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Chhattisgarh Niyad Nellanar: जानें क्या है 'नियद नेल्लानार' योजना, हथियार डाल मुख्यधारा में आ रहे नक्सली

Lalit Kumar Singh ललित कुमार सिंह
Updated Sat, 20 Sep 2025 05:57 PM IST
सार

CG Niyad Nellanar scheme: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार की 'नियद नेल्लानार' योजना और नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 से नक्सलियों में विश्वास और उम्मीद बढ़ी है।

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Chhattisgarh: Niyad Nellanar scheme, CG Naxalites are surrendering under influence
ग्रॉफिक्स: अमर उजाला डिजिटल - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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CG Niyad Nellanar scheme: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार की 'नियद नेल्लानार' योजना और नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025  से नक्सलियों में विश्वास और उम्मीद बढ़ी है। अब माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं। 17 सितंबर को नारायणपुर जिले में 'माड़ बचाओ अभियान' के तहत पांच महिला सहित कुल 12 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों पर 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे। इस तरह कुल 18 लाख रुपये इनाम रखा गया था। हाल ही में एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली सुजाता ने तेलंगाना में पुलिस के सामने सरेंडर किया है। इस बड़ी कामयाबी के पीछे स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों के अथक प्रयास और मेहनत तो हैं ही साथ ही सरकार की 'नियद नेल्लानार ' योजना भी बेहद कारगर साबित हो रही है। यह योजना नक्सलियों को हथियार छोड़कर घर वापस लौटने के लिये प्रेरित कर रही है। सरकार की इस योजना को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। 
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आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन के लिए प्रोत्साहन राशि और नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक एक हजार सात सौ चार माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
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अब आइए जानते हैं क्या है 'नियद नेल्लानार' योजना, जिसकी वजह से नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं... 

जानें क्या है नियद नेल्लानार योजना?
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से नक्सल प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और जन कल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित गांवों में सुविधाएं और लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार ने बस्तर के अंदरुनी नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए सुरक्षा कैंप बनाये हैं। हर कैंप के आस-पास के कुल पांच गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों में सरकार की तरफ से लागू कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। सरकार मलभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इनमें आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल आदि शामिल हैं ताकि नक्सल प्रभावित लोगों के जीनव स्तर में सुधार हो सके। 

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जानें 'नियद नेल्लानार' का अर्थ
'नियद नेल्लानार' का अर्थ होता है  'आपका अच्छा गांव'। यह शब्द छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में बोली जाने वाली बोलियों (संभवत: गोंडी) से लिया गया है। यहाँ पर नार का अर्थ- गांव से है।

एक नजर में 'नियद नेल्लानार' योजना
  • इस योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गांवों में आधारभूत सुविधाएं और सरकार की करीब 32 कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना है।
  • माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभ किए गए 14 नये कैंपों की 5 किलोमीटर की परिधि के गांवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। 
  • दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जिलों में विकास कैम्प (पुलिस कैम्प) के समीप के गांवों में शुरू 
  • अलग-अलग इलाकों में नए पुलिस कैम्प खोलने का अभियान चल रहा है। इन्हीं कैम्पों के आस-पास के गांवों में योजना लागू की जा रही है।
  • सरकार ने इस योजना के तहत अधोसंरचना के लिए 20 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की है।


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इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
'नियद नेल्लानार योजना' में सरकार ने जिन गांवों को शामिल किया है उन गांवों के लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को आधार कार्ड, बैंक खाता, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य जांच कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार मान्यता पत्रक, सामाजिक पेंशन योजना, सुरक्षा बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम आवास योजना का लाभ दिये जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई योजनाएं हैं, जिसके लाभ लोगों को दिये जा रहे हैं। जैसे-उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र, राजस्व विभाग के अंतर्गत नक्शा व खसरा निर्धारण, जाति, निवास, आय प्रमाणपत्र, भूमि का सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, ऋण पुस्तिका आदि। 


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आदिवासी गांवों को मिल रहीं ये सुविधाएं
  1. आवासः इसी योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे।
  2. विद्यालयः प्राथमिक स्कूल खोले जा रहे।
  3. छात्रावासः ब्लॉक और जिला मुख्यालयों में छात्रावास की व्यवस्था।
  4. कौशल विकासः युवाओं का कौशल उन्नयन की योजनाएं
  5. खेल मैदानः खेल मैदान विकसित किये जाएंगे।
  6. स्वास्थ्यः उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित होंगे। 
  7. हेल्थ कार्डः शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य योजना के तहत-आयुष्मान कार्ड।
  8. अधोसंरचना विकासः इंफ्रास्ट्रक्चर भी आदिवासी इलाकों में विकसित किये जाएंगे।
  9. सड़कः उन्नत सड़क मार्ग से क्षेत्र को जोड़ा जाएगा।
  10. बैंक और एटीएमः योजना में बैंक और एटीएम खोलने की तैयारी है।
  11. मोबाइल टावरः जिन आदिवासी इलाकों में मोबाइल टावर नहीं होंगे,वहां टावर लगाए जाएंगे।







