{"_id":"69529370efc83b43bf004ed8","slug":"cold-increased-due-to-low-temperature-in-gaurela-pendra-marwahi-2025-12-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"पेंड्रा गौरेला मरवाही में कड़ाके की ठंड: न्यूनतम तापमान सात डिग्री, शीतलहर से जनजीवन प्रभावित","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
पेंड्रा गौरेला मरवाही में कड़ाके की ठंड: न्यूनतम तापमान सात डिग्री, शीतलहर से जनजीवन प्रभावित
अमर उजाला नेटवर्क, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
Published by: राहुल तिवारी
Updated Mon, 29 Dec 2025 08:13 PM IST
विज्ञापन
सार
मैकल पर्वत की तराई में बसे पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले में ठंड चरम पर है। न्यूनतम तापमान सात डिग्री तक गिर गया है। उत्तर भारत की बर्फबारी का असर दिख रहा है। सर्द हवाओं से बाजारों में सन्नाटा और जनजीवन प्रभावित हो रही है।
न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
अमरकंटक और मैकल पर्वत श्रृंखला की तराई में बसे पेंड्रा-गौरेला-मरवाही जिले में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ठंड अपने चरम पर नजर आ रही है। पेंड्रा में सोमवार को न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे पूरे इलाके में ठिठुरन बढ़ गई है।
उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का असर अब इस अंचल में भी साफ दिखाई देने लगा है। शीतलहर के कारण दिन और रात दोनों समय सर्द हवाएं चल रही हैं। सुबह से ठंडी हवा लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है। हालात यह हैं कि अंधेरा होते ही लोग घरों में सिमट जाते हैं और बाजारों व सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में कम चहल-पहल नजर आ रही है।
ठंड से बचाव के लिए गली-मोहल्लों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, जिससे राहगीरों और जरूरतमंदों को कुछ राहत मिल रही है। इसके बावजूद ठंड का असर बच्चों, बुजुर्गों और दिहाड़ी मजदूरों पर सबसे अधिक पड़ रहा है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और काम पर निकलने वाले मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती ठंड के कारण सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मामलों में इजाफा हो सकता है। ऐसे में लोगों को गर्म कपड़े पहनने, ठंडे समय में बाहर निकलने से बचने और अलाव के पास सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है और न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि पेंड्रा क्षेत्र में ठंड का असर होली तक बना रहता है, हालांकि इस दौरान मौसम सुहाना रहता है। फिलहाल जिलेवासी कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सतर्कता बरतते हुए सर्द मौसम का सामना कर रहे ।
Trending Videos
उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का असर अब इस अंचल में भी साफ दिखाई देने लगा है। शीतलहर के कारण दिन और रात दोनों समय सर्द हवाएं चल रही हैं। सुबह से ठंडी हवा लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है। हालात यह हैं कि अंधेरा होते ही लोग घरों में सिमट जाते हैं और बाजारों व सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में कम चहल-पहल नजर आ रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ठंड से बचाव के लिए गली-मोहल्लों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, जिससे राहगीरों और जरूरतमंदों को कुछ राहत मिल रही है। इसके बावजूद ठंड का असर बच्चों, बुजुर्गों और दिहाड़ी मजदूरों पर सबसे अधिक पड़ रहा है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और काम पर निकलने वाले मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती ठंड के कारण सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मामलों में इजाफा हो सकता है। ऐसे में लोगों को गर्म कपड़े पहनने, ठंडे समय में बाहर निकलने से बचने और अलाव के पास सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है और न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि पेंड्रा क्षेत्र में ठंड का असर होली तक बना रहता है, हालांकि इस दौरान मौसम सुहाना रहता है। फिलहाल जिलेवासी कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सतर्कता बरतते हुए सर्द मौसम का सामना कर रहे ।