Delhi Budget : 1 लाख करोड़ से दिल्ली होगी समृद्ध, लोगों की सेहत सुधारने के लिए 13 हजार करोड़ का प्रावधान
इसमें यमुना की सफाई, महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास सहित 10 क्षेत्रों पर जोर देते हुए राष्ट्रीय राजधानी को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने का खाका पेश किया गया।
विस्तार
वित्त मंत्री का भी कार्यभार संभाल रहीं सीएम ने 138 मिनट के बजट भाषण में कहा कि भ्रष्टाचार और अक्षमता का दौर अब समाप्त हो गया है। भाजपा नीत सरकार ने दिल्ली में 26 वर्ष के बाद बजट प्रस्तुत किया है। बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार ने अपने 2025-26 के बजट में पूंजीगत व्यय को दोगुना करके 28,000 करोड़ रुपये कर दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट परिव्यय पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 31.5 प्रतिशत अधिक है।
साबरमती की तर्ज पर होगा यमुना का विकास, 1500 करोड़ की योजना पेश
दिल्ली में यमुना का विकास अहमदाबाद में साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यमुना की सफाई और पुनरुद्धार, उसमें नालों के गंदे पानी को गिरने से रोकने और नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने समेत एक व्यापक योजना पेश की है और इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही जल और सीवेज के बुनियादी ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए केंद्र से 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मांग की है। इस योजना में 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण शामिल है। ये संयंत्र प्रमुख नालों में जाने से पहले ही स्रोत पर गंदे पानी का उपचार करेंगे, जिससे नदी में प्रदूषण का स्तर कम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है। यमुना की सफाई हमारे घोषणापत्र का अहम हिस्सा है और इस बजट में भी यह सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत और विकास के लिए 500 करोड़ रुपये, पुरानी सीवर लाइनों को बदलने के लिए 250 करोड़ रुपये और शहर भर में जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) में सुधार के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
अब महिलाओं के खाते में आएंगे 2500 रुपये
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सबसे चर्चित योजना महिला समृद्धि योजना को बजट में जगह मिली है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 5,100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार का यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने बजट में महिलाओं को कई सौगातें दी हैं। मुख्यमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऐसे में इस योजना के तहत कुल लाभ राशि बढ़कर 21,000 रुपये हो जाएगी। साथ ही, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6 पोषण किट मिलेंगी।
पिंक टिकट की जगह कार्ड बनेंगे
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महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार पिंक टिकट की जगह कार्ड जारी करेगी। इसके अतिरिक्त, सरकार महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पूरे शहर में 50,000 सीसीटीवी कैमरे लगाएगी।
राजधानी बनेगी ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब
राष्ट्रीय राजधानी को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा। इसके लिए सरकार ढांचागत विकास की परियोजनाओं पर जोरो से काम करेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह बजट दिल्ली को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता और जल आपूर्ति के साथ-साथ ट्रैफिक प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई है। विशेष रूप से कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं जो पिछले कुछ वर्षों से ठंडे बस्ते में थीं। अब इस बजट के माध्यम से गति प्राप्त करेंगी।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट :
दिल्ली में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जाएगा, जो हर दो साल में आयोजित किया जाएगा। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन सहित कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए 50 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
60 नए सीएम श्री स्कूल खुलेंगे
सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए 19,291 करोड़ का प्रावधान किया है। यह कुल बजट का सर्वाधिक 19.29 फीसदी है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले करीब दो फीसदी कम है। सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगामी सत्र 2025-26 से 60 नए सीएम श्री स्कूल खोलेगी। यह स्कूल पीएम श्री स्कूल की तर्ज पर ही खोले जाएंगे। इनमें नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन 2023 लागू किया जाएगा। इन्हें खोलने के लिए 100 करोड़ रुपये की बजट राशि रखी गई है।
