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Amar Ujala Samvad: सीएम धामी ने बताया कैसे पर्यावरणीय संतुलन के साथ उत्तराखंड में होगा विकास, बताई प्राथमिकता
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Mon, 05 Aug 2024 11:46 AM IST
सार
सीएम धामी ने कहा कि जल, जमीन, जंगल और हवा को समाहित कर जीईपी सूचकांक बनाया गया है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के शहरों की धारण क्षमता का आंकलन किया जा रहा है।
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अमर उजाला संवाद में सीएम पुष्कर सिंह धामी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यावरणीय संतुलन के साथ विकास हमारी प्राथमिकता है। सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) इस दिशा में काफी अहम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय के साथ भविष्य की चुनौतियों को समझते हुए हम विकास की यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। राज्य स्थापना दिवस से पहले प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी।
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सीएम धामी ने कहा कि जल, जमीन, जंगल और हवा को समाहित कर जीईपी सूचकांक बनाया गया है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के शहरों की धारण क्षमता का आंकलन किया जा रहा है। धारण क्षमता के हिसाब से उनका सुनियोजित विकास किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों के लिए प्रत्येक वर्ष मानसून का समय चुनौतीपूर्ण रहता है। ऐसे में हमें सभी पहलुओं को समझकर ही आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नीति आयोग की ओर से जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है।
इसे बनाए रखना हमारे लिए चुनौती है। जिन इंडिकेटर पर राज्य को और सुधार की आवश्यकता है, उनको भी बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ के तहत तीन लाख 54 हजार करोड़ के एमओयू हुए हैं। इसमें से 77 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग शुरू हो चुकी है।