Analysis: हथियार छोड़ शांति वार्ता को राजी नक्सली; 'डेडलाइन' से पहले क्यों आना चाहते हैं मुख्यधारा में, जानें
CG News; Naxalites News: छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल ऑपरेशन चलाये जाने से नक्सली घबराये हुए हैं।
विस्तार
माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य (पीबीएम) मोलेजुला वेणुगोपाल उर्फ अभय उर्फ सोनू दादा सोनू ने छह पन्नों का पत्र लिखकर नक्सल आंदोलन को अंजाम तक न पहुंचा पाने के लिए माफी मांगी है। इस मामले में एक ऑडियो संदेश भी जारी करने की बात पत्र में लिखा है। हालांकि ये ऑडियो संदेश और लेटर 15 अगस्त 2025 का है, जिसे नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने 17 सितंबर को जारी किया है। 8 मिनट 35 सेकंड का ये ऑडियो और लेटर 15 अगस्त को जारी जारी किया गया था। इसमें शांतिवार्ता को लेकर पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करने के लिये एक तरह से केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने को कोशिश की जा रही है। नक्सली अपना कुनबा खत्म होते देख नक्सल ऑपरेशन को रोकने के लिये सरकार से अपील कर रहे हैं। अमर उजाला इस इस प्रेस नोट और ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
माओवादियों ने फिर लिखा छह पेज का लेटर, यहां देखें
Appeal to People_Hindi by Lalit Kumar Singh
नहीं मानेंगे कोई भी शर्त: गृहमंत्री विजय शर्मा
दूसरी ओर इस मामले में प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का कहना है कि पत्र की सत्यता की जांच करानी होगी। नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा। यदि नक्सली बंदूक त्यागकर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरेंडर नक्सलियों के लिए राज्य में नियदनेल्लानार, पुनर्वास समेत कई सारी योजना चला रही है। ऐसे में नक्सली बंदूक छोड़कर सामने आएंगे, तो सरकार उनके साथ शांतिवार्ता के लिये पहल करेगी। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले में अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि पत्र वास्तव में माओवादी नेतृत्व की ओर से आया है, तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि अगर पत्र की सत्यता सिद्ध होती है तो सरकार वार्ता की दिशा में कदम बढ़ाने पर विचार करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार शांति की समर्थक है, लेकिन किसी भी प्रकार की रणनीति या छल से सावधानी बरतना जरूरी है।
जवानों के हौसले बुलंद: विकास उपाध्याय
वहीं पूर्व संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर कांग्रेस के समय से अभियान में तेजी आई है। हमारे जवानों के हौसले बुलंद हैं। नक्सलवाद कमजोर हो रहा है, लेकिन निर्दोष आदिवासियों की मौत नहीं होनी चाहिए। कई बार आदिवासियों की हत्या के बाद उन्हें नक्सली बता दिया जाता है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
हथियार डालने की बात पर नापाक करतूत जारी, आखिर कैसे करें विश्वास?
