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Amar Ujala Samwad: ईशांत शर्मा ने कोच गंभीर का किया बचाव, फैंस से बुरे वक्त में खिलाड़ियों का साथ देने को कहा
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, गुरुग्राम
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Wed, 17 Dec 2025 02:18 PM IST
सार
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने मुख्य कोच गौतम गंभीर का समर्थन किया है। ईशांत का कहना है कि कोच को निशाना बनाना गलत है। उन्होंने इसके साथ ही प्रशंसकों से भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने की अपील की।
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ईशांत शर्मा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा अमर उजाला संवाद के मंच पर पहुंचे। उन्होंने इस दौरान मुख्य कोच गौतम गंभीर का समर्थन किया जिनकी हाल ही में काफी आलोचना की गई है। ईशांत ने संवाद के मंच से महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में खेलने को लेकर भी बात की और बताया कि किस तरह इन दोनों का उन्हें हमेशा समर्थन मिला।
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ईशांत का अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल करियर
ईशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट, 80 वनडे और 14 टी20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम 311 विकेट और वनडे में 115 विकेट हैं। वहीं, टी20 में ईशांत ने आठ विकेट लिए। टेस्ट में ईशांत का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 74 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टी20 में ईशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर दो विकेट है। ईशांत ने टेस्ट में 11 बार पारी में पांच विकेट लिए। इसके अलावा ईशांत ने 117 आईपीएल मैच भी खेले। इसमें उन्होंने 96 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 8.38 का है। आईपीएल में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 12 रन देकर पांच विकेट है। ईशांत ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है।
ईशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट, 80 वनडे और 14 टी20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम 311 विकेट और वनडे में 115 विकेट हैं। वहीं, टी20 में ईशांत ने आठ विकेट लिए। टेस्ट में ईशांत का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 74 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टी20 में ईशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर दो विकेट है। ईशांत ने टेस्ट में 11 बार पारी में पांच विकेट लिए। इसके अलावा ईशांत ने 117 आईपीएल मैच भी खेले। इसमें उन्होंने 96 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 8.38 का है। आईपीएल में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 12 रन देकर पांच विकेट है। ईशांत ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है।
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संवाद के मंच पर ईशांत से पूछा गया, गंभीर को आप क्रिकेटर के तौर पर भी जानते हैं और अब कोच के तौर पर भी देख रहे हैं। क्या इससे फर्क पड़ता है कि वो किस तरह की कोचिंग कर रहे हैं? क्या चयनकर्ता और कोच की जोड़ी पर जो सवाल उठ रहे हैं वो सही है? इस पर ईशांत ने कहा, बिल्कुल सही नहीं हैं। गंभीर खुद जाकर तो खेल नहीं रहे। कोच का काम है खिलाड़ी को तैयार करना। चयनकर्ता का काम है सेलेक्ट करना। कोच को खराब बोलने का कोई फायदा नहीं है। उससे क्या होता है कि टीम का माहौल खराब होगा। जज करने से पहले देखो कि टीम ट्रांजिशन फेज में है।
