Electra Stumps: अब स्टंप का रंग बताएगा किस गेंद पर क्या हुआ? जानिए क्या हैं इलेक्ट्रा स्टंप, कैसे करते हैं काम
क्रिकेट में पहले लकड़ी के सामान्य स्टंप्स का इस्तेमाल होता था। इसके बाद एलईडी स्टंप आए और अंपायरों का काम आसान हुआ। अब इलेक्ट्रा स्टंप इसमें नई क्रांति ला सकते हैं।


विस्तार
बिग बैश लीग की सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें दो पूर्व क्रिकेटर आधुनिक जमाने के इलेक्ट्रा स्टंप्स पर चर्चा कर रहे हैं और इनकी खासियत बता रहे हैं।
For the first time in the BBL...
— KFC Big Bash League (@BBL) December 22, 2023
The electra stumps are on show 🪩 #BBL13 pic.twitter.com/A6KTcKg7Yg
क्रिकेट के खेल में पहले लकड़ी के सामान्य स्टंप का इस्तेमाल होता था, जिनके ऊपर दो गिल्लियां रखी जाती थीं और गिल्लियां नीचे गिरने पर ही कोई बल्लेबाज आउट होता था। रन आउट के मामले में अगर गिल्लियां पहले से नीचे गिरी हुई हैं तो फील्डर को स्टंप उखाड़ने होते थे। इसके बाद एलईडी स्टंप आए। इन स्टंप में और इनमें इस्तेमाल होने वाली गिल्लियों में लाइट लगी रहती थी। जैसे ही गेंद या कोई अन्य चीज स्टंप या गिल्ली के संपर्क में आती थी तो लाइट जलने लगती थी। इससे अंपायरों का काम आसान हो गया।
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एलईडी स्टंप का ही इस्तेमाल होता है। इनमें कैमरा भी लगा रहता है, ताकि टीवी पर मैच देख रहे दर्शकों को हर एंगल से मैच दिखाया जा सके। अब इलेक्ट्रा स्टंप भी क्रिकेट के खेल में आ चुके हैं। इनमें पूरे स्टंप में लाइट लगी होती है और आउट होने के अलावा भी यह जलते रहते हैं। मैदान पर होने वाली अलग-अलग घटना पर इन स्टंप की लाइट बदलती रहती है।
कैसे काम करते हैं इलेक्ट्रा स्टंप?
किस गेंद पर क्या हुआ है, इस आधार पर स्टंप की लाइट बदलती रहती है। आइए इनके काम करने का तरीका समझते हैं।
आउटः विकेट गिरने पर स्टंप का रंग लाल हो जाता है, इसके बाद इनका रंग ऐसा हो जाता है, जैसे आग लग गई हो। यह बल्लेबाज के लिए पवेलियन लौटने का संकेत है।
चौकाः चौका लगने पर स्टंप का रंग बदलने जाता है, वह अपनी पुराने रंग की बजाय दूसरे रंग के हो जाते हैं फिर पुराने रंग के होते हैं।
छक्काः छक्का लगने पर स्टंप का रंग एक छोर से बदलना शुरू होता है और दूसरे छोर तक जाता है। इसके बाद दूसरे छोर से पहले छोर तक आता है। (चौका लगने पर पूरे स्टंप का रंग एक साथ बदलता है, लेकिन छक्का लगने पर एक छोर से रंग बदलना शुरू होता है)
नो बॉलः नो गेंद होने पर लाल और सफेद रंग पूरे स्टंप पर चलने लगते हैं। इसमें रंग बदलने का अंदाज पूरी तरह छक्के के जैसा होता है, लेकिन यहां रंग सिर्फ लाल और सफेद ही होते हैं।
ओवरों के बीचः ओवर खत्म होने पर स्टंप में बैगनी और नीले रंग की लाइट चलने लगती है। यहां भी रंग बदलने का अंदाज छक्का लगने और नो बॉल होने के समान होता है, लेकिन यहां पर रंग नीला और बैगनी ही होते हैं।