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Chhath Puja 2025: किन्नर समाज की सनम की छठ भक्ति, आठ साल से निभा रहीं परंपरा, जानें क्या कहा
काजल कुमारी, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनुज कुमार
Updated Mon, 27 Oct 2025 11:47 AM IST
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सार
दिल्ली की सनम किन्नर समाज की सदस्य के रूप में 7-8 साल से छठ व्रत विधि-विधान से कर रही हैं। उनके लिए यह पर्व मां की परंपरा और एकता, सहयोग, समानता का प्रतीक है।
सनम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छठ महापर्व की खास बात यह है कि इसे निभाने में न कोई भेदभाव होता है और न कोई सामाजिक बंधन। आस्था और विश्वास का यही रंग अब किन्नर समाज में भी गहराई से देखने को मिल रहा है। राजधानी के बदरपुर इलाके में रहने वाली किन्नर समाज की सदस्य सनम पिछले सात से आठ साल से छठ व्रत कर रही हैं।
वे पूरे विधि-विधान के साथ इस पर्व को मनाती हैं। सनम बताती हैं कि उन्होंने अपनी मां को बचपन से छठ व्रत करते देखा था, उसी परंपरा को अब वे अपने जीवन में आगे बढ़ा रही हैं। उनके लिए यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मां से जुड़ी भावनाओं और श्रद्धा का प्रतीक है।
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सनम कहती हैं कि मैं बचपन से देखती आई हूं कि मां छठ के लिए कितनी मेहनत करती थीं, व्रत रखती थीं, घाट सजाती थीं और प्रसाद बनाती थीं। वही संस्कार मेरे मन में बस गए, इसलिए मैं भी हर साल पूरे मन से छठ करती हूं।
अब सनम अपने परिवार के साथ नहीं रहती इसलिए वह छठ महापर्व पर किन्नर समाज की अन्य सदस्य और उनकी गुरु मां को व्रत में शामिल शामिल करती हैं। सभी मिलकर टेकुआ, ठेकुआ और खाजा जैसे पारंपरिक प्रसाद तैयार करती हैं। मिलकर छठ घाट की सफाई, सजावट और पूजा की सभी तैयारियों में सहयोग देती हैं।
वे कहती हैं कि यह पर्व उन्हें एकता, सहयोग और समानता का संदेश देता है। सनम का कहना है कि छठ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि यह एक भावना है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति दिल से की जाए तो भगवान हर रूप में कृपा करते हैं।