{"_id":"69470eda6b1f8be8400bc8d2","slug":"the-court-expressed-concern-over-the-increasing-cyber-fraud-dehradun-news-c-5-drn1058-861088-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Dehradun News: बढ़ती साइबर ठगी पर अदालत ने जताई चिंता, दो आरोपियों को राहत देने से इन्कार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Dehradun News: बढ़ती साइबर ठगी पर अदालत ने जताई चिंता, दो आरोपियों को राहत देने से इन्कार
विज्ञापन
विज्ञापन
देहरादून। संगठित तरीके से साइबर ठगी के अपराध के जरिये आम लोगों को शिकार बनाना गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। इस टिप्पणी के साथ सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल ने करोड़ों की साइबर ठगी के दो मामलों में शनिवार को युवती समेत दो आरोपियों को अग्रिम राहत देने से इन्कार कर दिया। दोनों मामलों में अदालत ने बढ़ते साइबर क्राइम पर गंभीर चिंता जताई और अपराध की प्रकृति को देखते हुए आरोपियों को अग्रिम राहत देने से इन्कार कर दिया।
-- -- -
2.67 करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन धोखाधड़ी
इस मामले में कीर्ति नामक युवती की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त की गई है। जमानत के विरोध में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिसौदिया ने दलील दी कि पीड़ित भुवनेश को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये निवेश का झांसा दिया गया था। उनसे विभिन्न बैंक खातों में कुल 2.67 करोड़ की राशि ट्रांसफर करवाई गई जिसमें एक हिस्सा कीर्ति ट्रेडर्स नाम के खाते में भी ट्रांसफर हुआ। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि युवती निर्दोष है और केवल एक ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। उसका बैंक खाता ऑफिस की ओर से वेतन के लिए खुलवाया गया था। उसे खाते में आई अन्य धनराशि की जानकारी नहीं थी।
-- --
89 लाख की ठगी
89 लाख की साइबर ठगी के एक अन्य मामले में आरोपी सचिन रेहान को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। मामले में सोशल मीडिया के जरिये ठगी का जाल बुना गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता रघुवीर सिंह ने बीती चार जुलाई को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 12 जून को सारा वल्टर नामक एक महिला ने खुद को यूके के एक अस्पताल की नर्स बताकर उनसे संपर्क किया था। दुलर्भ हर्बल बीजों की खरीद-फरोख्त में भारी मुनाफे का लालच देकर 89 लाख रुपये से ज्यादा हड़प लिए। मामले की पुलिस जांच में पता चला कि जिन खातों में राशि ट्रांसफर की गई, उनमें एक खाते का लाभार्थी सचिन भी था।
Trending Videos
2.67 करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन धोखाधड़ी
इस मामले में कीर्ति नामक युवती की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त की गई है। जमानत के विरोध में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिसौदिया ने दलील दी कि पीड़ित भुवनेश को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये निवेश का झांसा दिया गया था। उनसे विभिन्न बैंक खातों में कुल 2.67 करोड़ की राशि ट्रांसफर करवाई गई जिसमें एक हिस्सा कीर्ति ट्रेडर्स नाम के खाते में भी ट्रांसफर हुआ। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि युवती निर्दोष है और केवल एक ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। उसका बैंक खाता ऑफिस की ओर से वेतन के लिए खुलवाया गया था। उसे खाते में आई अन्य धनराशि की जानकारी नहीं थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
89 लाख की ठगी
89 लाख की साइबर ठगी के एक अन्य मामले में आरोपी सचिन रेहान को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। मामले में सोशल मीडिया के जरिये ठगी का जाल बुना गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता रघुवीर सिंह ने बीती चार जुलाई को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 12 जून को सारा वल्टर नामक एक महिला ने खुद को यूके के एक अस्पताल की नर्स बताकर उनसे संपर्क किया था। दुलर्भ हर्बल बीजों की खरीद-फरोख्त में भारी मुनाफे का लालच देकर 89 लाख रुपये से ज्यादा हड़प लिए। मामले की पुलिस जांच में पता चला कि जिन खातों में राशि ट्रांसफर की गई, उनमें एक खाते का लाभार्थी सचिन भी था।

कमेंट
कमेंट X