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Samwad: कोहली पहले की तरह आक्रामक क्यों नहीं रहे? दोस्त ईशांत ने बताई वजह; कहा- क्रिकेट से ज्यादा जरूरी परिवार
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, गुरुग्राम
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 17 Dec 2025 02:24 PM IST
सार
महज 18 साल की उम्र में डेब्यू कर रातों-रात दौलत-शोहरत और प्रसिद्धी पाने वाले ईशांत शर्मा की कहानी किसी भी साधारण परिवार के युवक के लिए प्रेरणा हो सकती है। आइए जानते हैं, उन्होंने अपने दोस्त विराट कोहली को लेकर क्या बयान दिए।
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ईशांत शर्मा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अमर उजाला संवाद’ इस बार हरियाणा पहुंचा है। गुरुग्राम में 17 दिसंबर यानी बुधवार को हो रहे इस खास आयोजन में मनोरंजन, खेल और राजनीति सहित अलग-अलग क्षेत्रों की तमाम दिग्गज हस्तियां हिस्सा ले रही हैं। इसी कड़ी में भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा भी इस खास कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कई राज पर से पर्दा उठाया। साथ ही विराट कोहली की भी बात की। उन्होंने बताया कि विराट कोहली पहले की तरह अब मैदान पर आक्रामक क्यों नहीं दिखते या जश्न मनाते हैं। आइए जानते हैं...
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कोहली के बदलने का राज
जब ईशांत से पूछा गया कि कहते हैं विराट बहुत बदले हैं। पहले एग्रेशन होता था, लेकिन अब देखिए कि अब वो सुनते हैं और समझते हैं। कितना बदलाव देखते हैं आप उस दोस्त में? इस पर ईशांत ने जवाब दिया, 'जिंदगी एक सर्किल में घूमती है। कभी न कभी उस सर्किल में वापस में तो आना पड़ता है। अच्छी चीज है कि विराट अपने धर्म से जुड़ रहे हैं, आप अपने भगवान से जुड़ रहे हैं। ये सब चीजें कॉन्फिडेंस बढ़ाती है, आपको लड़ने की शक्ति देती हैं।
जब ईशांत से पूछा गया कि कहते हैं विराट बहुत बदले हैं। पहले एग्रेशन होता था, लेकिन अब देखिए कि अब वो सुनते हैं और समझते हैं। कितना बदलाव देखते हैं आप उस दोस्त में? इस पर ईशांत ने जवाब दिया, 'जिंदगी एक सर्किल में घूमती है। कभी न कभी उस सर्किल में वापस में तो आना पड़ता है। अच्छी चीज है कि विराट अपने धर्म से जुड़ रहे हैं, आप अपने भगवान से जुड़ रहे हैं। ये सब चीजें कॉन्फिडेंस बढ़ाती है, आपको लड़ने की शक्ति देती हैं।
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'परिवार से आपकी पहचान होती है'
ईशांत ने कहा, 'जब चीजें आपके हिसाब से नहीं चल रही हैं तो क्या करना चाहिए, उनमें ये सब चीजें जरूरी हो जाती हैं। क्रिकेट आप एक समय तक खेल सकते हो। उसके बाद में क्या है वो ज्यादा जरूरी है। सबसे पहले आती है फैमिली। वो फैमिली, आपके शख्सियत को बताती है। यह बताती है कि एक इंसान के तौर पर कैसे हैं। जो समय आप परिवार के साथ बिताते हैं वो बताती है कि इंसान के तौर पर आप कैसे हैं।
ईशांत ने कहा, 'जब चीजें आपके हिसाब से नहीं चल रही हैं तो क्या करना चाहिए, उनमें ये सब चीजें जरूरी हो जाती हैं। क्रिकेट आप एक समय तक खेल सकते हो। उसके बाद में क्या है वो ज्यादा जरूरी है। सबसे पहले आती है फैमिली। वो फैमिली, आपके शख्सियत को बताती है। यह बताती है कि एक इंसान के तौर पर कैसे हैं। जो समय आप परिवार के साथ बिताते हैं वो बताती है कि इंसान के तौर पर आप कैसे हैं।
विराट कोहली में क्या है खास?
ईशांत ने यह भी बताया कि विराट में ऐसा क्या खास है। उन्होंने कहा, ' अगर उनमें कुछ खास नहीं होता विराट में तो इतने बड़े रिकॉर्ड तो नहीं बनाते। कुछ न कुछ खास तो है विराट में। जो सबसे बड़ी चीज है वो है सेल्फ बिलीव। कोई भी परिस्थिति आ जाए, वो सोचते हैं कि मैं अपनी टीम को मुश्किल से निकालूंगा और मैच जिताऊंगा। खराब से खराब परिस्थिति में भी मैच जिता के लाऊंगा, यही उसकी सोच है और खासियत है।'
ईशांत ने यह भी बताया कि विराट में ऐसा क्या खास है। उन्होंने कहा, ' अगर उनमें कुछ खास नहीं होता विराट में तो इतने बड़े रिकॉर्ड तो नहीं बनाते। कुछ न कुछ खास तो है विराट में। जो सबसे बड़ी चीज है वो है सेल्फ बिलीव। कोई भी परिस्थिति आ जाए, वो सोचते हैं कि मैं अपनी टीम को मुश्किल से निकालूंगा और मैच जिताऊंगा। खराब से खराब परिस्थिति में भी मैच जिता के लाऊंगा, यही उसकी सोच है और खासियत है।'
'बाहर दोष मत ढूंढो, खुद में ढूंढो'
ईशांत ने बताया कि आज की जनरेशन कमबैक करना कैसे सीख सकती है। उन्होंने कहा, 'बाहर दोष मत निकालो कभी भी। अगर आप गलतियां बाहर ढूंढने लगोगे तो खुद कभी इम्प्रूव नहीं कर पाओगे। मैं हमेशा गलतियां खुद में ढूंढने की कोशिश करता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि जब प्रैक्टिस के लिए जाऊं तो उस गलती को न दोहराऊं। जब आप वो गलती नहीं दोहराओगे तो एक अलग आत्मविश्वास जगता है। आप मैच्योरिटी के साथ प्रदर्शन कर पाओगे। बाहर गलतियां मत ढूंढो। खुद में गलती ढूंढोगे तो और बेहतर हो पाओगे।'
ईशांत ने बताया कि आज की जनरेशन कमबैक करना कैसे सीख सकती है। उन्होंने कहा, 'बाहर दोष मत निकालो कभी भी। अगर आप गलतियां बाहर ढूंढने लगोगे तो खुद कभी इम्प्रूव नहीं कर पाओगे। मैं हमेशा गलतियां खुद में ढूंढने की कोशिश करता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि जब प्रैक्टिस के लिए जाऊं तो उस गलती को न दोहराऊं। जब आप वो गलती नहीं दोहराओगे तो एक अलग आत्मविश्वास जगता है। आप मैच्योरिटी के साथ प्रदर्शन कर पाओगे। बाहर गलतियां मत ढूंढो। खुद में गलती ढूंढोगे तो और बेहतर हो पाओगे।'