question of appearing anywhere. We will certainly appear before them once we receive a notice. No notice has been received… pic.twitter.com/RY9Y6y5tJw
विज्ञापन— ANI (@ANI) March 15, 2025विज्ञापन
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उन्होंने कहा कि फिलहाल, अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी का काम जानबूझकर मीडिया हाइप बनाना है। एजेंसियों का इस्तेमाल दूसरे व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए किया जाता है। यही उन्होंने अब तक किया है। यह नेताओं को बदनाम करने की भाजपा की साजिश है।"
आज ईडी कार्यालय में पेश होंगे चैतन्य बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल आज शनिवार को ईडी कार्यालय में पेश होंगे। बताया जाता है कि वे ईडी की छापे में मिले डॉक्यूमेंट्स की जानकारी दे सकते हैं। ईडी ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास सहित 14 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 33 लाख रुपये और कुछ जरूरी दस्तावेज मिले थे। इसके बाद ईडी ने चैतन्य बघेल को समन भेजा था।

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जानें क्या हैं दो हजार करोड़ का शराब घोटाला
ईडी की जांच के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस सरकार में उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था। छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। साल 2019-22 में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। ईडी के मुताबिक, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी।
एफआईआर के मुताबिक अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से मिले रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया और त्रिपाठी ने अपनी पत्नी अपनी पत्नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म पर पैसे निवेश किया।