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Delhi NCR News: सीएसआर फंड में निवेश के नाम पर ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार
सार
नई दिल्ली के दरियागंज क्षेत्र में एक कंपनी से 69 लाख रुपये की ठगी मामले में पुलिस ने अहमदाबाद से जितेंद्र पांडे को गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से 43 लाख रुपये और अन्य सामान बरामद हुए हैं। गिरोह व्यवसायियों को निवेश का झांसा देकर ठगी करता था।
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विस्तार
- दरियागंज की एक कंपनी से 69 लाख रुपये की ठगी की थी
- आरोपी के पास से 43 लाख रुपये पुलिस ने बरामद किए
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। दरियागंज में एक कंपनी के अधिकारी की शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने एक संगठित ठगी गिरोह के सक्रिय सदस्य जितेंद्र पांडे (32) को अहमदाबाद, गुजरात से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने कंपनी से 69 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी के पास से 43.20 लाख रुपये नकद, एक एंडेवर कार और दो मोबाइल फोन (सैमसंग फोल्ड 4 और आईफोन 14) बरामद किए हैं।
शिकायत के अनुसार जनवरी 2025 में महाराष्ट्र के आशीष, अपूर्व, विनायक, विजय और तुषार ने शिकायतकर्ता की कंपनी से संपर्क किया और निवेश का प्रस्ताव दिया। इन लोगों ने कंपनी से प्रोजेक्ट रिपोर्ट, वित्तीय विवरण, क्रॉस्ड चेक और अन्य दस्तावेज मांगे, यह दावा करते हुए कि वे कंपनी के लिए फंडिंग की व्यवस्था करेंगे। कई जूम मीटिंग्स के बाद 24 फरवरी को विजय ने तीन अन्य व्यक्तियों शोएब उर्फ सुशांत (हुबली), सईद (कोल्हापुर) और प्रकाश को पेश किया। इन लोगों ने शिकायतकर्ता को तत्काल नकद में सर्विस फीस के रूप में 69 लाख रुपये दिल्ली के करोल बाग स्थित गोल्ड प्लाजा में जमा करने को कहा।
26 फरवरी को विजय, प्रकाश और सईद ने फर्जी स्क्रीनशॉट भेजे, जिसमें 49 लाख रुपये की डेबिट ट्रांजेक्शन दिखाई गई, लेकिन कंपनी के खाते में कोई राशि जमा नहीं हुई। इसके बाद प्रकाश मौके से फरार हो गया, जबकि बाकी आरोपी बहाने बनाने लगे और संपर्क से बचने लगे। उसके बाद शिकायत दर्ज कर पुलिस ने जितेंद्र पांडे को गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि वह मास्टरमाइंड मोनिश बदानी, विक्रम, पिंटू, भूपेश और पारस (सभी मुंबई निवासी) के साथ मिलकर काम करता था। यह गिरोह विभिन्न शहरों में अस्थायी कार्यालय खोलता था, व्यवसायियों को सीएसआर फंड में निवेश का लालच देता था और फर्जी पेंमेंट की पुष्टि भेजकर ठगी करता था। ठगी के बाद वे कार्यालय बंद कर शहर से फरार हो जाते थे।
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- आरोपी के पास से 43 लाख रुपये पुलिस ने बरामद किए
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। दरियागंज में एक कंपनी के अधिकारी की शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने एक संगठित ठगी गिरोह के सक्रिय सदस्य जितेंद्र पांडे (32) को अहमदाबाद, गुजरात से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने कंपनी से 69 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी के पास से 43.20 लाख रुपये नकद, एक एंडेवर कार और दो मोबाइल फोन (सैमसंग फोल्ड 4 और आईफोन 14) बरामद किए हैं।
शिकायत के अनुसार जनवरी 2025 में महाराष्ट्र के आशीष, अपूर्व, विनायक, विजय और तुषार ने शिकायतकर्ता की कंपनी से संपर्क किया और निवेश का प्रस्ताव दिया। इन लोगों ने कंपनी से प्रोजेक्ट रिपोर्ट, वित्तीय विवरण, क्रॉस्ड चेक और अन्य दस्तावेज मांगे, यह दावा करते हुए कि वे कंपनी के लिए फंडिंग की व्यवस्था करेंगे। कई जूम मीटिंग्स के बाद 24 फरवरी को विजय ने तीन अन्य व्यक्तियों शोएब उर्फ सुशांत (हुबली), सईद (कोल्हापुर) और प्रकाश को पेश किया। इन लोगों ने शिकायतकर्ता को तत्काल नकद में सर्विस फीस के रूप में 69 लाख रुपये दिल्ली के करोल बाग स्थित गोल्ड प्लाजा में जमा करने को कहा।
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26 फरवरी को विजय, प्रकाश और सईद ने फर्जी स्क्रीनशॉट भेजे, जिसमें 49 लाख रुपये की डेबिट ट्रांजेक्शन दिखाई गई, लेकिन कंपनी के खाते में कोई राशि जमा नहीं हुई। इसके बाद प्रकाश मौके से फरार हो गया, जबकि बाकी आरोपी बहाने बनाने लगे और संपर्क से बचने लगे। उसके बाद शिकायत दर्ज कर पुलिस ने जितेंद्र पांडे को गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि वह मास्टरमाइंड मोनिश बदानी, विक्रम, पिंटू, भूपेश और पारस (सभी मुंबई निवासी) के साथ मिलकर काम करता था। यह गिरोह विभिन्न शहरों में अस्थायी कार्यालय खोलता था, व्यवसायियों को सीएसआर फंड में निवेश का लालच देता था और फर्जी पेंमेंट की पुष्टि भेजकर ठगी करता था। ठगी के बाद वे कार्यालय बंद कर शहर से फरार हो जाते थे।