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चलो दिल्ली मार्च: किसानों के अलावा आसपास के लोग भी खाने-पीने और दवाओं का उठा रहे लाभ
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: Mohit Mudgal
Updated Sat, 05 Dec 2020 10:17 PM IST
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : शुभम बंसल
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देश के कई राज्यों से आए किसान सिंघु बार्डर पर डटे हुए हैं। ऐसे में किसानों को खाने-पीने, दवाईओं उनकी जरूरत से जुड़ी हर चीज को मुहैया करवाया जा रहा है। कोविड और सर्द मौसम की वह से बार्डर पर करीब हर दस कदम पर किसानों के लिए एक मेडिकल कैंप लगा है। वहीं करीब हर गांव का ही अपना लंगर है।
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हालांकि गुरुद्वारों के अलावा बहुत से समाजसेवी संस्थाएं किसानों के खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन किसान अपने-अपने गांव से खाने-पीने का राशन व अन्य सामान लेकर आएं हैं। यहां किसी को भी कोई बंदिश नहीं है, कोई कहीं भी लंगर में जाकर खाना खा सकता है। किसानों को यह लंगर आसपास रहने वाले गरीब लोगों के लिए भी सहारा बन गए हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग खाने-पीने और दवाईयों का फायदा ले रहे हैं।
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भारतीय किसान यूनियन से जुड़े गुरमुख सिंह ने बताया कि एक अंदाजे के मुताबिक अकेले सिंघु बार्डपर 100 से अधिक मेडिकल कैंप और 200 से अधिक लंगर चलाए जा रहे हैं। मेडिकल कैंप पर ब्लड प्रेशर के अलावा शुगर की जांच की जा रही है। ज्यादातर लोग यहां सर्दी और खासी के मरीज आ रहे हैं। मेडिकल कैंप में किसानों को कोविड से बचाव के अलावा मास्क और सैनिटाइजर भी बांटे जा रहे हैं।
वहीं सिंघु बार्डर पर ही सिख काउंसिल ऑफ न्यूजीलैंड की ओर से उनकी जरूरत का सामान बांटा जा रहा है। खालसा ऐड किसानों को टूथब्रश, कोलगेट, नहाने और कपड़े धोने की साबुन, तोलिया, अंडरवीयर, बनियान व अन्य सामान बांट रही है। शनिवार को कुछ लंगरों में तंदूरों की व्यवस्था भी कर दी गई। पहले वहां तवे पर रोटियां पकाई जा रही थीं।