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CG: सीएम विष्णुदेव साय बोले- सरकार की इस योजना से जगी उम्मीद, माओवाद का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर रहे नक्सली

अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर Published by: ललित कुमार सिंह Updated Thu, 18 Sep 2025 03:10 PM IST
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सार

CM Vishnudeo Sai on Naxalite: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्लानार योजना से नक्सलियों में विश्वास और उम्मीद बढ़ी है। 

CM Vishnudeo said our government scheme increased confidence to Naxalites, surrendering
ग्रॉफिक्स: अमर उजाला डिजिटल - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
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CM Vishnudeo Sai on Naxalite: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्लानार योजना से नक्सलियों में विश्वास और उम्मीद बढ़ी है। अब माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। नारायणपुर जिले में चलाए जा रहे “माड़ बचाओ अभियान” के तहत सुरक्षाबलों के निरंतर प्रयासों से दो एरिया कमेटी सदस्य सहित कुल 18 लाख के इनामी 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों पर 50 हजार से लेकर पांचलाख तक के इनाम घोषित थे।
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आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन के लिए 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए हैं और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अब तक हमारी सरकार के कार्यकाल में 1704 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने और आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास व सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
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12 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
बता दें कि बुधवार को नक्सल मोर्चे पर नारायणपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। पांच महिला सहित कुल 12 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इस दौरान बीएसएफ और आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे। सरेंडर किए सभी माओवादियों पर 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अबूझमाड़ में नये कैंप की स्थापना और लगातार नक्सल विरोधी अभियान के चलने से माआवोदी बैकफुट पर हैं। 

जानें क्या है छत्तीसगढ़ की नई नक्सल पुर्नवास नीति
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिये जा रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। रोजगार के साधन मुहैया कराये जा रहे हैं। स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्त लोन दिया जा रहा है। मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि दी जा रही है। साथ ही समर्पित किए गए गोला-बारूद के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार मुख्यधारा से जुड़ने वालों का घर बसा रही है। उन्हें उनकी जरूरत की सभी दैनिक वस्तुएं दी जा रही है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके स्वजन विकास के लिए सरकार अलग से बजट बनाई है। पुनर्वास की नीति के ज्यादातर प्रावधान असम से लिए गए हैं। क्योंकि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा करके वहां का अध्ययन किया है। वहां की नीति का 80 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में भी लिया गया है।





पुनर्वास नीति के प्रावधान
नक्सलियों को आवास 
स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्त लोन 
मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि 
समर्पित किए गए गोला-बारूद के लिए प्रोत्साहन

इसलिये अहम है नक्सल पुनर्वास नीति
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में आतंकवादियों के आत्मसमर्पण  और पुनर्वास की नीति के बाद वहां आतंकवाद पर काबू पाया गया,उसी फार्मूले से छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों का अंत किया जा सकता है।

जानें क्या है नियद नेल्लानार योजना?
नियद नेल्लानार योजना छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सल प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और जन कल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित गांवों में सुविधाएं और लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार ने बस्तर के अंदरुनी नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए सुरक्षा कैंप बनाये हैं। हर कैंप के आस-पास के कुल पांच गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों में सरकार की तरफ से लागू कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। सरकार लभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इनमें आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल आदि शामिल हैं। ताकि नक्सल प्रभावित लोगों के जीनव स्तर में सुधार आ सके। 






जानें नियद नेल्लानार का अर्थ
'नियद नेल्लानार' का अर्थ होता है  'आपका अच्छा गांव'। यह शब्द छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में बोली जाने वाली बोलियों (संभवत: गोंडी) से लिया गया है। यहाँ पर नार का अर्थ – गांव से है।

नियद नेल्लानार एक नजर में
  • इस योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गांवों में आधारभूत सुविधाएं और सरकार की करीब 32 कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना है।
  • माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभ किए गए 14 नये कैंपों की 5 किलोमीटर की परिधि के गाँवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी। 
  • दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जिलों में विकास कैम्प (पुलिस कैम्प) के समीप के गाँवों में शुरू 
  • अलग-अलग इलाकों में नए पुलिस कैम्प खोलने का अभियान चल रहा है। इन्हीं कैम्पों के आसपास के गाँवों में योजना लागू की जा रही है।
  • सरकार ने इस योजना के तहत अधोसंरचना के लिए 20 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की है।





इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
नियद नेल्लानार योजना में सरकार ने जिन गांवों को शामिल किया है उन गांवों के लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को आधार कार्ड, बैंक खाता, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य जाँच कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार मान्यता पत्रक, सामाजिक पेंशन योजना, सुरक्षा बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा भी की योजनाएं हैं जिसका लाभ लोगों को दिया जा रहा है। जैसे-उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र, राजस्व विभाग के अंतर्गत नक्शा व खसरा निर्धारण, जाति, निवास, आय प्रमाणपत्र, भूमि का सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, ऋण पुस्तिका आदि। 






आदिवासी गांवों को मिल रही ये सुविधाएं
  1. आवासः इसी योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे।
  2. विद्यालयः प्राथमिक स्कूल खोले जा रहे।
  3. छात्रावासः ब्लॉक और जिला मुख्यालयों में छात्रावास की व्यवस्था।
  4. कौशल विकासः युवाओं का कौशल उन्नयन की योजनाएँ 
  5. खेल मैदानः खेल मैदान विकसित किये जाएंगे।
  6. स्वास्थ्यः उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित होंगे। 
  7. हेल्थ कार्डः शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य योजना के तहत-आयुष्मान कार्ड।
  8. अधोसंरचना विकासः इंफ्रास्ट्रक्चर भी आदिवासी इलाकों में विकसित किये जाएंगे।
  9. सड़कः उन्नत सड़क मार्ग से क्षेत्र को जोड़ा जाएगा।
  10. बैंक और एटीएमः योजना में बैंक और एटीएम खोलने की तैयारी है।
  11. मोबाइल टावरः जिन आदिवासी इलाकों में मोबाइल टावर नहीं होंगे,वहां टावर लगाए जाएंगे।







हर तरफ बदलाव की बयार
नियद नेल्लानार सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है है। वह विजन जो हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ता है। अब पुसकोंटा जैसे गांवों में न सिर्फ रोशनी आई है, बल्कि संभावनाओं की नई सुबह भी हुई है। प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं अब यहां दस्तक दे रही हैं। ये बदलाव सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का है।

महिलाओं की सुधर रही आर्थिक स्थिति
बीजेपी की साय सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए भी योजनाएं चला रही है। इनमें महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत राशि दिया जा रहा है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इसके अलावा ग्रामीणों का मेडिकल चेकअप भी कराया जा रहा है।


 
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