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उत्तराखंड: फास्टैग से जुड़ेगी बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया, ये है तैयारी

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 18 Jun 2024 05:00 AM IST
सार

सरकार ग्रीन सेस वसूलने के साथ वाहनों का डेटा भी तैयार करना चाहती है, ताकि इसका यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सके।

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Uttarakhand News process of collecting green cess from vehicles coming from outside will be linked to Fastag
- फोटो : PTI
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विस्तार
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राज्य के बाहर से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया को परिवहन विभाग फास्टैग से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए एक हफ्ते में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा।

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सरकार ग्रीन सेस वसूलने के साथ वाहनों का डेटा भी तैयार करना चाहती है, ताकि इसका यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सके। हालांकि, परिवहन विभाग लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ग्रीन सेस वसूलने की अधिसूचना जारी कर चुका है, लेकिन यह अधिसूचना प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाई है। विभाग अभी ग्रीन सेस वसूलने के प्रभावी तरीके पर विचार कर रहा है।
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पड़ोसी राज्य हिमाचल भी वहां प्रवेश करने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों से ग्रीन सेस वसूलता है। वहां राज्य की सीमा पर बैरियर बनाकर सेस वसूला जाता है, लेकिन उत्तराखंड सरकार की मंशा इससे जुदा है।

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वाहनों को रोके बिना ग्रीन सेस वसूलना चाहती सरकार
प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों वाहनों को रोककर ग्रीन सेस वसूलने के पक्ष में नहीं है। इससे ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की संभावना है। इसलिए फास्टैग के विकल्प पर विचार हो रहा है। विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में एनएचएआई से भी संपर्क किया है, लेकिन यहां एक पेच फंसा है। एनएचएआई के टोल बैरियरों में फास्ट टैग की व्यवस्था राज्य के भीतर और बाहर दोनों तरह के वाहनों के लिए है, लेकिन उत्तराखंड में केवल राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों से ही ग्रीन सेस वसूला जाना है।

एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी करेगी सरकार
इसलिए सरकार ने तय किया है कि वह फास्टैग की सुविधा देने वाले बैंक व अन्य एजेंसियों के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी करेगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह के मुताबिक, अगले हफ्ते तक एक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्ट जारी कर दिया जाएगा।

ग्रीन सेस वसूली से होंगे दो फायदे
ग्रीन सेस की ऑनलाइन वसूली से दो फायदे होंगे। पहला लाखों की संख्या में राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस के एवज राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। सरकार के पास उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों के बारे में जानकारी होगी।

ये दरें हैं निर्धारित
वाहन          ग्रीन सेस (रुपये में)
चार पहिया       40
तीन पहिया       20
मध्यम वाहन     60
भारी वाहन       80
नोट: तिमाही व सालाना व्यवस्था की गई है

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