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छत्तीसगढ़: हिंसा प्रभावित हजारीबाग में अब स्थिति नियंत्रण में, इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हजारीबाग
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 08 Feb 2022 09:44 PM IST
सार
पुलिस के अनुसार हजारीबाग में हुआ संघर्ष किसी पुरानी रंजिश को लेकर हुआ था और उसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
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Police
- फोटो : Police
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विस्तार
छत्तीसगढ़ के हजारीबाग में रविवार को दो समुदायों के बीच विवाद में 17 वर्षीय किशोर की मौत होने के बाद हिंसा हो गई और स्थिति तनावपूर्ण बन गई थी। हालांकि, मंगलवार को यहां स्थिति नियंत्रण में आ गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले में अब हालात नियंत्रण में हैं।
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलें और जिले में स्थिति और गंभीर न हो, इसके लिए सोमवार को इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब हालात नियंत्रण में आने के बाद इंटरनेट सेवाओं को जिले और आस-पास के इलाकों में बहाल कर दिया गया है।
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जिले के बारही पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले करियाडपुर गांव में रविवार की शाम को सरस्वती पूजा के बाद विसर्जन समारोह के दौरान कथित हमले में रूपेश कुमार पांडे (17) की मौत हो गई थी। रूपेश एक ट्रक चालक का अकेला बेटा था। इस मामले में चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए चारों लोगों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने पेश किया गया था। अदालत ने चारों को हजारीबाग सेंट्रल जेल भेज दिया था। रूपेश पांडे की मौत के बाद इलाके में हिंसा भड़क गई थी और आक्रोशित भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
पुलिस अधीक्षक मनोज रतन छोटे ने कहा कि घटना के विरोध में सोमवार को बंद रही दुकानें मंगलवार को जिला प्रशासन की ओर से निष्पक्ष जांच कराने और पीड़ित के परिवार को उचित मुआवजे का आश्वासन दिए जाने के बाद खुलीं। उन्होंने साफ किया कि यह भीड़ हिंसा का मामला नहीं था।
प्रदर्शनकारियों ने किशोर के परिवार के लिए पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और उसकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर भीड़ हिंसा कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी। इन मांगों के साथ उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर जाम लगा दिया था और वाहनों का आवागमन बाधित कर दिया था।