छात्राें को मिलेंगे लैपटॉप
सरकार 1200 छात्रों को नि:शुल्क लैपटॉप देगी। दसवीं के परिणाम के आधार पर 11वीं में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को दिया जाएगा। इसके लिए 7.5 करोड़ की राशि रखी गई है।
आयुष्मान योजना लागू होगी
आयुष्मान योजना के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए 477.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली में 400 स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर/आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्थापना होगी। इनकी मदद से दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी। ये दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की जगह लेंगे।
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अटल कैंटीन से 100 जगहों पर 5 रुपये में मिलेगा भोजन
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 100 जगहों पर अटल कैंटीन योजना के माध्यम से पांच रुपये में गर्म और ताजा भोजन मिलेगा। इसके लिए दिल्ली सरकार बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए अटल कैंटीन योजना लाई गई है। भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में अटल कैंटीन योजना शुरू करने का वादा किया था। इस योजना का मकसद हर एक झुग्गी बस्ती में अटल कैंटीन बनाना है।
दिल्ली में किसे कितना मिला बजट
क्षेत्र बजट फीसदी
- शिक्षा क्षेत्र 19,291 करोड़ रुपये (19.29%)
- स्वास्थ्य क्षेत्र 12,893 करोड़ रुपये (12.89%)
- सड़क और पुलों सहित परिवहन क्षेत्र 12,952 करोड़ रुपये (12.95%)
- आवास और शहरी विकास क्षेत्र 10,694 करोड़ रुपये (10.69%)
- जल आपूर्ति और स्वच्छता क्षेत्र 9,000 करोड़ रुपये (9.00%)
- समाज कल्याण और सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र 10,597 करोड़ रुपये (10.59%)
- बिजली क्षेत्र 3843 करोड़ रुपये (3.84%)
- कृषि, ग्रामीण विकास और आईएंडएफसी 1758 करोड़ रुपये (1.76%)
- ऋण की अदायगी 4,642 करोड़ रुपये (4.64%)
- ब्याज भुगतान 2,246 करोड़ रुपये (2.25%)
लोगों की सेहत सुधारने के लिए पहली बार 13 हजार करोड़
दिल्ली के लोगों की सेहत सुधारने के लिए पहली बार करीब 13 हजार करोड़ रुपये के स्वास्थ्य बजट का प्रावधान किया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 4208 करोड़ रुपये अधिक है। पहली बार मिले सर्वाधिक बजट की मदद से दिल्लीवालों को आधुनिक जांच के साथ इलाज के बेहतर विकल्प मिलेंगे। साथ ही, इलाज के खर्च में पारदर्शिता भी आएगी। स्वास्थ्य बजट में अतिरिक्त रुपये मिलने से व्यापक बदलाव आएगा। अस्पताल में दवा की उपलब्धता, स्टाफ व उपकरणों की संख्या बढ़ाने, तकनीशियन की सुविधाओं को सुधारने सहित अन्य क्षेत्र में बदलाव आएगा।
साल 2025-26 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल 12893 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। यह कुल बजट का 13 फीसदी है। दिल्ली में 27 साल बाद आई भाजपा सरकार ने भी बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को दूसरे नंबर पर रखा है। याेजना, कार्यक्रम और परियोजना पर 6874 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कुल बजट का 12 फीसदी हिस्सा है। बजट के इस हिस्से की मदद से दिल्ली के लोगों के लिए आयुष्मान योजना, स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, क्रिटिकल केयर सेंटर सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं।
आप सरकार ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में स्वास्थ्य बजट को घटाकर 8,685 करोड़ रुपये कर दिया था। कुल 10.8 फीसदी की कटौती की गई थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में आप सरकार में स्वास्थ्य का बजट 9,742 करोड़ रुपये था। आप सरकार ने साल 2015-16 में स्वास्थ्य बजट 4,787 करोड़ रुपये रखा था। 2016-17 में इसे बढ़ाकर 5,259 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2017-18 में इसमें मामूली बढ़त की गई। उस वर्ष स्वास्थ्य बजट बढ़कर 5,736 करोड़ रुपये हो गया था। वहीं, साल 2018-19 में स्वास्थ्य बजट बढ़कर 6,729 करोड़ रुपये पहुंच गया था।
कोरोना महामारी से पूर्व दिल्ली का स्वास्थ्य बजट बढ़कर साल 2019-20 में 7,485 करोड़ रुपये पहुंच गया था। कोरोना के बाद आय में कमी आई, लेकिन दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य बजट में इजाफा किया। साल 2020-21 में बजट बढ़कर 7,704 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इसके बाद के साल में बजट में लगातार कमी देखी गई। साल 2021-22 में स्वास्थ्य बजट बढ़कर 9,934 करोड़ रुपये पहुंच गया, लेकिन वित्त वर्ष 2022-23 में घट कर 9,769 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। साथ ही, बजट में कोई नई बड़ी परियोजना की घोषणा भी नहीं हुई थी।
