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Dehradun News: नए स्वरूप में बनेंगे घराट, हेस्को के साथ सिंचाई विभाग करेगा काम
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सिंचाई विभाग की नहरों में स्थापित घराटों कें संबध में लघु सिंचाई एंव सिंचाई विभाग के सचिव संग च
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- विभागीय अधिकारियों ने हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी संग की चर्चा
माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। सिंचाई विभाग के सचिव समेत विभागीय अधिकारियों ने हेस्को के संस्थापक पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी संग विभाग की नहरों में स्थापित घराटों के संबंध में चर्चा की। सचिव युगल किशोर पंत ने निर्णय लेते हुए कहा, राज्य में सिंचाई विभाग की नहरों में स्थापित घराटों का सर्वेक्षण किया जाएगा और एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके तहत इन्हें नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हेस्को और सिंचाई विभाग मिलकर समन्वय के साथ कार्य करेंगे।
सिंचाई विभाग और स्थानीय लोग मिलकर अपने-अपने क्षेत्रों में जहां-जहां घराट हैं, उन्हें पूर्ण रूप से पुनर्जीवित करेंगे। वहीं, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बताया, दूसरी-तीसरी शताब्दी के घराट आज भी किसी न किसी रूप में जीवित हैं या उनके अवशेष आज भी मौजूद हैं। विभाग की बड़ी-बड़ी नहरें ब्रिटिश काल से आज तक संचालित हैं, उनमें भी कई घराट जीवित हैं लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि इन्हें पुनः स्थापित व पुनर्जीवित किया जाए। कहा, सिंचाई विभाग और स्थानीय समुदाय मिलकर नहरों में स्थापित घराटों को एक नई दिशा दे सकते हैं, जहां एक ओर ये पर्यटन के आकर्षण बनेंगे, वहीं दूसरी ओर घराट आधारित आटा पिसाई व अन्य एग्रो-प्रोसेसिंग गतिविधियां संभव होंगी। इससे हम हमारी पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नया स्वरूप दे पाएंगे।
पहले चरण में छह घराटों को नया जीवन दिया जाएगा और आने वाले समय में नहरों पर स्थापित सभी घराटों को पूर्ण रूप से पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जाएगी। इस मौके पर लघु सिंचाई के एचओडी बीके तिवारी, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पीएल नौटियाल, लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता विनय कुमार सिंह, सिंचाई विभाग के एई मोनू कुमार सिंह, संजीव कुमार, शंकर कुमार, डॉ. किरण, डॉ. हिमानी, भालनी, दीपा, चंदन बोरा, मुकेश वेदिक आदि मौजूद रहे।
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माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। सिंचाई विभाग के सचिव समेत विभागीय अधिकारियों ने हेस्को के संस्थापक पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी संग विभाग की नहरों में स्थापित घराटों के संबंध में चर्चा की। सचिव युगल किशोर पंत ने निर्णय लेते हुए कहा, राज्य में सिंचाई विभाग की नहरों में स्थापित घराटों का सर्वेक्षण किया जाएगा और एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके तहत इन्हें नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हेस्को और सिंचाई विभाग मिलकर समन्वय के साथ कार्य करेंगे।
सिंचाई विभाग और स्थानीय लोग मिलकर अपने-अपने क्षेत्रों में जहां-जहां घराट हैं, उन्हें पूर्ण रूप से पुनर्जीवित करेंगे। वहीं, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बताया, दूसरी-तीसरी शताब्दी के घराट आज भी किसी न किसी रूप में जीवित हैं या उनके अवशेष आज भी मौजूद हैं। विभाग की बड़ी-बड़ी नहरें ब्रिटिश काल से आज तक संचालित हैं, उनमें भी कई घराट जीवित हैं लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि इन्हें पुनः स्थापित व पुनर्जीवित किया जाए। कहा, सिंचाई विभाग और स्थानीय समुदाय मिलकर नहरों में स्थापित घराटों को एक नई दिशा दे सकते हैं, जहां एक ओर ये पर्यटन के आकर्षण बनेंगे, वहीं दूसरी ओर घराट आधारित आटा पिसाई व अन्य एग्रो-प्रोसेसिंग गतिविधियां संभव होंगी। इससे हम हमारी पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नया स्वरूप दे पाएंगे।
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पहले चरण में छह घराटों को नया जीवन दिया जाएगा और आने वाले समय में नहरों पर स्थापित सभी घराटों को पूर्ण रूप से पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जाएगी। इस मौके पर लघु सिंचाई के एचओडी बीके तिवारी, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पीएल नौटियाल, लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता विनय कुमार सिंह, सिंचाई विभाग के एई मोनू कुमार सिंह, संजीव कुमार, शंकर कुमार, डॉ. किरण, डॉ. हिमानी, भालनी, दीपा, चंदन बोरा, मुकेश वेदिक आदि मौजूद रहे।

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