इतने नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • अब तक 1704 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
  • 13 सितंबर 2025 को कुख्यात माओवादी कमांडर किशनजी की पत्नी एक करोड़ की इनामी सुजाता ने किया सरेंडर 
  • 8 सितंबर 2025 को बीजापुर में पांच लाख रुपये के इनामी चार नक्सली गिरफ्तार, इनमें तीन महिला नक्सली शामिल
  • 3 सितंबर 2025 को सुकमा में 20 नक्सलियों ने किया सरेंडर, नौ महिला समेत 11 पुरुष पर घोषित था 33 लाख का इनाम
  • 1 सितंबर 2025 को सुकमा में तीन नक्सली गिरफ्तार, जो आईईडी प्लांट करने की तैयारी कर रहे थे
  • 20 अगस्त 2025 को नारायणपुर में 30 लाख रुपये के इनामी आठ नक्सलियों ने किया सरेंडर, इनमें दो महिला माओवादी भी शामिल 
  • 19 अगस्त 2025 22 लाख के इनामी नक्सली दंपती समेत चार इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर


 गिरफ्तार नक्सली
  • 600 से अधिक नक्सली गिरफ्तार
  • 1 अगस्त 2025  को सुकमा में जंगल में प्लांट किए गए टिफिन बम के साथ पांच नक्सली गिरफ्तार
  • 3 अगस्त 2025 को सुकमा में दो लाख के इनामी सहित छह नक्सली गिरफ्तार, आईईडी बरामद
  • 6 अगस्त 2025 को सुकमा के परलागट्टा जंगल से हत्या के आरोप में फरार चल रहा नक्सली गिरफ्तार
  • 7 अगस्त 2025 को  नक्सली मुठभेड़ के बाद आठ लाख के इनामी नक्सली कमांडर श्रीकांत पुनेम को हथियार सहित गिरफ्तार

300 से अधिक नक्सली अपराध हुए दर्ज (फैक्ट फाइल) 
  • अब तक करीब 300 से अधिक नक्सली अपराध हुए दर्ज
  • 80 से ऊपर हुई मुठभेड़
  • 217 से अधिक नक्सली मारे गए
  • 20 से अधिक जवानों की हुई शहादत
  • 100 से अधिक जवान हुए घायल
  • 50 से ऊपर आईईडी ब्लास्ट
  • 35 से अधिक ग्रामीणों की हुई हत्या
  • 10 से अधिक लोग हुए घायल







जानें क्या है छत्तीसगढ़ की नई नक्सल पुनर्वास नीति
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिये जा रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। रोजगार के साधन मुहैया कराये जा रहे हैं। स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्त लोन दिया जा रहा है। मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि दी जा रही है। साथ ही समर्पित किए गए गोला-बारूद के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार मुख्यधारा से जुड़ने वालों का घर बसा रही है। उन्हें उनकी जरूरत की सभी दैनिक वस्तुएं दी जा रही है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके स्वजन विकास के लिए सरकार अलग से बजट बनाई है। पुनर्वास की नीति के ज्यादातर प्रावधान असम से लिए गए हैं। क्योंकि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा करके वहां का अध्ययन किया है। वहां की नीति का 80 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में भी लिया गया है।


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पुनर्वास नीति के प्रावधान
  • नक्सलियों को आवास 
  • स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्तलोन 
  • मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि 
  • समर्पित किए गए गोला-बारूद के लिए प्रोत्साहन राशि

इसलिये अहम है नक्सल पुनर्वास नीति
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में आतंकवादियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति के बाद वहां आतंकवाद पर काबू पाया गया, उसी फार्मूले से छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों का अंत किया जा सकता है।





हर तरफ बदलाव की बयार
'नियद नेल्लानार' सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है है। वह विजन जो हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ता है। अब पुसकोंटा जैसे गांवों में न सिर्फ रोशनी आई है, बल्कि संभावनाओं की नई सुबह भी हुई है। प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं अब यहां दस्तक दे रही हैं। ये बदलाव सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का है।

इधर, महिलाओं की सुधर रही आर्थिक स्थिति
बीजेपी की साय सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए भी योजनाएं चला रही है। इनमें महिलाओं के लिए 'महतारी वंदन योजना' और 'जननी सुरक्षा योजना' के तहत राशि दिया जा रहा है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इसके अलावा ग्रामीणों का मेडिकल चेकअप भी कराया जा रहा है। 



 
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