गंभीर मरीजों को मिलेगी संजीवनी, दिल्ली में होगा सबका आयुष्मान
दिल्ली सरकार ने बजट में गंभीर मरीजों के साथ गरीब तबके के लिए विशेष प्रबंध किया है। बजट में दिल्ली सरकार ने हर व्यक्ति तक आधुनिक सुविधाओं की पहुंच बनाने के लिए अतिरिक्त बजट जारी किया है। साथ ही, नई सुविधाओं को लागू करने के लिए बजट आवंटित किया है। गंभीर मरीजों के लिए सुविधा विकसित करने पर 1666.66 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, आयुष्मान योजना के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए 477.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दिल्ली में 400 स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर/आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्थापना होगी। इनकी मदद से दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी। ये दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की जगह लेंगे। सरकारी जगह पर चल रहे मौजूदा मोहल्ला क्लीनिक को योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही, भविष्य में दिल्ली में आयुष्मान आरोग्य मंदिर का विस्तार भी होगा। इस योजना के लिए बजट में 320 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वहीं, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 10 लाख रुपये के बीमा की सुविधा देने के लिए सरकार ने बजट में 147.64 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार से भी दिल्ली सरकार को मदद मिलेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सेवाओं को ऑनलाइन किया जाएगा। योजना पूरी तरह से लागू होने के बाद मरीजों को जांच रिकार्ड के खोने का डर खत्म हो जाएगा। इस योजना के लिए सरकार ने 9.92 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
बेहतर आपातकालीन सुविधाएं देने के लिए प्रावधान
दिल्ली में गंभीर मरीजों को तुरंत और बेहतर आपातकालीन सुविधाएं देने के लिए 1666.66 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत इस फंड को खर्च किया जाएगा। योजना के तहत दिल्ली में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण होगा। इसमें सड़क हादसों सहित दूसरे गंभीर मरीजों को तुरंत बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके अलावा जांच सुविधाओं को भी मजबूत किया जाएगा।
इसकी मदद से दिल्ली में महामारी संबंधी तैयारियों में सुधारना, प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना है। दिल्ली में विकल्प के तौर पर हेल्थकेयर की सुविधा देने के लिए दिल्ली राज्य आयुष सोसाइटी का गठन होगा। यह दिल्ली आरोग्य कोष की जगह ले सकता है।
बदलेगी दमकल विभाग की सूरत, 125 करोड़ का प्रावधान
बढ़ती आबादी के बीच राजधानी में आग की घटनाएं हर साल बढ़ती जा रही हैं। मौजूदा समय में दिल्ली में हर साल औसत 30 हजार आग की सूचनाए मिलती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने बजट में दमकल विभाग के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे न सिर्फ दमकल विभाग का कायाकल्प होगा, बल्कि जनता को सुरक्षित और महफूज रखने के बेहतर इंतजाम किए जाएंगे। दिल्ली फायर सर्विस मुख्यालय को बहुमंजिला इमारत बनाने के अलावा पब्लिक से जुड़ी सुविधाओं को एआई आधारित सिस्टम से लैस किया जाएगा।
बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि छोटी गलियों और भीड़ वाले इलाकों में आग लगना दिल्ली सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है। आग लगने पर जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए दोपहिया दमकल वाहनों की शुरुआत की जा रही है। इसके अलावा भीड़ व दूरदराज वाले इलाकों में दमकल की 100 छोटी गाड़ियों को तैनात किया जाएगा। दिल्ली की ऊंची इमारतों में आग पर काबू पाने के लिए 17 बड़े एरियल प्लेटफॉर्म या हाईड्रोलिक गाड़ियां खरीदी जाएंगी।
इसके अलावा 24 मल्टी यूटिलिटी वाहनों को नवीनतम तकनीक से लैस करने के लिए उच्च दबाव पंप लगेंगे। आग बुझाते समय उसके सीधे हालात पता करने के लिए सभी दमकल की गाड़ियों पर लाइव कैमरे लगाए जाएंगे। आग लगने की कॉल आने के बाद कॉल रिस्पांस टाइम को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली फायर सर्विस के कंट्रोल रूम को अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा पब्लिक से जुड़ी सुविधाओं को सरल करने के लिए सिस्टम को एआई आधारित किया जाएगा। इससे लोगों को आसानी होगा।
बजट के खास बिंदु
- 24 मल्टी यूटिलिटी वाहनों पर उच्च दबाव पंप लगाए जाएंगे
