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Uttarakhand: जंगल में नहीं मिल रहा आहार, भालू आबादी में आकर लोगों पर कर रहे प्रहार, 25 वर्षों में 2081 हमले

विजेंद्र श्रीवास्तव, अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Wed, 19 Nov 2025 11:19 AM IST
सार

पहाड़ों में भालू के हमले की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। तीन वर्षों में भालू के हमलों में प्रभावित होने वालों की संख्या बढ़ी है।

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Bears Attack No food available in forest bears are coming into populated areas and attacking people
भालू - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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वन्यजीवों के हमलों में तेंदुआ, बाघ, हाथी की बात ज्यादा होती है लेकिन राज्य में भालू के हमलों की संख्या भी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि भाूल के लिए जंगलों में प्रयाप्त भोजन नहीं मिल रहा है। जिस कारण वह आबादी के नजदीक पहुंच रहा है। राज्य बनने के बाद से अब तक 2081 भालू के हमले हो चुके हैं, इसमें दो हजार से अधिक लोग घायल हुए।

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इसके साथ कई लोगों की असमय मौत भी हुई है। तराई के क्षेत्रों में स्लोथ बियर और पहाड़ों में ब्लैक बियर का वास स्थल है। इन दिनों पहाड़ों में भालू के हमले की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। तीन वर्षों में भालू के हमलों में प्रभावित होने वालों की संख्या बढ़ी है।
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वर्ष-2023, 2024 और 17 नवंबर 2025 तक भालू के हमले में घायल होने वालों की संख्या क्रमश: 53, 65 और 66 है। वर्ष-2023 में भालू के हमले में किसी की मौत नहीं हुई थी, लेकिन 2024 और 2025 तक वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार क्रमश: तीन और छह लोगों की मौत हुई है। वहीं, राज्य बनने के बाद भालू के 2081 हमले हुए। इसमें 71 लोगों की मौत हुई और 2010 घायल हुए हैं।

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समूह बनाकर जाएं जंगल में
पूर्व प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव श्रीकांत चंदोला ने बताया कि जंगल में खाना न होना एक वजह है, जिसकी तलाश में वह आबादी के करीब आ रहे हैं। इससे भालू के हाइबरनेशन में जाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि जंगल जाते समय समूह में जाने जैसी पुरानी बातों का ध्यान रखना होगा।

भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक विभाष पांडव कहते हैं कि कई बार घरों के पास झाड़ी होती है, जिसमें भालू के छिपने के लिए स्थान मिल जाता है। अपर प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन विवेक पांडे कहते हैं कि रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य, बागेश्वर और पिथौरागढ़ वन प्रभाग में घटनाएं ज्यादा हुई है। टीमों को अधिक सावधानी बरतने को कहा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार कई बार घरों के पास फेंके गए कूड़े में भोजन की तलाश में भी भालू पहुंच जाते हैं। ऐसे में घरों के पास कूड़ा फेंकने से बचना चाहिए।

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