एंजेल चकमा हत्याकांड: फरार मुख्य आरोपी के नेपाल भागने की आशंका, एक लाख का इनाम घोषित, एसआईटी गठित
Dehradun News: सेलाकुई में कुछ युवकों ने त्रिपुरा निवासी युवक एंजेल चकमा पर मामूली विवाद के बाद चाकू और हाथ के कड़े से हमला कर दिया था। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और ग्राफिक एरा अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
विस्तार
एंजेल चकमा हत्याकांड के मुख्य आरोपी यज्ञ राज अवस्थी पर पुलिस ने अब एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। दूसरी ओर मुख्य हत्यारोपी के नेपाल बार्डर इलाके में छिपे होने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने तलाश तेज कर दी है। मामले में मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दाैरान एसएसपी अजय सिंह ने हत्याकांड की जांच के संबंध में आवश्यक जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नाै दिसंबर को हुए हत्याकांड में पुलिस अधीक्षक विकास नगर की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। साथ ही घटना के मुख्य आरोपी यज्ञ राज पर पूर्व में घोषित किए गए 25 हजार रुपये के इनाम को बढ़ाकर अब एक लाख रुपये कर दिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि सेलाकुई में कुछ युवकों ने त्रिपुरा निवासी युवक एंजेल चकमा पर मामूली विवाद के बाद चाकू और हाथ के कड़े से हमला कर दिया था। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और ग्राफिक एरा अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह सिर और कान के आसपास गहरी चोट लगना बताया गया है।
एंजेल चकमा हत्याकांड: पुलिस बोली- जन्मदिन की पार्टी में हुआ था विवाद, नस्लीय टिप्पणी के साक्ष्य नहीं
पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो छह आरोपी इसमें शामिल पाए गए। इसमें पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि मूलरूप से नेपाल के कंचनपुर निवासी मुख्य आरोपी यज्ञ राज अवस्थी अभी फरार है। एसएसपी ने बताया कि पीड़ित परिवार की ओर से प्रस्तुत किए गए मृतक के जाति प्रमाणपत्र को आधार बनाते हुए मामले में एससी-एसटी एक्ट की धारा भी जोड़ी गई है।
एसएसपी ने बताया कि एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मृतक के परिजनों को जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से 29 दिसंबर को चार लाख 12 हजार पांच सौ रुपये की एक किस्त आर्थिक सहायता के तौर पर भेजी गई है। एसएसपी ने घटना में संवेदनाएं व्यक्त करते हुए परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पुलिस ने फिर स्पष्ट किया कि मामले में नस्लभेदी टिप्पणी के साक्ष्य नहीं
एसएसपी अजय सिंह ने एक बार फिर साफ किया कि अभी तक की जांच में नस्लभेदी टिप्पणी के कोई भी साक्ष्य सामने नहीं आए हैं। इस तरह के आरोपों का इसलिए भी आधार नहीं बन रहा है, क्याेंकि आरोपी पक्ष के भी दो लोग उसी परिवेश के हैं। मुख्य आरोपी नेपाली मूल का है, वहीं दूसरा मणिपुर का रहने वाला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ित पक्ष ने तहरीर में भी नस्लभेदी टिप्पणी की बात नहीं लिखी है। आगे अगर इस तरह का कोई साक्ष्य सामने आता है तो वे इस दिशा में भी जांच करेंगे।