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SIR: उत्तराखंड में अन्य राज्यों के मुकाबले आसान होगा एसआईआर, बीएलओ के लिए भी राह होगी आसान
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Thu, 04 Dec 2025 04:43 PM IST
सार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम के स्तर से प्री एसईआर की तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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विस्तार
उत्तराखंड में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए मतदाता और बीएलओ दोनों के लिए राह आसान होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इसके लिए पहले से ही काफी कसरत शुरू कर दी है।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम के स्तर से प्री एसईआर की तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत सभी जिलों में बीएलओ वोटर लिस्ट मैपिंग का काम कर रहे हैं। वर्ष 2003 के करीब 53 लाख मतदाताओं को वर्तमान वोटर लिस्ट के सापेक्ष मैप किया जा रहा है। इससे एसईआर फॉर्म बनाने में आसानी होगी। खास बात ये है कि ऐसे मतदाताओं को एसईआर फॉर्म के साथ अपने दस्तावेज तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह सीधे फॉर्म पर अपनी फोटो लगाकर हस्ताक्षर करेंगे और बीएलओ के पास जमा करा देंगे। खास बात ये भी है कि बीएलओ के लिए अलग से चुनाव आयोग ने एप भी बनाया हुआ है।
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डॉ. पुरुषोत्तम के निर्देशों पर सभी मतदान केंद्रों पर बूथ अवेयरनेस ग्रुप (बीएजी) सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। एसआईआर के दौरान इनकी जिम्मेदारी होगी कि वह उन मतदाताओं के घर तक पहुंचेंगे, जिनके एसआईआर फॉर्म वापस नहीं आए होंगे। वहां आसपास के लोगों से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसमें ऐसे मतदाताओं के एसआईआर फॉर्म वापस न आने का कारण बताना होगा। इससे बीएलओ को घर-घर के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी और वह बेहतर तरीके से एसआईआर के अपने काम कर सकेगा।
शहरी क्षेत्रों में एसआईआर की चुनौती
उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में चुनाव आयोग, बीएलओ के लिए एसआईआर का काम पूरा करने की चुनौती होगी। तमाम लोग ऐसे हैं जो कि सीधे तौर पर इस तरह की सूचनाओं से जुड़े नहीं हैं। कई ऐसे हैं, जिनका दरवाजा खटखटाकर एसआईआर फॉर्म देना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अब निर्वाचन विभाग इसकी भी योजना बना रहा है।