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Tax on Air Purifiers: एयर प्यूरीफायर पर टैक्स छूट न मिलने पर हाईकोर्ट नाराज, केंद्र से पूछे तीखे सवाल
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 24 Dec 2025 02:41 PM IST
सार
दिल्ली हाई कोर्ट ने 'इमरजेंसी हालात' में एयर प्यूरीफायर पर टैक्स छूट न मिलने पर नाराजगी जताई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' है, तो इस "इमरजेंसी हालात" में अधिकारी एयर प्यूरीफायर पर टैक्स में छूट देने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
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काफी बढ़ गया AQI
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में बने रहने वाले एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को देखते हुए केंद्र सरकार पर नाराजगी जताई।
अदालत ने सवाल करते हुए पूछा कि जब सरकार लोगों को साफ हवा उपलब्ध नहीं करा पा रही है, तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी (GST) में छूट या कमी क्यों नहीं की जा रही है?
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने सरकारी वकील से इस मुद्दे पर तुरंत निर्देश लेकर दोपहर 2:30 बजे तक अदालत को सूचित करने के लिए कहा है। अदालत ने इसे "इमरजेंसी स्थिति" करार देते हुए टिप्पणी की कि हर व्यक्ति दिन में लगभग 21,000 बार सांस लेता है और प्रदूषित हवा से होने वाले नुकसान की कल्पना कीजिए।
यह सुनवाई अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर हो रही है, जिसमें मांग की गई है कि एयर प्यूरीफायर को 'मेडिकल डिवाइस' के रूप में वर्गीकृत किया जाए। इससे इन पर लगने वाला जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर मात्र 5 प्रतिशत किया जा सकता है।
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अदालत ने सवाल करते हुए पूछा कि जब सरकार लोगों को साफ हवा उपलब्ध नहीं करा पा रही है, तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी (GST) में छूट या कमी क्यों नहीं की जा रही है?
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चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने सरकारी वकील से इस मुद्दे पर तुरंत निर्देश लेकर दोपहर 2:30 बजे तक अदालत को सूचित करने के लिए कहा है। अदालत ने इसे "इमरजेंसी स्थिति" करार देते हुए टिप्पणी की कि हर व्यक्ति दिन में लगभग 21,000 बार सांस लेता है और प्रदूषित हवा से होने वाले नुकसान की कल्पना कीजिए।
यह सुनवाई अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर हो रही है, जिसमें मांग की गई है कि एयर प्यूरीफायर को 'मेडिकल डिवाइस' के रूप में वर्गीकृत किया जाए। इससे इन पर लगने वाला जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर मात्र 5 प्रतिशत किया जा सकता है।