सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Child commission is taking strict action against removing children from school without valid reason Uttarkashi

Uttarkashi: बिना वैध कारण के बच्चों को स्कूल से हटाने पर बाल आयोग सख्त, मुख्य शिक्षा अधिकारी से मांगी जानकारी

संवाद न्यूज एजेंसी, बड़कोट (उत्तरकाशी) Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 22 Dec 2025 10:29 AM IST
सार

बिना वैध कारण के बच्चों को स्कूल से हटाने पर बाल आयोग ने मामले का संज्ञान लिया। आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर जानकारी मांगी।

विज्ञापन
Child commission is taking strict action against removing children from school without valid reason Uttarkashi
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : freepik.com
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

राजकीय प्राथमिक विद्यालय मदेश में पांच बच्चे स्कूल कम आते थे तो प्रधानाध्यापक ने उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया। मामले में करीब दो साल बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी से 20 दिसंबर तक मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब कर दोषियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है। वहीं अभिभावकों को आरोप है कि उन्हें बिना सूचना के ही उनके बच्चों की टीसी उन्हें थमा दी गई थी।

Trending Videos

मामला बड़कोट तहसील के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मदेश का है जहां गत जुलाई 2023 में विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने पांच बच्चों को स्कूल से इसलिए हटा दिया कि वे स्कूल कम आते हैं। प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों को उनके बच्चों की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) थमा दी। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि मामले में उनसे न पूछा गया और न ही बताया गया। इससे उनमें भारी रोष है।

विज्ञापन
विज्ञापन


शिक्षा व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल
बच्चों के अभिभावकों ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी बड़कोट के माध्यम से शिक्षा विभाग को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद विभागीय स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी से जांच कराई गई। जांच में यह तथ्य सामने आया कि पांचों बच्चों के नाम बिना किसी वैध कारण और सूचना के विद्यालय से पृथक किए गए थे जिसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट में की गई।

जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंच गया है। आयोग ने इसे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी से पूरे प्रकरण में की गई कार्रवाई का विवरण और जिम्मेदारों के खिलाफ उठाए गए कदमों की रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


ये भी पढे़ं...Uttarakhand: डिजिटल अरेस्ट...11 दिनों तक साइबर ठगों के खाैफ में रही वरिष्ठ प्राध्यापिका, फिर भाई ने दी हिम्मत

स्थानीय स्तर पर यह मामला शिक्षा व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के भविष्य से जुड़ा ऐसा संवेदनशील निर्णय मनमाने ढंग से नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि अभिभावकों ने बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला दिलवा दिया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल का कहना है कि उक्त प्रकरण उनके संज्ञान में नही है। अगर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग से पत्र आया होगा तो उस पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed