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Dehradun News: पुलिस सुधार लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास, विकास की बुनियाद
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- ग्लोबल काउंटर टेरेरिज्म काउंसिल के सम्मेलन को राज्यपाल ने किया वर्चुअल संबोधित
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि पुलिस सुधार लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास, विकास की बुनियाद है। लोक भवन से ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी) की ओर से नई दिल्ली में पुलिस सुधार@ 20 (प्रकाश सिंह निर्णय) विकसित भारत की ओर विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल रूप से संबोधन में ये बात कही।
यह सम्मेलन सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ निर्णय के 20 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ। सम्मेलन परिषद के दिवंगत संरक्षक कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त, एसएम, आईएएस (सेवानिवृत्त) की स्मृति में आयोजित हुआ। उन्होंने अपने जीवन में प्रशासनिक ईमानदारी, संस्थागत सुधार और राष्ट्रसेवा के उच्च आदर्श स्थापित किए।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुलिस सुधार केवल प्रशासनिक आवश्यकता नहीं बल्कि लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास और भारत के दीर्घकालिक विकास की बुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल अकादमिक या प्रशासनिक अभ्यास नहीं बल्कि राष्ट्रीय आत्ममंथन का अवसर है। उन्होंने कहा कि पुलिस राज्य की सत्ता की सबसे प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति होने के साथ-साथ नागरिक के सबसे निकट की संस्था भी है। इसलिए उससे संयम, निष्पक्षता और जवाबदेही की अपेक्षा और अधिक बढ़ जाती है। पुलिस सुधारों को विकसित भारत 2047 की व्यापक दृष्टि से जोड़कर देखना आवश्यक है।
दिवंगत कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने उन्हें एक दूरदर्शी, संवेदनशील और सुधारवादी प्रशासक के रूप में याद किया। सम्मेलन के मुख्य सत्र में जीसीटीसी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु सिंह, लक्ष्मी सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्ध नगर सहित देशभर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, नीति विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और सुरक्षा विश्लेषक शामिल हुए।
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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि पुलिस सुधार लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास, विकास की बुनियाद है। लोक भवन से ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी) की ओर से नई दिल्ली में पुलिस सुधार
यह सम्मेलन सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ निर्णय के 20 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ। सम्मेलन परिषद के दिवंगत संरक्षक कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त, एसएम, आईएएस (सेवानिवृत्त) की स्मृति में आयोजित हुआ। उन्होंने अपने जीवन में प्रशासनिक ईमानदारी, संस्थागत सुधार और राष्ट्रसेवा के उच्च आदर्श स्थापित किए।
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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुलिस सुधार केवल प्रशासनिक आवश्यकता नहीं बल्कि लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास और भारत के दीर्घकालिक विकास की बुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल अकादमिक या प्रशासनिक अभ्यास नहीं बल्कि राष्ट्रीय आत्ममंथन का अवसर है। उन्होंने कहा कि पुलिस राज्य की सत्ता की सबसे प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति होने के साथ-साथ नागरिक के सबसे निकट की संस्था भी है। इसलिए उससे संयम, निष्पक्षता और जवाबदेही की अपेक्षा और अधिक बढ़ जाती है। पुलिस सुधारों को विकसित भारत 2047 की व्यापक दृष्टि से जोड़कर देखना आवश्यक है।
दिवंगत कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने उन्हें एक दूरदर्शी, संवेदनशील और सुधारवादी प्रशासक के रूप में याद किया। सम्मेलन के मुख्य सत्र में जीसीटीसी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु सिंह, लक्ष्मी सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्ध नगर सहित देशभर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, नीति विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और सुरक्षा विश्लेषक शामिल हुए।

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