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राहुल गांधी नागरिकता विवाद: इलाहाबाद HC का याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट में पेश, दावा- सीबीआई कर रही जांच
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: श्याम जी.
Updated Wed, 06 Nov 2024 06:17 PM IST
सार
दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही एक जनहित याचिका पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता की सीबीआई जांच शुरू की गई है।
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राहुल गांधी
- फोटो : ANI
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विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट को बुधवार को सूचित किया गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। कर्नाटक से भाजपा सदस्य विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष वर्चुअली विग्नेश शिशिर पेश हुए। पीठ इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कांग्रेस नेता के खिलाफ अपनी शिकायत पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
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शिशिर ने कहा इस मामले में वे सीबीआई के समक्ष पेश हुए है और इस मामले में बहुत गोपनीय साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। चूंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यवाही बहुत आगे बढ़ चुकी है। शिशिर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी जनहित याचिका में हुए घटनाक्रम पर प्रासंगिक दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कुछ समय मांगा। पीठ ने आदेश दिया कि पक्षकार बनने के लिए आवेदन के साथ दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल किया जाए। सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित जनहित याचिका में व्यापक प्रार्थनाएं शामिल हैं और वह नहीं चाहती कि एक ही मुद्दे पर दो समानांतर कार्यवाही जारी रहे।
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शिशिर ने दावा किया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष उनकी जनहित याचिका एक उन्नत चरण में है, जबकि स्वामी ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर न्यायालय को बताया कि उन्होंने 2017 में ही यह मुद्दा उठाया था और दोनों मामलों में प्रार्थनाएं समान नहीं हैं। मामले की सुनवाई अब 6 दिसंबर को होगी। अगस्त 2019 में स्वामी ने कांग्रेस नेता द्वारा ब्रिटिश सरकार को स्वेच्छा से खुलासा करने में किए गए कथित उल्लंघनों पर केंद्र को एक पत्र लिखा था कि वह ब्रिटिश राष्ट्रीयता के नागरिक हैं, जो ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के बराबर है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि भारतीय नागरिक होने के नाते गांधी ने भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के साथ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का उल्लंघन किया है।
स्वामी ने दावा किया है कि गांधी भारतीय नागरिक नहीं रह जाएंगे। भारत के संविधान के अनुच्छेद 9 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं होगा या भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा यदि उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है। केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल 2019 को गांधी को नागरिकता के संबंध में शिकायत विषय के साथ एक नोटिस भेजा था। स्वामी ने लिखा था कि बैकॉप्स लिमिटेड नामक एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें गांधी निदेशक और सचिव थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दायर कंपनी के वार्षिक रिटर्न में गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी।