Amar Ujala Samvad 2023:उत्तराखंड नए विवि खोले, यूजीसी और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय करेगा मदद
यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने अमर उजाला संवाद के दौरान न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर अपने विचार रखें। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बहुत अच्छा स्कूलिंग सिस्टम हैं।
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Amar Ujala Samvad 2023: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा, उत्तराखंड में बहुत अच्छे स्कूल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड पूरे देश के लिए रोल मॉडल है। पर्यावरवण, सिक्योरिटी, स्किल एजुकेशन के क्षेत्र में राज्य नए विश्वविद्यालय खोले, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी की ओर से इसमें पूरा सहयोग किया जाएगा।
यूजीसी के चेयरमैन से पूछा गया कि एनईपी पर सवाल खड़े हो रहे हैं, कहा जा रहा है भाजपा अपने एजेंडे में शामिल कर इसे थोप रही है। जिस पर उन्होंने कहा, अमृतकाल में 2047 तक हम देश को पूरी दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व करने वाले देश के रूप में देखना चाहते हैं। छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहते हैं, उन्हें विकल्प देना चाहते हैं।
जो देश का विकास नहीं चाहते वे लोग एनईपी का विरोध कर रहे हैं। पाठ्य पुस्तकों में इतिहास से छेड़छाड़ के सवाल पर उन्होंने कहा, समय बदल रहा है तो इसमें भी बदलाव किया जाना चाहिए। एनसीईआरटी देश की प्रमुख संस्था है। एनसीईआरटी के विशेषज्ञों से फीडबैक लेकर ही इसमें बदलाव किया है।
विशेषज्ञों को अपना काम करने देते रहना चाहिए। जेएनयू के बारे में उन्होंने कहा, उन्होंने इस विश्वविद्यालय में छह साल तक काम किया है। इसमें बहुत अच्छे छात्र और फैकल्टी हैं। आदि पुरुष फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, फिल्म का समाज पर असर होता है। इस तरह की फिल्म बनाते हुए लोगों की भावना के बारे में विचार करना चाहिए।
एनईपी में 40% ऑनलाइन और 60% ऑफलाइन कोर्स की व्यवस्था
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा, एनईपी ज्ञान का स्रोत है। इस तरह की नीति देश के इतिहास में पहले कभी नहीं आई। नीति के तहत छात्र 40 प्रतिशत ऑनलाइन और 60 प्रतिशत ऑफलाइन कोर्स कर सकते हैं।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी बोले यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार
न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर बात करते हुए यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि हम अगर अपने देश के बेहतर भविष्य की बात कर रहे हैं, तो वह शिक्षा से ही होंगे और वो हमारे देश के बच्चे हैं। एनसीआरटी की पुस्तकों को लेकर उन्होंने कहां कि इसमें हिस्ट्री के साथ आज के नए डेवलोपमेंट को भी शामिल किया जाना चाहिए।
देश के बच्चों के बेहतर भविष्य पर चर्चा की
न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर बात करते हुए जगदीश कुमार ने कहा कि हम अगर अपने देश के बेहतर भविष्य की बात कर रहे हैं तो वह शिक्षा से ही होंगे और वो हमारे देश के बच्चे हैं। एनसीईआरटी की पुस्तकों को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें हिस्ट्री के साथ आज के नए डेवलपमेंट भी होने चाहिए।
कमल घनशाला बोले- आज हायर एजुकेशन का स्वर्णिम दौर
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि हायर एजुकेशन का स्वर्णिम दौर चल रहा है। सुरेखा डंगवाल न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर कहा कि जो टेक्नोलॉजी आई हैं। अब स्टूडेंट के पास मल्टीपल सोर्स हैं। स्टूडेंट को सब पता चल रहा हैं कि उन्हें क्या पढ़ाया जा रहा है।
यह उच्च शिक्षा का स्वर्णिम युग : डॉ. घनशाला
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डाॅ. कमल घनशाला ने कहा, यह उच्च शिक्षा का स्वर्णिम युग है। उच्च शिक्षा में कई बदलाव आए हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों में भी एक्सचेंज प्रोग्राम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया, ग्राफिक एरा की किस स्तर से शुरुआत हुई और आज विश्वविद्यालय टॉप 100 में है।
जगदीश कुमार ने फिल्म आदिपुरुष पर भी रखी अपनी राय
यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार ने जेएनयू में होने वाले भारत विरोधी मुद्दों पर कहा कि वहां पर एक छोटा आंदोलनजीवी ग्रुप है, जिसे मीडिया हाइप देता है। वहां कई बुद्दिमान छात्र भी हैं।आईआईएससी की रैंकिंग में जेएनयू दूसरे नंबर पर आता है। वहीं उन्होंने फिल्म आदिपुरुष विवाद पर भी अपनी राय रखी और कहा कि मैं फिल्म मेकर्स और कलाकारों की अभिव्यक्ति की आाजादी का सम्मान करता हूं। लेकिन उन्हें लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।