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Uttarakhand Election 2022 : मतदाताओं की जागरूकता के लिए संवाद आज, देहरादून की कई गणमान्य हस्तियों ने दिया संदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Sun, 13 Feb 2022 09:00 PM IST
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सार
उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या और हेस्को के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मभूषण अनिल जोशी समेत शहर की विभिन्न गणमान्य हस्तियों ने मतदाता जागरूकता के बारे में संवाद कर जनता को अधिक से अधिक मतदान करने का संदेश दिया।

मतदाता जागरूकता संवाद
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
मतदान से एक दिन पूर्व अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या से ईवीएम, निर्वाचन आयोग की तैयारियों, मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों आदि के बारे में सवाल किए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी से विस्तार पूर्वक उनके सवालों को जवाब दिए।
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मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयासों के सवाल पर मुख निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इसके लिए आयोग चुनाव से पूर्व राज्य भर में स्वीप कार्यक्रम के तहत कई जागरूकता कार्यक्रम चलाता है। स्कूलों, कॉलेजों, विभिन्न संस्थानों में पोस्टर, चित्रकला सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
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इसमें विभिन्न संस्थाओं, एनजीओ आदि का सहयोग लिया जाता है। कोरोना के चलते मतदान केंद्रों पर खास एहतियात बरते जा रहे हैं। बूथों को मतदान से पहले सैनीटाइज किया जा रहा है। तापमान जांचने के लिए स्कैनर की व्यवस्था की गई है। दस्ताने, सैनीटाइजर की व्यवस्था भी मतदान केंद्रों पर की गई है। बुखार से पीड़ित लोगों से अंत में मतदान कराने की व्यवस्था की गई है।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश में 101 सखी बूथ बनाए गए हैं जिसमें केवल महिला अधिकारी ही मौजूद रहेंगी। यहां महिलाओं के बैठने, दूध पिलाने के लिए अलग से स्थान की व्यवस्था की गई है। साथ ही वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रीतम भरतवाण, पर्वतारोही ताशी-नुंग्शी सहित प्रभावशाली लोगों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
नोटा के सवाल पर मुख निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह भारत निर्वाचन आयोग की व्यवस्था है जिससे कि मतदाता मतदान केंद्र पर आकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। सवाल करने वालों में आयुषी बिष्ट, शोयब जैद, तृप्ति नेगगी, योगेश कुमार, मोहम्मद आशिक आदि शामिल रहे।
किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती है ईवीएम हैक : सौजन्या
अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने मुख निर्वाचन अधिकारी से ईवीएम हैक होने के बारे में भी सवाल किए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ईवीएम किसी भी दशा में हैक नहीं हो सकती है। मतदान से पहले इसे कई प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है।
बताया कि पहले तो ईवीएम मशीने रैंडमाइज होकर आती है। कौन से मशीन कौन से विधानसभा और बूथों में जाएगी, इसका पता नहीं रहता है। पोलिंग पार्टियों को भी मशीन उसी दिन दी जाती है। मतदान से पहले मॉक पोल होता है। जिससे सभी पार्टियों के एजेंट के सामने पचास-पचास वोट डाले जाते हैं।
अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो उसे ईवीएम तुंरत बदल दी जाती है। मशीन का पूरा नियंत्रण रिटर्निंग ऑफिसर के हाथ में होता है। एक वोट डालने के बाद जब तक रिटर्निंग अफसर दोबारा बटन नहीं दबाएगा तब तक दूसरा वोट नहीं पड़ सकता। अब तक मतदाता यह भी देख सकते हैं, उनका वोट उसी को गया जिसका बटन दबाया या नहीं।
बताया कि पहले तो ईवीएम मशीने रैंडमाइज होकर आती है। कौन से मशीन कौन से विधानसभा और बूथों में जाएगी, इसका पता नहीं रहता है। पोलिंग पार्टियों को भी मशीन उसी दिन दी जाती है। मतदान से पहले मॉक पोल होता है। जिससे सभी पार्टियों के एजेंट के सामने पचास-पचास वोट डाले जाते हैं।
अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो उसे ईवीएम तुंरत बदल दी जाती है। मशीन का पूरा नियंत्रण रिटर्निंग ऑफिसर के हाथ में होता है। एक वोट डालने के बाद जब तक रिटर्निंग अफसर दोबारा बटन नहीं दबाएगा तब तक दूसरा वोट नहीं पड़ सकता। अब तक मतदाता यह भी देख सकते हैं, उनका वोट उसी को गया जिसका बटन दबाया या नहीं।