- संकरी गलियों में आग पर काबू पाने के लिए दोपहिया वाहन
- घटनास्थल के लाइव हालात देखने के लिए सभी गाड़ियों पर कैमरे लगेंगे
- दिल्ली फायर सर्विस की इमारत को बनाया जाएगा बहुमंजिला
- दिल्ली फायर सर्विस के कंट्रोल रूम को किया जाएगा अपग्रेड
- पब्लिक से जुड़ी सुविधाओं के लिए एआई आधारित सिस्टम लाया जाएगा
अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का होगा आयोजन
राजधानी में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित होगा। दिल्ली सरकार ने बजट में इसके लिए अलग से 30 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है। इससे दिल्ली को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और शूटिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक बनाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ेगी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और गोवा सरकार के सहयोग से पणजी में समुद्री तट पर भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है, लेकिन आने वाले समय में राजधानी में इसके माध्यम से दुनियाभर के कहानीकार, फिल्म प्रेमी, उद्योग जगत के अग्रज और निर्माता न केवल फिल्मों का प्रदर्शन करने के लिए आएंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में दिल्ली की नई भूमिका तय होगी। पिछले कुछ साल में ये देखा गया कि फिल्म निर्माताओं ने दिल्ली में फिल्मों की शूटिंग करने से परहेज किया है। ऐसे में सरकार का ये निर्णय बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
विश्व पर्यटन केंद्र बनाने के लिए 117 करोड़
दिल्ली को विश्व पर्यटन केंद्र बनाने के लिए पर्यटन क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट में 117 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं, जबकि पिछले साल यह बजट 66 करोड़ रुपये था। सोनिया विहार से जगतपुर शनि मंदिर तक यमुना में नाव यात्रा का आयोजन पीपीपी मोड पर किया जाएगा, जिसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और डीडीए के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ब्रांडिंग के लिए 25 करोड़ खर्च होंगे
पर्यटन को बढ़ावा देने और दिल्ली की ब्रांडिंग के लिए 25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पर्यटन के विशिष्ट और उभरते क्षेत्रों में युवा पेशेवरों को तैयार करने के लिए फेलोशिप कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 2 करोड़ रुपये तय किए हैं। युद्ध स्मारक, कर्तव्य पथ, प्रधानमंत्री संग्रहालय और नए संसद भवन को शामिल करते हुए नया पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना है।
नई प्रतिभा खोज योजना के लिए 5 करोड़
दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खाद्य महोत्सव, संगीत समारोह जैसे कार्यक्रमों के साथ वार्षिक शीतकालीन महोत्सव का आयोजन होगा। पर्यटन के क्षेत्र में नई प्रतिभा खोज योजना के अंतर्गत 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य छिपी हुई प्रतिभाओं की पहचान करना, उन्हें मंच प्रदान करना, रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना, सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना और कलाकारों को सशक्त बनाना है। मैथिली-भोजपुरी अकादमी के लिए बजट आवंटन 3.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6.30 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
आप पर कटाक्ष.... दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है, जो भी गुजरा है उसने लूटा है
शहर में 10 वर्ष से अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली आम आदमी पार्टी (आप) पर कटाक्ष करते हुए सीएम ने प्रसिद्ध कवि बशीर बद्र की पंक्तियां सुनाईं... दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है, जो भी गुजरा है उसने लूटा है। कहा, पिछले एक दशक में दिल्ली विकास के हर पहलू में पिछड़ गई। पिछली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की आर्थिक सेहत को दीमक की तरह बर्बाद कर दिया।
शीश महल बनाया
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे और उनके (आम आदमी पार्टी) बीच बहुत अंतर है। आपने (आप) अपने लिए शीशमहल बनाया। हम गरीबों के लिए मकान बनाएंगे। आपने लाखों रुपये की टॉयलेट की सीट लगवाईं, हम झुग्गी-बस्तियों में लोगों के लिए शौचालय बनवाएंगे।
बजट हवा-हवाई, कोई आधार नहीं : आतिशी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मंगलवार को पेश किए गए बजट को हवा-हवाई करार दिया। आतिशी ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के बजट का कोई भी आर्थिक विश्लेषण में आधार नहीं है। अगर सरकार के पास वास्तव में एक लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू आ रहा होता तो वह आर्थिक सर्वेक्षण सदन में जरूर रखती।