सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   ACB will investigate the scam of 200 crores in hospitals

Delhi: एसीबी करेगी अस्पतालों में 200 करोड़ के घोटाले की जांच, LG ने दी पांच इंजीनियरों के खिलाफ जांच को मंजूरी

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Tue, 29 Oct 2024 05:07 AM IST
विज्ञापन
सार

राजनिवास के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) के तहत पांच इंजीनियरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को जांच की मंजूरी दी। यह सभी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के इलेक्ट्रिकल डिवीजन से संबंधित हैं। 

ACB will investigate the scam of 200 crores in hospitals
वीके सक्सेना - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लोेक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने 200 करोड़ रुपये का घोटाला किया। इन इंजीनियरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) जांच करेगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जांच को मंजूरी दे दी है। घोटाले के मामले में इलेक्ट्रिकल डिवीजन के दो सहायक अभियंता और 3 जूनियर इंजीनियर शामिल हैं। इन इंजीनियर पर फर्जी बिलों के सहारे मनपसंद ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने व बिलों में हेराफेरी करने का आरोप है।

loader
Trending Videos


राजनिवास के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) के तहत पांच इंजीनियरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को जांच की मंजूरी दी। यह सभी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के इलेक्ट्रिकल डिवीजन से संबंधित हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन


जांच की स्वीकृति एफआईआर में उल्लेखित स्वास्थ्य क्षेत्र के पीडब्ल्यूडी से संबंधित अधिकारी सुभाष चंद्र दास (एई), सुभाष चंद (एई), अभिनव (जेई), रघुराज सोलंकी (जेई) और राजेश अग्रवाल (जेई) के खिलाफ है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों से संबंधित इस घोटाले से सरकारी खजाने को 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

यह मामला उपरोक्त सहायक इंजीनियरों और जूनियर इंजीनियरों के खिलाफ पीडब्ल्यूडी में दर्ज की गई शिकायतों से संबंधित है। इसमें आरोप लगाया गया था कि इन्होंने दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में आपातकालीन कार्यों के नाम पर खुद को लाभ पहुंचाने वाली विभिन्न कंपनियों को टेंडर दिलाने में मदद की। इन अस्पतालों में लोक नायक अस्पताल, मौलाना आजाद डेंटल विज्ञान संस्थान, जीबी पंत अस्पताल और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

अब तक की जांच में पता चला है कि पीडब्ल्यूडी के उपरोक्त अधिकारियों ने फर्जी बिलों के भुगतान के लिए फर्मों व ठेकेदारों को भुगतान स्वीकृत किए। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। आरोपियों ने अपने पसंदीदा ठेकेदारों व फर्मों को लाभ देने के लिए स्पॉट कोटेशन में फर्जी हस्ताक्षर और हेरफेर किया था। इसके खजाने को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed