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Rajaji Tiger Reserve: वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर, सीटीआर के बाहर से भी राजा को लाने की तैयारी

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: देहरादून ब्यूरो Updated Tue, 04 Nov 2025 07:16 PM IST
सार

राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में बाघों की संख्या अन्य जगहों की तुलना में कम है, जबकि एरिया खासा बड़ा है।

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Rajaji Tiger Reserve: Good news for wildlife lovers, preparations underway to bring Raja from outside CTR
राजा जी टाइगर रिजर्व - फोटो : अमर उजाला (फाइल फोटो)
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विस्तार
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राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के अलावा दूसरे वन प्रभागों के राजा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने (ट्रांसलोकेट) की योजना है। विभाग का मानना है कि इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी।

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राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में बाघों की संख्या अन्य जगहों की तुलना में कम है, जबकि एरिया खासा बड़ा है। वहीं, कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व के पूर्वी भाग में बाघों की संख्या काफी अधिक है। यहां पर किए गए अध्ययन में क्षमता धारण पूरी हो चुकी है। वन विभाग ने सात वर्ष पहले कार्बेट टाइगर रिजर्व से बाघों को ट्रांसलोकेट कर राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में पहुंचाने का काम शुरू किया गया।
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इस वर्ष तक पांच बाघ-बाघिन को पहुंचाया जा चुका है। आगे भी ट्रांसलोकेशन की योजना पर वन विभाग विचार कर रहा है। इसमें कार्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा रामनगर, तराई पश्चिमी, हल्द्वानी आदि वन प्रभागों से भी फिट बाघ-बाघिन को राजाजी टाइगर में पहुंचाने की योजना है।

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राज्य में बाघों की संख्या बढ़ी
राज्य में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में वर्ष-2006 में राज्य में बाघों की संख्या 178 थी, जो वर्ष 2022 में 560 पहुंच चुकी है। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व से बाघों को ट्रांसलोकेट किया गया है। विभाग कार्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा अन्य वन प्रभागों से भी बाघों को ट्रांसलोकेट करने की योजना है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा कैरिंग कैपिसिटी के दृष्टिगत भी ठीक रहेगा।

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