रातों रात पंजाब से यूपी वाले बने अखिलेश के नए मंत्री
कुर्सी पाने को सब जायज है। तभी तो पंजाब में मोगा के रहने वाले बलवंत सिंह रामूवालिया रातोंरात गाजियाबादी हो गए। मंत्रिमंडल में जगह मिलने की सूचना मिलते ही उन्होंने वसुंधरा में एक कोठी ले ली और निवास के रूप में कविनगर के एफ ब्लॉक की कोठी संख्या छह का पता दे दिया।
जबकि यह कोठी सरदार मलकीत सिंह जस्सर की है। जस्सर रामूवालिया के रिश्तेदार हैं। हालांकि उन्होंने मेरठ से ही कानून की पढ़ाई की थी और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं।
मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया के करीबी सूत्रों के अनुसार उनका और मुलायम सिंह का साथ 30 साल पुराना है। उस समय दोनों कम्यूनिस्ट विचारधारा से सहमत होने के चलते साथ हुए थे।
मूल रूप से पंजाब में मोगा के रहने वाले बलवंत सिंह केंद्र सरकार में 1996-98 में अकाली दल के कोटे से मंत्री रह चुके हैं। वह मुलायम सिंह के बुलावे पर अकाली दल छोड़कर सपा में शामिल हुए और शनिवार को मंत्री मंडल में शामिल हो गए।
गार्ड ने बताया असली मालिक का नाम
रामूवालिया ने 1968 में मेरठ कालेज मेरठ से कानून की पढ़ाई की थी। मंत्रिमंडल में जगह मिलने की सूचना मिलते ही उन्होंने वसुंधरा में एक कोठी ले ली, लेकिन वह तत्काल रहने लायक नहीं थी।
शपथ लेते ही रामूवालिया को बाहरी बताकर चर्चाएं होने लगीं। उनसे बार-बार गाजियाबाद में निवास का पता पूछा जाने लगा। ऐसे में रामूवालिया ने कविनगर के एफ ब्लॉक में कोठी नंबर छह का पता दे दिया।
रात में जब अमर उजाला की टीम कोठी पर पहुंची तो वहां गार्ड सुनील ने बताया कि कोठी मलकीत सिंह जस्सर की है। मलकीत सिंह ने भी बताया कि रामूवालिया हमारे रिश्तेदार हैं, वह इसमें रह सकते हैं।
मंत्री जी चाहेंगे तो कोठी में उनके रहने का इंतजाम कर देंगे। सपा के जिला प्रवक्ता सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू ने बताया कि रामूवालिया को बाहरी बताकर बेवजह नया विवाद खड़ा किया जा रहा है। वह ज्यादातर समय यूपी में रहे हैं।