Madhya Pradesh Ranji Champions: पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही मध्य प्रदेश की टीम, बंगाल-पंजाब समेत कई चैंपियन टीमों को हराया
रणजी ट्रॉफी 2021/22 में मध्य प्रदेश की टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। टीम ने कुल छह मैच खेले, जिसमें से पांच में जीत हासिल की। केरल के खिलाफ ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था। इसके अलावा टीम ने बंगाल, पंजाब और गुजरात जैसी पूर्व चैंपियन टीमों को हराया।

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ग्रुप स्टेज में मध्य प्रदेश को एलीट ग्रुप-ए में रखा गया था। इस ग्रुप में मध्य प्रदेश के अलावा केरल, गुजरात और मेघालय की टीम थी। मध्य प्रदेश ने ग्रुप स्टेज में तीन में से दो मैचों में जीत हासिल की। टीम 14 अंकों के साथ अपने ग्रुप में टॉप पर रही थी।
पहला मैच: मध्य प्रदेश बनाम गुजरात

दूसरी पारी में मध्य प्रदेश की टीम ने 251 रन बनाए और गुजरात के सामने 195 रन का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी में एमपी की ओर से शुभम शर्मा ने एक बार फिर बेहतरीन पारी खेली और शतक जड़ा। वे 103 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्हें रजत पाटीदार का साथ मिला। पाटीदार ने 53 रन बनाए। 195 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी गुजरात की टीम अपनी दूसरी पारी में 37.5 ओवर में 88 रन पर ही सिमट गई। एमपी की ओर से स्पिनर कुमार कार्तिकेय ने पांच विकेट झटके। वहीं, ईश्वर पांडे और शुभम शर्मा ने दो-दो विकेट लिए। गौरव को एक विकेट मिला। इस तरह इस सीजन का अपना पहला मैच मध्य प्रदेश ने 106 रन से जीता।
दूसरा मैच: मध्य प्रदेश बनाम मेघालय

इसके अलावा रजत पाटीदार ने 86 रन, यश दुबे ने 85 रन और कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने 42 रन की पारी खेली। मध्य प्रदेश को 438 रन की बढ़त हासिल हुई। मेघालय की टीम दूसरी पारी में भी फेल रही और 137 रन पर सिमट गई। एमपी की ओर से अनुभव ने पांच, कार्तिकेय ने तीन और गौरव यादव ने दो विकेट झटके। इस तरह अपने दूसरे ग्रुप मैच में मध्य प्रदेश की टीम ने पारी और 301 रन से जीत हासिल की।
तीसरा मैच: मध्य प्रदेश बनाम केरल

यश दुबे ने दोहरा शतक लगाया और 289 रन बनाकर आउट हुए। वहीं, रजत ने 142 रन की पारी खेली। इसके अलावा अक्षत रघुवंशी ने भी 50 रन बनाए। मध्य प्रदेश के कप्तान आदित्य ने नौ विकेट पर 585 रन के बाद पारी घोषित कर दी। जवाब में केरल ने भी अच्छी बल्लेबाजी की और नौ विकेट पर 432 रन बनाए। इस तरह पांच दिन का खेल पूरा हुआ और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
केरल की ओर से पोन्नम राहुल ने 136 रन और कप्तान सचिन बेबी ने 114 रन की पारी खेली। इसके अलावा रोहन कुन्नूमल ने 75 रन बनाए। मध्य प्रदेश की ओर से ईश्वर पांडे और अनुभव अग्रवाल ने तीन-तीन विकेट झटके। वहीं, कार्तिकेय को दो और मिहिर हिरवानी को एक विकेट मिला। इस तरह यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
चौथा मैच (क्वार्टर फाइनल): मध्य प्रदेश बनाम पंजाब