एक तरफ नक्सली जहां हथियार छोड़कर सरकार से शांतिवार्ता की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसके विपरित निर्दोष ग्रामीणों को मौत की नींद सुला रहे हैं। मंगलवार की रात दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी। नक्सलियों ने ग्राम निलावाया में बण्डी कोर्राम के घर पहुंचकर उसे बाहर निकाला। फिर धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि चारवर्ष पहले भी नक्सलियों ने मृतक ग्रामीण के बेटे हरेंद्र कोर्राम की भी हत्या कर दी थी। वहीं बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र के ग्राम बेंचरम में 16-17 सितम्बर की दरम्यानी रात को ग्रामीण दशरूराम ओयाम (उम्र 36 वर्ष) पर टंगिये से वार कर हत्या कर दी। दोनों ही नृशंस हत्या से ग्रामीणों में माआवोदियों के प्रति आक्रोश है।
सरकार से सीजफायर करने की रखी शर्त
इससे पूर्व 16 सितंबर 2025 को नक्सलियों ने पहली बार प्रेस नोट जारी कर कहा कि वो हथियारबंद संघर्ष को अस्थायी रूप से छोड़कर शांति वार्ता को तैयार हैं। माआवोदियों ने सरकार से सीजफायर करने की अपील की है। सीपीआई (माओवादी) ने कहा कि देश के कई राज्यों में जेल में बंद साथियों से चर्चा करने के लिये सरकार अनुमति दें। वहीं पुलिस भी एक महीने के लिये ऑपरेशन रोकें।
पहली बार सरेंडर करने और हथियार डालने को राजी
माओवादियों के केंद्रीय कमेटी प्रवक्ता अभय का प्रेस नोट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उसका कहना है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। संगठन हथियारबंद संघर्ष को अस्थायी रूप से छोड़कर जनसमस्याओं के समाधान के लिए जन संघर्ष को आगे बढ़ाएगा। हथियार छोड़कर देश की राजनैतिक पार्टियों और संघर्षरत संस्थाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। बदलते हालात और देश की परिस्थितियों को देखते हुए वे शांति वार्ता के लिए तैयार हैं पर इस प्रक्रिया में वो अपनी विचारधारा और राजनीतिक मान्यताओं से पीछे नहीं हटेंगे। मार्च 2025 में संगठन के जारी प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने इससे पहले भी संघर्ष विराम और शांति वार्ता की पेशकश की थी, लेकिन उस दौरान ठोस माहौल नहीं बनाया गया। सरकार और सुरक्षा बल यदि वास्तव में शांति चाहते हैं तो हमारे साथियों पर दमनात्मक कार्रवाई बंद कर विश्वसनीय वातावरण बनायें। हमारे शीर्ष नेतृत्व, कैडर और जेल में बंद सदस्यों को वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाए। यदि उनकी शर्तों को माना गया और प्रतिनिधियों को शामिल किया गया तो वे हथियार छोड़कर वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 2025 मार्च आखरी सप्ताह से हमारी पार्टी सरकार के साथ ‘शांति वार्ता’ के लिए गंभीर एवं ईमानदारी के साथ प्रयास कर रही है। हमारी पार्टी के केंद्रीय कमेटी का प्रवक्ता कामरेड अभय के नाम पर मई 10 को स्वयम हमारी पार्टी के महासचिव एक प्रेस बयान जारी किया था। उसमें उन्होंने हमारी पार्टी हथियार छोड़ने के बारे में उल्लेख करते हुए इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर हमारी पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्वकारी कामरेडों के साथ सलाह मशविरा करने के लिए एक माह के समय की मांग करते हुए सरकार के सामने सीज फायर का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दुर्भाग्यवश उस पर केंद्र सरकार अपनी सानुकूल रूख को जाहिर नहीं किया था, बल्कि जनवरी 2024 से जारी अपनी घेराव और उन्मुलन सैनिक हमलों को और तेज किए हैं।
पत्र आगे लिखा है कि हजारों की संख्या में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर घेराव एवं उन्मूलन हमले को अंजाम दिया गया। माड के गुंडेकोट के पास 21 मई को हुए भीषण हमले में साहसिक रूप से प्रतिरोध करते हुए हमारी पार्टी के महासचिव कामरेड बसवाराजू सहित केंद्रीय कमटी के स्टाफ एवं उनके सुरक्षा गार्ड के 28 साथी शहीद हुए। इस परिप्रेक्ष्य में उनसे पहले किए गए शांति वार्ता की प्रक्रिया को बीच में आधा अधूरा न छोड़कर उनके विचारों के अनुरूप शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए हमनें यह निर्णय लिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संकल्प
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 'मिशन 2026' से पहले ही एक बार फिर नक्सलियों से हथियार छोड़ने के लिए अपील की थी। ऐसा नहीं किये जाने पर फोर्स के मुंहतोड़ जवाब के लिये तैयार रहने की चेतावनी दी थी। शाह ने संकल्प लिया है कि मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत देश को नक्सलमुक्त कर दिया जायेगा। वहीं राज्य सरकार के गृहमंत्री शर्मा ने भी कई बार नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की बात कही है।
कई बार लिख चुके हैं लेटर पर इस बार क्यों है खास?
