दिल्ली में प्रदूषण पर CAQM का कड़ा रुख: छह थर्मल पावर प्लांट्स को नोटिस, 61.85 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रस्ताव
आयोग ने दोहराया कि वायु गुणवत्ता सुधार के लिए नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विस्तार
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित छह कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स को बायोमास को-फायरिंग नियमों का पालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन प्लांट्स पर कुल मिलाकर करीब 61.85 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाने का प्रस्ताव किया गया है। सीएक्यूएम की यह कार्रवाई पर्यावरण थर्मल पावर प्लांट्स की ओर से फसल अवशेषों का उपयोग नियम, 2023 के तहत की गई है।
नियमों के तहत सभी कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले के साथ कम से कम 5 प्रतिशत बायोमास पेलेट्स या ब्रिकेट्स का उपयोग करना अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पर्यावरण मुआवजे से बचने के लिए न्यूनतम तीन प्रतिशत को-फायरिंग की सीमा तय की गई है। इन नियमों का उद्देश्य पराली जलाने की घटनाओं को कम करना और एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है।
विद्युत मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की समीक्षा के बाद सीएक्यूएम ने पाया कि छह थर्मल पावर प्लांट्स में बायोमास को-फायरिंग का स्तर तय मानकों से काफी कम रहा। इन प्लांटस को 15 दिनों के भीतर अपना लिखित जवाब देना होगा। तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सीएक्यूएम अधिनियम, 2021 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीएक्यूएम ने साफ किया है कि थर्मल पावर प्लांट्स में बायोमास को-फायरिंग पराली के प्रभावी प्रबंधन और वायु प्रदूषण को कम करने का अहम उपाय है। आयोग ने दोहराया कि वायु गुणवत्ता सुधार के लिए नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इतना जुर्माना प्रस्तावित...
प्लांट्स जुर्माना
- तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (पंजाब) 33.02 करोड़,
- पानीपत थर्मल पावर स्टेशन (हरियाणा) 8.98 करोड़
- दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन (यमुनानगर) 6.69 करोड़
- राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (हिसार) 5.55 करोड़
- गुरु हरगोबिंद थर्मल पावर प्लांट (पंजाब) 4.87 करोड़
- हरदुआगंज थर्मल पावर स्टेशन (यूपी ) 2.74 करोड़
राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में 24000 चालान
ये संख्या पढ़कर आप चौक जरूर जाएंगे, मगर ये हकीकत हैं। राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में औसतन 24000 चालान होते हैं। मैनुअल चालान से ज्यादा दिल्ली में प्रमुख चौराहों व मार्गों पर लगे कैमरों से ज्यादा चालान होते हैं। चालानों से 26 फीसदी नोटिस चालान (कैमरों से होने वाले चालान) होते हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहनों के चालान होते हैं। 27 नवंबर, 2025 तक 3,17,02,524 नोटिस पेंडिंग हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली में इस वर्ष यानी वर्ष 2025 में एक जनवरी से लेकर 21 दिसंबर तक कुल 85,19,946 चालान हुए हैं। इस हिसाब से एक दिन में करीब 24000 चालान होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से लेकर 21 दिसंबर तक मैनुअल 37,69,832 चालान हुए है जबकि कैमरों से 47,50,114 नोटिस वाहन मालिकों को जारी किए गए। यानी 9,80,282 नोटिस ज्यादा जारी हुए। आंकड़ों को देखे तो एक दिन में मैनुअल चालान 10,619 किए जाते हैं जबकि कैमरों से चालान का आंकड़ा 13,381 है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में दोपहिया वाहनों के ज्यादा चालान होते हैं। अब तक 27 नवंबर, 25 तक कुल 8886780 मैनुअल चालान पेंडिंग हैं। इनमें से दोपहिया वाहनों के सबसे ज्यादा 4451626 चालान पेंडिंग हैं। इसके बाद कारों के 15879988, तिपहिया वाहनों के 1525383 और हल्के व्यवसायिक वाहनों के 599937 चालान पेंडिंग हैं।