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Ranji Trophy 2022: मध्य प्रदेश ने 23 साल पुराने जख्म को भरा, तब लीड के बावजूद हार गई थी टीम, नहीं दोहराई पुरानी गलती
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Sun, 26 Jun 2022 06:11 PM IST
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सार
मध्य प्रदेश की टीम के साथ कुछ ऐसा हुआ था कि जिसका डर उन्हें मुंबई के खिलाफ मैच में भी सता रहा होगा। हालांकि, युवा जोश से भरी मध्य प्रदेश की टीम ने 1999 वाली परिस्थिति नहीं आने दी और चैंपियन बनकर ही दम लिया।

मध्य प्रदेश की टीम बनी रणजी ट्रॉफी चैंपियन
- फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
मध्य प्रदेश की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनी है। फाइनल में टीम ने 41 बार की चैंपियन मुंबई की टीम को छह विकेट से शिकस्त दी। इस जीत के मध्य प्रदेश ने 23 साल पुराने जख्म को भर दिया। 1998-99 के रणजी ट्रॉफी सीजन में मध्य प्रदेश की टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन फाइनल में उसे कर्नाटक के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
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तब मध्य प्रदेश की टीम के साथ कुछ ऐसा हुआ था कि जिसका डर उन्हें मुंबई के खिलाफ मैच में भी सता रहा होगा। हालांकि, युवा जोश से भरी मध्य प्रदेश की टीम ने 1999 वाली परिस्थिति नहीं आने दी और चैंपियन बनकर ही दम लिया। एमपी के खिलाड़ियों ने पुरानी वाली गलती नहीं दोहराई। हम आपको बताते हैं 1998-99 में क्या हुआ था...
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23 साल पहले फाइनल में मध्य प्रदेश के साथ क्या हुआ था?

मध्य प्रदेश की टीम
- फोटो : सोशल मीडिया
मध्य प्रदेश की टीम ने 1998-99 में भी शानदार प्रदर्शन किया था और तमाम दिग्गज टीमों के बीच फाइनल में जगह बनाई थी। तब मध्य प्रदेश की टीम में जेपी यादव और नरेंद्र हिरवानी जैसे खिलाड़ी थे। इन्होंने बाद में भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व किया था। फाइनल में कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 304 रन बनाए। जवाब में मध्य प्रदेश की टीम ने पहली पारी में एसके साहू के शतक की बदौलत 379 रन बनाए और 75 रन की बढ़त हासिल की।
दूसरी पारी में कर्नाटक ने और अच्छी बल्लेबाजी की और 321 रन बना डाले और मध्य प्रदेश के सामने 247 रन का लक्ष्य रखा। जवाह में मध्य प्रदेश की टीम अपनी दूसरी पारी में 150 रन पर ऑलआउट हो गई। कर्नाटक की टीम ने यह मैच 96 रन से जीत लिया था और चैंपियन बनी थी। इसी का दुख पिछले 23 साल से मध्य प्रदेश के जेहन में था।
मुंबई के खिलाफ फाइनल में क्या हुआ?

मध्य प्रदेश के यश दुबे
- फोटो : सोशल मीडिया
23 साल बाद मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में भी मध्य प्रदेश की टीम ने बढ़त हासिल की। पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में मुंबई ने 374 रन का स्कोर बनाया। जवाब में मध्य प्रदेश की टीम ने अपनी पहली पारी में 536 रन बनाए और 162 रन की लीड हासिल की। हालांकि, दूसरी पारी में मध्य प्रदेश के गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और मुंबई को 269 रन पर समेट दिया।
इस तरह मध्य प्रदेश को सिर्फ 108 रन का लक्ष्य मिला। इस स्कोर को टीम ने पांचवें दिन चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। टीम ने 1998-99 वाली गलती नहीं दोहराई और चोकर्स साबित नहीं हुए। इस साल मध्य प्रदेश के लिए कई खिलाड़ी उभर कर सामने आए। टीम के तीन बल्लेबाज टॉप पांच रन स्कोरर में शामिल रहे।
मध्य प्रदेश की जीत में हीरो बने ये खिलाड़ी

मध्य प्रदेश की टीम बनी रणजी ट्रॉफी चैंपियन
- फोटो : अमर उजाला
रजत पाटीदार ने छह मैचों में 82.25 की औसत से 658 रन बनाए। वहीं, यश दुबे ने छह मैचों में 614 रन बनाए। शुभम शर्मा ने छह मैचों में 76.00 की औसत से 608 रन बनाए। इसके अलावा गेंदबाजों में कुमार कार्तिकेय ने शानदार गेंदबाजी की और छह मैचों में 32 विकेट झटके। इसके अलावा गौरव यादव ने 23 विकेट झटके।