बता दें कि नक्सली लीडर इससे पहले भी चार बार लेटर लिखकर शांति वार्ता की बात कर चुके हैं। इन सभी खतों में हथियार छोड़ने की बात नहीं की थी पर पहली बार नक्सलियों ने हथियार त्यागकर शांतिवार्ता की पेशकश किये हैं। इससे पूर्व लिखे पत्रों में सरकार पर ड्रोन के जरिये हमले करने, नक्सली के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने और दमनकारी नीति अपनाने के आरोप लगाते रहे हैं। पहली बार इस खत में ऐसा कुछ नहीं लिखा है। इससे स्पष्ट है कि नक्सली संगठन कमजोर हो चुका है। लगातार शीर्ष नेताओं के मारे जाने, देश के कई जेलों बंद होने और सरेंडर करने से नक्सल नेटवर्क की पकड़ कमजोर होती जा रही है। वहीं बस्तर संभाग में 'नक्सलियों की राजधानी' कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर सुरक्षा बलों की ओर से कब्जा होने और यहां से खूंखार नक्सली हिड़मा समेत कई माओवादियों के भागकर दूसरे राज्यों में चले जाने से नक्सलियों की ताकत लगातार घटती जा रही है। ऐसे में वो शांतिवार्ता में ही भलाई समझ रहे हैं।
आखिर क्यों भयभीत हैं माओवादी?
छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त राज्य बनाने के लिये सुरक्षा बलों की ओर से लगातार नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताबड़तोड़ ऑपरेशन जारी है। इसका असर माओवादी संगठन पर देखने को मिल रहा है। सफल ऑपरेशनों से भयभीत होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। हाल ही में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी मेंबर सुजाता ने तेलंगाना में सरेंडर किया था।
पढ़ें, सीपीआई (माओवादी) संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता ने क्या लिखा है प्रेस नोट में...
अब तक ये कुख्यात नक्सली लीडर मारे गये-
- नंबाला केशव राव उर्फ अलियास बसवराजू (21 मई 2025 को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में मारा गया, नक्सलियों का महासचिव था)
- यसन्ना उर्फ जंगू नवीन (21 मई 2025 को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में)
- एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती (गरियाबंद जिले में 21 जनवरी 2025 को)
- नक्सली कमांडर जगदीश (29 मार्च 2025 को सुकमा जिले के केरलापाल इलाके में)
- नक्सली कमांडर सुधाकर (25 मार्च 2025 दंतेवाड़ा में)
- रेणुका उर्फ बानु (31 मार्च 2025 को दंतेवाड़ा में)
- एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर मनोज मोडेम उर्फ बालकृष्ण उर्फ भास्कर (11 सितंबर 2025 को गरियाबंद जिले के मैनपुर में)
- 25 लाख का खूंखार नक्सली प्रमोद (11 सितंबर 2025 को गरियाबंद जिले के मैनपुर में)
ये टॉप नक्सली लीडर ने किया सरेंडर
- कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी खूंखार महिला नक्सली ली़डर सुजाता उर्फ पोथुला पद्मावती उर्फ कल्पना उर्फ म्यनाक्का (13 सितंबर 2025 को तेलंगाना में किया सरेंडर)

फोर्स की इन टॉप नक्सली नेताओं पर नजर
- गणपति- पोलित ब्यूरो मेंबर
- मल्लाराजी रेड्डी- पोलित ब्यूरो मेंबर
- भूपति उर्फ सोनू- पोलित ब्यूरो मेंबर
- मिसिर बेसरा- पोलित ब्यूरो मेंबर
- माड़वी हिड़मा, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- देवजी- पोलित ब्यूरो मेंबर, सीसीएम चीफ
- कोसा- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- चंदन्ना- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- दामोदर-तेलंगाना स्टेट कमेटी सेक्रेटरी, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- प्रयाग- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- उदय- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- गणेश उइके- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- गुडसा उसेंडी- डीकेएसजेडसी सेक्रेटरी
- अनल दा- सेंट्रल कमेटी मेंबर
- रामदेर- सेंट्रल मिलिट्री कमीशन
- बंडी प्रकाश, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- आजाद, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- चन्द्रानजे, कट्टाराम चन्द्र रेड्डी, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- विकल्प, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- विज्जो, उर्मिला, गंगा, मंगड्डू, अभय, सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम)