पंजाब के कप्तान अभिषेक शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। हालांकि, मध्य प्रदेश के गेंदबाजों के आगे पंजाब के स्टार खिलाड़ियों की एक न चली। पंजाब की टीम पहली पारी में 219 रन पर सिमट गई। कप्तान अभिषेक 47 रन, अनमोलप्रीत 47 रन और सनवीर सिंह 41 रन बना सके। शुभमन नौ रन, मंदीप एक रन और गुरकीरत 12 रन ही बना पाए।
मध्य प्रदेश की ओर से पुनीत दुबे और अनुभव अग्रवाल ने तीन-तीन विकेट झटके। वहीं सारांश जैन को दो विकेट मिला। गौरव यादव और कार्तिकेय को एक-एक विकेट मिला। जवाब में मध्य प्रदेश की टीम ने अपनी पहली पारी में 397 रन बनाए और 178 रन की बढ़त हासिल की। एमपी की ओर से शुभम शर्मा ने सबसे ज्यादा 102 रन बनाए। वहीं, हिमांशू मंत्री ने 89 रन और रजत पाटीदार ने 85 रन की पारी खेली। इसके अलावा अक्षत रघुवंशी ने 69 रन बनाए।
पंजाब की दूसरी पारी 203 रन पर सिमट गई और मध्य प्रदेश को 26 रन का लक्ष्य मिला। एमपी की ओर से पंजाब की दूसरी पारी में कार्तिकेय ने छह विकेट और सारांश जैन ने चार विकेट झटके। 26 रन का लक्ष्य मध्य प्रदेश की टीम ने पांच ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया। इस तरह एमपी की टीम ने क्वार्टर फाइनल में पंजाब जैसी मजबूत टीम को 10 विकेट से शिकस्त दी।
पांचवां मैच (सेमीफाइनल): मध्य प्रदेश बनाम बंगाल

बंगाल की ओर से मनोज तिवारी ने 102 रन और शाहबाज अहमद ने 116 रन की पारी खेली। मध्य प्रदेश की ओर से कार्तिकेय, सारांश जैन और पुनीत दुबे ने तीन-तीन विकेट झटके। वहीं, गौरव को एक विकेट मिला। मध्य प्रदेश की टीम जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो उनके पास 68 रन की बढ़त हासिल थी। एमपी की टीम ने दूसरी पारी में 281 रन बनाए और बंगाल के सामने जीत के लिए 350 रन का लक्ष्य रखा।
एमपी की ओर से दूसरी पारी में कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने 82 रन और रजत पाटीदार ने 79 रन की पारी खेली। 350 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बंगाल की टीम 175 रन पर सिमट गई और मध्य प्रदेश ने यह मैच 174 रन से जीत लिया। एमपी के लिए कुमार कार्तिकेय एकबार फिर चमके और उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट झटके। इसके अलावा गौरव को तीन और सारांश को दो विकेट मिले।
छठा मैच (फाइनल): मध्य प्रदेश बनाम मुंबई

शानदार फॉर्म में चल रहे सरफराज खान के 134 रन, यशस्वी जायसवाल के 78 रन और कप्तान शॉ के 47 रन की बदौलत मुंबई ने पहली पारी में 374 रन का स्कोर खड़ा किया। मध्य प्रदेश की ओर से गौरव यादव ने चार विकेट झटके। वहीं, अनुभव अग्रवाल को तीन और सारांश जैन को दो विकेट मिले। कार्तिकेय ने एक विकेट लिया।
जवाब में मध्य प्रदेश ने शानदार खेल दिखाते हुए पहली पारी में 536 रन बनाए। टीम की ओर से यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने शतक जड़ा। यश ने 133 रन, शुभम ने 116 रन और रजत ने 122 रन की पारी खेली। इसके अलावा सारांश ने भी 57 रन बनाए। इनकी बदौलत मध्य प्रदेश की टीम 162 रन की लीड लेने में कामयाब रही।
तीन दिन का खेल निकल चुका था और अब मध्य प्रदेश को बस दो दिन निकालने थे। नियम के मुताबिक रणजी के नॉकआउट मुकाबलों में ड्रॉ होने पर पहली पारी में लीड लेने वाली टीम को जीत मिलती है। हालांकि, मुंबई की टीम ने दूसरी पारी में एड़ीचोटी का जोर लगाया और तेजी से रन बनाने की कोशिश की, लेकिन इस चक्कर में वह जल्दी सारा विकेट गंवा बैठे।
मुंबई की टीम दूसरी पारी में 269 रन ही बना सकी और मध्य प्रदेश को पांचवें दिन 108 रन का लक्ष्य मिला। एमपी की ओर से कार्तिकेय ने चार विकेट और पार्थ-गौरव ने दो-दो विकेट झटके। 108 रन के लक्ष्य को मध्य प्रदेश की टीम ने 29.5 ओवर में चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। इस तरह मध्य प्रदेश की टीम पहली बार चैंपियन बनी।