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Shubman Gill: पिता की सलाह मानकर फॉर्म में लौटे शुभमन गिल, शतक के बाद कहा- यह सही मायने में संतोषजनक और...
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, विशाखापत्तनम
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Mon, 05 Feb 2024 10:14 AM IST
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सार
शुभमन सिर्फ 147 गेंदों पर 104 रन बनाकर आउट हुए और भारत को 398 रनों की विशाल बढ़त दिला दी। क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वीडियो में बोलते हुए गिल ने स्वीकार किया कि वह अपनी पारी की शुरुआत में भाग्यशाली थे।

शुभमन गिल
- फोटो : BCCI

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विस्तार
भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल ने टेस्ट मैच के तीसरे दिन विजाग में शानदार शतक बनाया। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए, रविवार की सुबह सलामी बल्लेबाजों के सस्ते में आउट होने के बाद शुभमन के शतक ने भारत को बचाया। गिल अपनी पारी के शुरुआती दौर में भाग्यशाली रहे जब एलबीडब्ल्यू के लिए दो डीआरएस कॉल उनके पक्ष में गए। इसके अलावा जो रूट ने पहली स्लिप में उनका आसान कैच छोड़ दिया।
रविवार को सुबह का सत्र धैर्य के साथ बिताने के बाद गिल ने लंच के बाद आक्रामक रुख अपनाया। बल्लेबाज ने इंग्लैंड के स्पिनरों की धुनाई करते हुए 11 चौके और दो छक्के लगाए और भारत की कमान संभाली। शुभमन सिर्फ 147 गेंदों पर 104 रन बनाकर आउट हुए और भारत को 398 रनों की विशाल बढ़त दिला दी। क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वीडियो में बोलते हुए गिल ने स्वीकार किया कि वह अपनी पारी की शुरुआत में भाग्यशाली थे।
शुभमन गिल ने कहा, "पहले 15-20 मिनट तनावपूर्ण थे, खासकर दो रेफरल मेरे पक्ष में रहे। लेकिन मुझे लगता है कि जब आप 3-4 मैचों से रन नहीं बना रहे हैं, तो आपको थोड़ी किस्मत की जरूरत होती है और मुझे वह मिला।"
उन्होंने कहा कि अपने स्वभाव के प्रति सच्चा रहना और अपनी प्रवृत्ति का समर्थन करना महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में इस बल्लेबाज की पारी की शुरुआत में अति-रक्षात्मक दृष्टिकोण के लिए आलोचना की गई है, जिसके कारण टेस्ट क्रिकेट में वह लगातार छोटे स्कोर पर आउट हो रहे थे। दरअसल, नंबर तीन पोजीशन पर 11 पारियों में गिल का यह पहला 50+ स्कोर था।
गिल ने कहा "मैं इसे शतक में बदलने के लिए बहुत भाग्यशाली हूं। धैर्य स्पष्ट रूप से एक भूमिका निभाता है, लेकिन अपने मूल सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहना और जो आपको यहां लाया है उसके प्रति सच्चे रहना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप अपने खेलने के तरीके को बदलना शुरू करते हैं, तो आप अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी और बड़े रन बनाने के आपके सर्वोत्तम अवसर को दूर करेंगे।''
उन्होंने एक खास सलाह का खुलासा किया, जिससे उन्हें अपनी फॉर्म वापस पाने में मदद मिली। शुभमन ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में अपनी प्रवृत्ति का पालन करने के लिए कहा था। बल्लेबाज ने आगे कहा कि उनके पिता के सामने शतक बनाना विशेष था, जो वहां स्टैंड में मौजूद थे। गिल ने कहा "उनका (पिता) यहां आना वास्तव में संतोषजनक और सुखद है। उन्होंने मेरी पूरी यात्रा देखी है और उनके सामने रन बनाना विशेष है। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अपने मन की बात सुनूं। अगर मुझे एक शब्द में अपनी पारी का सारांश देना हो तो- यह 'सुखद' होगा।"
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रविवार को सुबह का सत्र धैर्य के साथ बिताने के बाद गिल ने लंच के बाद आक्रामक रुख अपनाया। बल्लेबाज ने इंग्लैंड के स्पिनरों की धुनाई करते हुए 11 चौके और दो छक्के लगाए और भारत की कमान संभाली। शुभमन सिर्फ 147 गेंदों पर 104 रन बनाकर आउट हुए और भारत को 398 रनों की विशाल बढ़त दिला दी। क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वीडियो में बोलते हुए गिल ने स्वीकार किया कि वह अपनी पारी की शुरुआत में भाग्यशाली थे।
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शुभमन गिल ने कहा, "पहले 15-20 मिनट तनावपूर्ण थे, खासकर दो रेफरल मेरे पक्ष में रहे। लेकिन मुझे लगता है कि जब आप 3-4 मैचों से रन नहीं बना रहे हैं, तो आपको थोड़ी किस्मत की जरूरत होती है और मुझे वह मिला।"
उन्होंने कहा कि अपने स्वभाव के प्रति सच्चा रहना और अपनी प्रवृत्ति का समर्थन करना महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में इस बल्लेबाज की पारी की शुरुआत में अति-रक्षात्मक दृष्टिकोण के लिए आलोचना की गई है, जिसके कारण टेस्ट क्रिकेट में वह लगातार छोटे स्कोर पर आउट हो रहे थे। दरअसल, नंबर तीन पोजीशन पर 11 पारियों में गिल का यह पहला 50+ स्कोर था।
गिल ने कहा "मैं इसे शतक में बदलने के लिए बहुत भाग्यशाली हूं। धैर्य स्पष्ट रूप से एक भूमिका निभाता है, लेकिन अपने मूल सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहना और जो आपको यहां लाया है उसके प्रति सच्चे रहना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप अपने खेलने के तरीके को बदलना शुरू करते हैं, तो आप अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी और बड़े रन बनाने के आपके सर्वोत्तम अवसर को दूर करेंगे।''
उन्होंने एक खास सलाह का खुलासा किया, जिससे उन्हें अपनी फॉर्म वापस पाने में मदद मिली। शुभमन ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में अपनी प्रवृत्ति का पालन करने के लिए कहा था। बल्लेबाज ने आगे कहा कि उनके पिता के सामने शतक बनाना विशेष था, जो वहां स्टैंड में मौजूद थे। गिल ने कहा "उनका (पिता) यहां आना वास्तव में संतोषजनक और सुखद है। उन्होंने मेरी पूरी यात्रा देखी है और उनके सामने रन बनाना विशेष है। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अपने मन की बात सुनूं। अगर मुझे एक शब्द में अपनी पारी का सारांश देना हो तो- यह 'सुखद' होगा।"