- पापाराव, देवा, दंडकारण्य जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी)
217 से अधिक नक्सली ढेर, 600 से ज्यादा गिरफ्तार ( जनवरी से 2025 से अब तक का आंकड़ा)
- अब तक करीब 300 से अधिक अपराध दर्ज
- 80 से ऊपर मुठभेड़
- 217 से अधिक नक्सली मारे गए
- 600 से अधिक नक्सली गिरफ्तार
- 800 से अधिक सरेंडर
- 20 से अधिक जवानों की हुईशहादत
- 100 से अधिक जवान हुए घायल
- 50 से ऊपर आईडी ब्लास्ट
- 35 से अधिक ग्रामीणों की हत्या
- 10 से अधिक लोग घायल
कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों में 31 नक्सलियों को किया ढेर ( 21 अप्रैल से 11 मई 2025)
अबूझमाड़ मुठभेड़ से पहले छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर सुरक्षाबलों ने अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया था। ब्लैक फॉरेस्ट नामक यह ऑपरेशन 21 अप्रैल से 11 मई तक चला, 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इस अभियान के दौरान 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया था। वहीं 450 आईईडी बरामद किए गए थे। कोबरा और डीआरजी के 18 जवान घायल भी हुए थे।
छत्तीसगढ़ में 20 मार्च गुरुवार की दोपहर तक 30 नक्सली ढेर हुए हैं। इनमें बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में 26 और कांकेर सीमा पर हुई मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं। दो अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 30 नक्सली मारे जा चुके हैं। मारे गए सभी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मौके से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं। इससे पहले 9 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में 31 नक्सली ढेर हुए थे।
छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक 71 नक्सली मारे जा चुके हैं। साल 2024 में अलग-अलग एनकाउंटर में जवानों ने करीब 300 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं 290 ने हथियार जब्त किये गये हैं।
साल 2025 में हुई नक्सली मुठभेड़-
- 5 जनवरी 2025 को अबूझमाड़ के जंगल में एक महिला नक्सली समेत पांच नक्सली ढेर।
- 12 जनवरी 2025 को बीजापुर के मद्देड़ इलाके में एनकाउंटर में दो महिला समेत पांच नक्सली मारे गये थे।
- 16 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर और मारुड़बाका के जंगल में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें फोर्स ने 18 नक्सलियों को मार गिराया था।
- 21 जनवरी 2025 को गरियांबद जिले में 14 नक्सली मारे गये थे।
- 2 फरवरी 2025 को बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र के तोड़का जंगल में मुठभेड़ में जवानों ने आठ नक्सलियों को मार गिराया था।
- 9 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में 31 नक्सली ढेर।
- 20 मार्च को बीजापुर में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में 26 और कांकेर मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं। इस तरह 20 मार्च को कुल 30 नक्सली मारे गये।
- कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों में 31 नक्सलियों को किया ढेर ( 21 अप्रैल से 11 मई 2025)
- 21 मई 2025 गुरुवार को डेढ़ करोड़ रुपये के देश के सबसे बड़े इनामी खूंखार नक्सली बसवराजू समेत 28 नक्सलियों को मार गिराया गया।
- 26 जुलाई 2025 में बीजापुर में चार नक्सली मारे गये
- 11 सितंबर 2025 को गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ कुल 10 नक्सली मारे गये। बड़ी बात ये रही कि मैनपुर के जंगलों में हुई मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली मनोज मोडेम उर्फ बालकृष्ण भी मारा गया। वहीं 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली प्रमोद भी मारा गया। रायपुर संभाग के आईजी अमरेश मिश्रा और गरियाबंद जिले के एसपी निखिल राखेचा ने मुठभेड़ की पुष्टि की थी।
साल 2024 के नक्सली मुठभेड़-
