Delhi: सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत कर पीड़िता परिवार की जगह दोस्त के साथ घूमती रही, आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत
अदालत ने अपने 12 पेज के आदेश में पीड़िता के आचरण को 'बेहद असंभावित' बताया। न्यायाधीश ने कहा कि घटना के बाद पीड़िता घर जाने या पुलिस को सूचित करने के बजाय एक अजनबी 'अंकल' के घर रुकी, फिर आरोपी की फैक्टरी जाकर उसे थप्पड़ मारा, और दोस्त आफताब के साथ घूमती रही।
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दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को नियमित जमानत दे दी। विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट (एसएफटीसी) की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रश्मि गुप्ता ने कहा कि पीड़िता के बयानों में कई असंगतियां हैं, एफआईआर दर्ज करने में चार दिनों की देरी है, और मेडिकल जांच में कोई चोट या यौन उत्पीड़न के निशान नहीं मिले। अदालत ने कहा पीड़िता ने अपने ही बयान में बताया कि वह सामूहिक दुष्कर्म के बाद किसी अनजान व्यक्ति के घर रुकी, परिवार को बताने के स्थान पर अपने दोस्त के साथ घूमती रही, इस दौरान परिवार उसकी तलाश कर रहा था। यह बेहद असंभावित है।
फैक्टरी में हुआ सामूहिक दुष्कर्म
मामला डाबरी थाने का है, जो 10 अगस्त 2025 को पीड़िता की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत के अनुसार, 6 अगस्त 2025 को पीड़िता अपनी डांस क्लास से लौटते समय जनक सिनेमा फ्लाईओवर के पास आरोपी प्रशांत कुमार और उसके दोस्त लव कुश से मिली। दोनों ने उसे बहला-फुसलाकर प्रशांत की फैक्टरी में ले जाया, जहां पहले लव कुश और फिर चिरागु ने उसके साथ बलात्कार किया। प्रशांत ने कथित तौर पर इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर वह दोबारा आई तो वीडियो वायरल कर देगा।
घटना की जानकारी पुलिस को देने के बजाय दोस्त संग घूमती रही युवती
अदालत ने अपने 12 पेज के आदेश में पीड़िता के आचरण को 'बेहद असंभावित' बताया। न्यायाधीश ने कहा कि घटना के बाद पीड़िता घर जाने या पुलिस को सूचित करने के बजाय एक अजनबी 'अंकल' के घर रुकी, फिर आरोपी की फैक्टरी जाकर उसे थप्पड़ मारा, और दोस्त आफताब के साथ घूमती रही। जब पुलिस ने उसके माता-पिता के साथ उसे खोजा, तब भी उसने कोई यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं की। एफआईआर चार दिन बाद दर्ज हुई, जिसकी कोई संतोषजनक व्याख्या नहीं दी गई। अदालत ने यह भी कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल हो गई है, इसलिए आरोपी को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
मानसिक स्थित पर उठे सवाल
पीड़िता के वकील ने तर्क दिया कि वह आरोपी के प्रभाव में थी और डर के कारण रिपोर्ट नहीं कर पाई, साथ ही उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन अदालत ने कहा कि जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया, और पीड़िता डांस क्लास जाती थी तथा स्कूटी चलाती थी, जो अस्वस्थ दिमाग वाले व्यक्ति के लिए संभव नहीं लगता। प्रशांत कुमार को 50,000 रुपये के मुचलके और एक जमानती पर रिहा किया गया है।