Team India Analysis: विश्वकप के लिए चुने गए खिलाड़ियों का पिछले एक साल में T20 में कैसा रहा प्रदर्शन? आंकड़े
पिछले एक साल के टी20 आंकड़े बताते हैं कि विश्व कप टीम का चयन पूरी तरह सोच-समझकर किया गया है। शीर्ष क्रम में आक्रामकता, मध्य क्रम में स्थिरता, फिनिशरों में ताकत और गेंदबाजी में धार... यही इस भारतीय टीम की असली पहचान है।
विस्तार
बीसीसीआई ने जैसे ही टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का एलान किया, चयन को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। फैंस इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जिन खिलाड़ियों को मौका दिया गया है और जिन्हें मौका नहीं मिला, उनके आंकड़ों में क्या फर्क है? यह बहस होना स्वाभाविक है, लेकिन किसी भी टीम चयन की असली कसौटी भावनाएं नहीं, बल्कि आंकड़े और हालिया प्रदर्शन होते हैं। भारत को अगर टी20 विश्व कप के खिताब का बचाव करना है तो इन 15 खिलाड़ियों को अपने पूरा जोर लगाना होगा।
अगर 20 दिसंबर 2024 से अब तक के ओवरऑल टी20 प्रदर्शन को देखा जाए, तो साफ नजर आता है कि चयनकर्ताओं ने तेज रन बनाने की क्षमता, इम्पैक्ट डालने वाले खिलाड़ी, ऑलराउंड योगदान देने वाले और विकेट लेने की काबिलियत रखने वाले खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी है। आइए टीम को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर समझते हैं। विश्व कप टीम में चुने गए खिलाड़ियों के पिछले एक साल के टी20 प्रदर्शन पर नजर डालते हैं। इनमें आईपीएल, घरेलू टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के प्रदर्शन को शामिल किया गया है।
शीर्ष क्रम: तेज शुरुआत की गारंटी
टीम इंडिया के शीर्ष क्रम में आक्रामकता साफ दिखाई देती है।
- अभिषेक शर्मा पिछले एक साल में भारत के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाजों में रहे हैं। 41 मैचों में 1602 रन, 41.07 का औसत और 202 से ऊपर की स्ट्राइक रेट बताती है कि वह पावरप्ले को पूरी तरह अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं। तीन शतक और नौ अर्धशतक उनके इरादों को साफ दिखाते हैं।
- संजू सैमसन को भी शीर्ष क्रम में रखा गया है। 30 मैचों में 740 रन और 32.17 का औसत उनके अनुभव को दर्शाता है। भले ही उनकी स्ट्राइक रेट 135 के आसपास रही हो, लेकिन निरंतरता और मैच को संभालने की क्षमता उन्हें उपयोगी बनाती है।
- ईशान किशन ने भी चयन को आंकड़ों से मजबूत किया है। 24 मैचों में 871 रन, 45.85 का औसत और 176.31 की स्ट्राइक रेट के साथ तीन शतक यह साबित करते हैं कि वह तेज शुरुआत के साथ बड़ा स्कोर बनाने की क्षमता रखते हैं। ईशान ने ये रन आईपीएल और घरेलू टूर्नामेंट्स में बनाए हैं।
मध्य क्रम: स्थिरता और दबाव में रन
मध्य क्रम की जिम्मेदारी उन बल्लेबाज़ों पर है जो पारी को संभाल भी सकते हैं और जरूरत पड़ने पर रफ्तार भी बढ़ा सकते हैं।
- सूर्यकुमार यादव ने 44 मैचों में 1099 रन बनाए। 152 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट और 5 अर्धशतक यह दिखाते हैं कि वह बिना शतक लगाए भी लगातार असर डालने में सक्षम हैं।
- तिलक वर्मा ने 36 मैचों में 910 रन बनाए। 39.56 का औसत बताता है कि वह मुश्किल हालात में भी टिककर खेल सकते हैं, जो विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में बेहद अहम होता है।
फिनिशर और ऑलराउंडर्स: आखिरी ओवरों का हथियार
हार्दिक पांड्या इस टीम के सबसे अहम कड़ी हैं। 32 मैचों में 613 रन, 160 से ऊपर की स्ट्राइक रेट और 28 विकेट, उनका योगदान दोनों विभागों में निर्णायक रहा है।
शिवम दुबे ने 603 रन और 17 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की।
वहीं अक्षर पटेल ने 446 रन और 22 विकेट के साथ टीम को संतुलन दिया, उनकी 7.58 की इकॉनमी टीम के लिए बड़ी ताकत है।
रिंकू सिंह ने 25 मैचों में 421 रन बनाकर फिनिशर की भूमिका में भरोसा दिलाया।
वॉशिंगटन सुंदर ने पिछले एक साल में 12 टी20 मैचों में 226 रन बनाए, 156.94 की स्ट्राइक रेट से योगदान दिया और साथ ही छह विकेट भी लिए, जिससे वह निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाज और विकल्पी स्पिनर के रूप में टीम को संतुलन देते हैं।

गेंदबाजी: भारत की सबसे बड़ी ताकत
गेंदबाजी विभाग भारत को खिताब का प्रबल दावेदार बनाता है।
- जसप्रीत बुमराह ने 25 मैचों में 32 विकेट सिर्फ 6.88 की इकॉनमी से लेकर अपनी क्लास साबित की।
- वरुण चक्रवर्ती 37 मैचों में 55 विकेट के साथ सबसे सफल गेंदबाज़ रहे।
- कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह ने 36-36 विकेट लेकर निरंतरता दिखाई।

- हर्षित राणा ने 19 मैचों में 22 विकेट लेकर भविष्य के विकल्प के रूप में ध्यान खींचा, हालांकि उनकी इकॉनमी पर काम की जरूरत है।