16 अप्रैल 2024 को कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 33 नक्सली मारे गये थे। यह साल 2024 की देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिससे नक्सली डर के भय से कांप उठे थे। 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल थे। प्राथमिक तौर पर मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों में से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी। इस साल बस्तर रेंज में 141 माओवादी ढेर हो चुके हैं। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी ने बताया कि वर्ष 2024 में अब तक प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई नक्सली संगठन के विरूद्ध चले अभियानों में बस्तर रेंज के तहत कुल 141 नक्सलियों के शव बरामद करने के साथ ही अत्याधुनिक हथियारों में दो एलएमजी, चार एके-47- 04, एक एसएलआर, तीन इंसास, चार 303 रायफल और चार 9एमएम पिस्टल सहित बड़ी संख्या में अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई हैं।
- 27 मार्च 2024 को नक्सल डिप्टी कमांडर समेत 6 नक्सलियों का किया एनकाउंटर
- 27 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिपुरभट्टी-पुसबाका के पास वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ जवानों ने एक नक्सली डिप्टी कमांडर समेत छह नक्सलियों को मार गिराया था। घटना स्थल से नक्सलियों के शव समेत हथियार बरामद हुए थे। मारे गए नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी शामिल थी। मामला बासागुड़ा थाने क्षेत्र का था।
- 2 अप्रैल 2024 को 13 नक्सली ढेर
- दो अप्रैल को बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुई जबरदस्त मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सली समेत 13 नक्सलियों को मार गिराया था। घटनास्थल से पुलिस ने कई अत्याधुनिक हथियार बरामद किये थे। इनमें 1 नग 7.62 एलएमजी -58 राउंड, 1 नग 303 रायफल -39 राउंड, 12 बोर सिंगल शॉट 1 नग, बीजीएल लांचर 3 नग - 17 सेल, एयर गन 2 नग, विस्फोटक - हेंड ग्रेनेड 1, यूबीजीएल सेल 1, टिफिन बम 7 नग, जिलेटिन स्टीक कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, डेटोनेटर, इलेक्ट्रिक वायर, उपकरण -लेपटॉप, डीव्हीडी राईटर, वॉकीटॉकी और नक्सली वर्दी, पिट्ठू, सोलर प्लेट, नक्सली प्रचार प्रसार सामग्री, नक्सली साहित्य और रोजमर्रा के सामान शामिल थे।
- 6 अप्रैल 2024 को मारे गये 3 नक्सली : फोर्स और नक्सलियों के साथ 6 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गये थे। तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर पुजारी कांकेर के कर्रीगुटा के जंगलों में मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हुए थे। मामला उसूर थाने क्षेत्र का था। इतना ही नहीं घटनास्थल से एक एलएमजी और एक एके-47 समेत कई हथियार बरामद हुए थे।
- देश में पहली बार 16 अप्रैल 2024 को 29 नक्सलियों को सुलाया मौंत की नींद: 16 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में देश की सबसे बड़ी मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। पुलिस फोर्स और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में नक्सली कमांडर शंकर राव ढेर हो गया था। शंकर राव पर 25 लाख का इनाम था। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किया था। मारे गए सभी नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 78 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं नक्सलियों से जब्त एके- 47 और इंसास जैसे हथियारों पर पुलिस ने 7 लाख 55 हजार का इनाम रखा था।
- 30 अप्रैल 2024 को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर: 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष नक्सली शामिल थे। प्राथमिकतौर पर मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी।