ईशांत बोले- उगते सूरज को सभी सलाम करते हैं
ईशांत ने कहा, अभी टीम ने इंग्लैंड में अच्छा किया। युवा टीम थी और शुभमन गिल ने रन बनाए थे। पिछली सीरीज में वो चोटिल थे, तो हम वो सीरीज हार गए। मुख्य खिलाड़ी अगर आखिरी मौके पर चोटिल हो जाएगा तो आप कैसे कोई बड़ी सीरीज जीत पाओगे। कोच का काम होता है खिलाड़ी को तैयार करना और गंभीर ऐसा कर भी रहे हैं। पर हम फैंस का काम है कि जब खराब दौर चल रहा है तो हम अपने खिलाड़ियों का कितना समर्थन कर रहे हैं। उगते सूरज को तो हर कोई सलाम करता है। फैंस का काम होता है कि जब आपकी टीम का मनोबल गिर जाता है तो आप कैसे रिस्पॉन्ड करते हो।
ईशांत ने कहा, अभी टीम ने इंग्लैंड में अच्छा किया। युवा टीम थी और शुभमन गिल ने रन बनाए थे। पिछली सीरीज में वो चोटिल थे, तो हम वो सीरीज हार गए। मुख्य खिलाड़ी अगर आखिरी मौके पर चोटिल हो जाएगा तो आप कैसे कोई बड़ी सीरीज जीत पाओगे। कोच का काम होता है खिलाड़ी को तैयार करना और गंभीर ऐसा कर भी रहे हैं। पर हम फैंस का काम है कि जब खराब दौर चल रहा है तो हम अपने खिलाड़ियों का कितना समर्थन कर रहे हैं। उगते सूरज को तो हर कोई सलाम करता है। फैंस का काम होता है कि जब आपकी टीम का मनोबल गिर जाता है तो आप कैसे रिस्पॉन्ड करते हो।
ईशांत ने धैर्य रखने का किया आग्रह
भारत में स्पिन ट्रैक को लेकर भी काफी चर्चा चल रही है। ईशांत से पूछा गया कि टीम स्पिन ट्रैक पर टेस्ट मैच हार रही है तो क्या यह भारतीय क्रिकेट का डाउन फेज है या ये महज एक टेस्ट की बात थी? इस इस अनुभवी तेज गेंदबाज ने कहा, बदलाव का दौर होता है और ये हमलोग इतना जीत चुके थे, जब मैं खेल रहा था और विराट कप्तान थे। तो ट्रांजिशन फेज होता है उसमें ये चीजें होंगी ही। आप प्रथम श्रेणी के रिकॉर्ड मत देखो, आप टेस्ट के रिकॉर्ड देखो। प्रथम श्रेणी में विकेट होती हैं वो फ्लैट होती हैं। तीसरे चौथे दिन वह टूटना शुरू करती हैं। तो जब तक आप टूटे ट्रैक पर नहीं खेलेंगे तो सीखेंगे नहीं। टीम फिलहाल बदलाव के दौर से गुजर रही है। आने वाले 10 साल में ये टीम एक ऐसी टीम होगी जो मौजूदा रिकॉर्ड्स को भी तोड़ेगी। तो थोड़ा सा धैर्य रखने की जरूरत है।
भारत में स्पिन ट्रैक को लेकर भी काफी चर्चा चल रही है। ईशांत से पूछा गया कि टीम स्पिन ट्रैक पर टेस्ट मैच हार रही है तो क्या यह भारतीय क्रिकेट का डाउन फेज है या ये महज एक टेस्ट की बात थी? इस इस अनुभवी तेज गेंदबाज ने कहा, बदलाव का दौर होता है और ये हमलोग इतना जीत चुके थे, जब मैं खेल रहा था और विराट कप्तान थे। तो ट्रांजिशन फेज होता है उसमें ये चीजें होंगी ही। आप प्रथम श्रेणी के रिकॉर्ड मत देखो, आप टेस्ट के रिकॉर्ड देखो। प्रथम श्रेणी में विकेट होती हैं वो फ्लैट होती हैं। तीसरे चौथे दिन वह टूटना शुरू करती हैं। तो जब तक आप टूटे ट्रैक पर नहीं खेलेंगे तो सीखेंगे नहीं। टीम फिलहाल बदलाव के दौर से गुजर रही है। आने वाले 10 साल में ये टीम एक ऐसी टीम होगी जो मौजूदा रिकॉर्ड्स को भी तोड़ेगी। तो थोड़ा सा धैर्य रखने की जरूरत है।
ईशांत ने कहा, जब माही भाई ने कप्तानी छोड़ी थी तो हम हर जगह हारे थे। लेकिन हमने वो कमबैक जल्दी किया क्योंकि मेरे पास थोड़ा अनुभव था, शमी के पास अनुभव था, उमेश था, भुवनेश्वर था, फिर बुमराह भी टीम में शामिल हो गया। अभी धीरे-धीरे करके जब खिलाड़ी सेलेक्ट होते हैं तो उन्हें समझ आता है कि उनकी भूमिका क्या है। किस तरीके से खेलना है, विकेट कैसी होगी। धीरे-धीरे चीजें समझ आने लग जाती है। अभी सब युवा हैं।