- 10 मई 2024 को बीजापुर के पीड़िया जंगल में 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली ढेर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पीड़िया के जंगल में 10 मई की सुबह 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। इस दौरान दो जवान घायल भी हुए थे। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी 12 नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी बरामद किये गये थे। जवानों को गंगालूर थाना क्षेत्र के पीड़िया इलाके में नक्सलियों के टॉप हार्डकोर नक्सली कमांडर लिंगा और पापाराव समेत बड़े लीडर्स के जंगल में होने की सूचना मिली थी। नक्सलियों की इस कमेटी में डीकेएसजेडसी, डीवीसीएम और एसीएम कैडर के बड़े नक्सली भी मौजूद थे। सूचना पर पड़ोसी जिले दंतेवाड़ा,सुकमा व बीजापुर से एसटीएफ,डीआरजी,सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के 1200 जवानों ने साझा अभियान चलाया था, जिसमें मौके पर 12 नक्सली ढेर हो गये।
- 23 और 24 मई 2024 को 8 नक्सली ढेर: छत्तीसगढ़ में 23 मई को नारायणपुर के अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बल के जवानों ने धावा बोला। जंगल के अंदर बड़ी संख्या में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना पर बस्तर फाइटर्स और एसटीएफ के करीब एक हजार जवान रवाना हुए थे। पुलिस जैसे ही जंगल के भीतर घुसी, नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और घंटों तक रुक-रुककर फायरिंग होती रही। मुठभेड़ के बाद मौके से सात नक्सलियों के शव मिले। पुलिस ने घटनास्थल से नक्सलियों के शव के साथ बड़े पैमाने पर हथियार, दवाई और दैनिक सामग्री जब्त की। इसके बाद 24 मई को नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच फिर मुठभेड़ हुई थी। अबूझमाड़ के इलाके में नक्सलियों ने फोर्स पर उस वक्त हमला बोला, जब पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सात नक्सलियों के शव लेकर वापस लौट रही थी। इस दौरान एनकाउंटर में एक और नक्सली मारा गया। इस तरह कुल 8 नक्सली मारे गये।
- 25 मई 2024 को सुकमा और बीजापुर जिले में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर
- 8 जून 2024 अबूझमाड़ के आमदई एरिया में 6 नक्सली मारे गये
- 10 मई 2024 बीजापुर में पुलिस फोर्स ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाई
- 15 जून को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच सुरक्षाबलों की नक्सलियों के मुठभेड़ में 8 नक्सलियों ढेर
- 3 सितंबर 2024 दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों से मुठभेड़, नौ माओवादी ढेर, गोलीबारी जारी
- 5 सितंबर 2024 छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 6 नक्सली ढेर, जिसमें दो महिला नक्सली भी शामिल थीं। यह मुठभेड़ भद्रादि-कोत्तागुड़ेम जिले के गुंडाला-करकागुड़ेम और मुलुगू के बीच हुई थी।
- 4 अक्टूबर 2024 को दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के सीमा पर थुलथुली गांव में 35 नक्सली मारे गये थे। ये साल 2024 की देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी। 4 अक्टूबर 2024 को शुरुआती मुठभेड़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली थी। बाद में 13 अक्टूबर 2024 नक्सलियों ने खुद प्रेस नोट जारी कर कहा था कि 31 नहीं 35 नक्सली मारे गये थे।
- 13 अक्टूबर 2024 बीजापुर जिले के थुलथुली में 35 नक्सली ढेर, देश में अब तक का सबसे बड़ा पुलिस-नक्सली मुठभेड़
- 22 नवंबर 2024 को सुकमा जिले के थाना भेज्जी इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर
देश में पहली बार अब तक सबसे बड़ा पुलिस-नक्सली मुठभेड़, मारे गये थे 35 नक्सली-
4 अक्टूबर 2024 को दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के सीमा पर थुलथुली गांव में 35 नक्सली मारे गये थे। ये साल 2024 की देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी। 4 अक्टूबर 2024 को शुरुआती मुठभेड़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली थी। बाद में 13 अक्टूबर 2024 नक्सलियों ने खुद प्रेस नोट जारी कर कहा था कि 31 नहीं 35 नक्सली मारे गये थे।
9 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में 31 नक्सली ढेर हुए थे।
20 मार्च को बीजापुर में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में 26 और कांकेर मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं। इस तरह कुल 30 नक्सली मारे गये थे।